खेल जगत में एक बड़ा तूफान आया है। पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि मोदी जी के दिल में खिलाड़ियों के लिए सच्चा प्यार नहीं है। ये बात सुनकर हर किसी के कान खड़े हो गए हैं। आइए जानते हैं कि आखिर विनेश ने ऐसा क्यों कहा और इसके पीछे की पूरी कहानी क्या है।
पेरिस ओलंपिक में क्या हुआ?
पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) से सभी को गोल्ड मेडल की उम्मीद थी। लेकिन एक छोटी सी गलती ने उनका सपना तोड़ दिया। फाइनल मैच के दिन उनका वजन सिर्फ 100 ग्राम ज्यादा निकला और वो डिस्क्वालिफाई हो गईं। यानी उन्हें मैच खेलने से पहले ही बाहर कर दिया गया। ये खबर सुनकर पूरे देश को बहुत दुख हुआ।
प्रधानमंत्री के ट्वीट पर विनेश का गुस्सा
जब विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) मेडल नहीं जीत पाईं, तब प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट किया। उन्होंने विनेश को ‘चैंपियनों की चैंपियन’ कहा। लेकिन विनेश को लगता है कि ये सिर्फ दिखावा था। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने ये ट्वीट एक दिन बाद किया। जबकि पहले वो तुरंत खिलाड़ियों को फोन करते थे। विनेश ने पूछा, “फाइनल में पहुंचने के बाद मुझे प्रधानमंत्री का फोन क्यों नहीं आया?”
खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर चुप्पी
विनेश ने एक और बात कही जो सबको सोचने पर मजबूर कर देगी। उन्होंने याद दिलाया कि जब खिलाड़ियों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया था, तब प्रधानमंत्री चुप रहे थे। विनेश ने कहा, “अगर उनके दिल में खिलाड़ियों के लिए सच्चा प्यार होता, तो वो चुप नहीं रहते। वो सिर्फ अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं।”
सरकारी इनाम पर सवाल
विनेश ने हरियाणा सरकार के इनाम पर भी सवाल उठाए हैं। सरकार ने कहा था कि वो विनेश को रजत पदक विजेता जितना इनाम देंगे। लेकिन विनेश को लगता है कि ये सिर्फ राजनीति थी। उन्होंने कहा, “देशवासियों के दिल में मेरे प्रति भावनाएं थीं, मैं किसी को भावनाओं के साथ राजनीति नहीं करने दूंगी।” उन्होंने बताया कि उन्हें ओलंपिक के लिए सिर्फ 15 लाख रुपये मिले।
खेल नियमों में बदलाव की मांग
विनेश ने एक बड़ी बात कही है जो सभी खिलाड़ियों के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संस्था को नियम बदलने चाहिए। उनका कहना है कि फाइनल में पहुंचने वाले खिलाड़ियों का वजन दोबारा नहीं जांचा जाना चाहिए। या फिर उन्हें वजन घटाने के लिए ज्यादा समय दिया जाना चाहिए। खासकर महिला खिलाड़ियों के लिए ये बहुत जरूरी है।
विनेश की आवाज में सभी खिलाड़ियों का दर्द
विनेश की बातों से साफ है कि वो सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि सभी खिलाड़ियों के लिए आवाज उठा रही हैं। उन्होंने बताया कि खेल गांव में कम से कम 50 ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने उनसे कहा कि वजन की ये समस्या गलत है। विनेश की ये बातें सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि हर खिलाड़ी के दिल की आवाज हैं।
खेल और राजनीति के बीच का रिश्ता बहुत पेचीदा है
इस पूरी कहानी से साफ है कि खेल और राजनीति के बीच का रिश्ता बहुत पेचीदा है। विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) जैसे खिलाड़ी चाहते हैं कि नेता सिर्फ बातें न करें, बल्कि सच में उनकी मदद करें। उनकी आवाज सुनें और खेल के नियमों में बदलाव लाएं। ये सिर्फ विनेश की नहीं, बल्कि हर खिलाड़ी की मांग है। अब देखना ये है कि सरकार इन बातों पर कैसे जवाब देती है और क्या कदम उठाती है।
#WrestlingNews #PoliticalDrama #IndianSports #PublicReaction #SportsAndPolitics #SocialMediaBuzz #Allegations