Tirupati Prasad: क्या खतरे में है करोड़ों भक्तों की आस्था? सुप्रीम कोर्ट ने उठाया ये बड़ा कदम!

तिरुपति बालाजी मंदिर

तिरुपति बालाजी मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र स्थानों में से एक है। यहां का प्रसाद, खासकर लड्डू, पूरे देश में मशहूर है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से इन लड्डुओं को लेकर एक बड़ा विवाद चल रहा है। तिरुपति प्रसाद (Tirupati Prasad) में कथित तौर पर पशु चर्बी के इस्तेमाल का आरोप लगा है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है।

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?

आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया। जज ने कहा कि यह करोड़ों लोगों की आस्था का मामला है। इसलिए इसकी जांच बहुत ध्यान से होनी चाहिए। कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक नई तिरुपति प्रसाद (Tirupati Prasad) जांच टीम बनाई जाएगी। इस टीम को SIT यानी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम कहा जाएगा। इस टीम में अलग-अलग जगहों से लोग शामिल होंगे। जैसे:

  • दो लोग CBI से
  • दो लोग राज्य सरकार से
  • एक व्यक्ति FSSAI से

यह टीम पूरी तरह से स्वतंत्र होगी। इसकी निगरानी CBI के डायरेक्टर करेंगे।

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क्यों लिया गया यह फैसला?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि “यह फैसला करोड़ों भक्तों की आस्था को ध्यान में रखकर लिया गया है। कोर्ट नहीं चाहता कि इस मामले को लेकर कोई राजनीति हो। इसलिए एक स्वतंत्र जांच टीम बनाने का फैसला लिया गया है।” कोर्ट ने यह भी कहा कि “अगर लड्डुओं में सच में पशु चर्बी का इस्तेमाल हुआ है, तो यह बहुत गंभीर बात है। इसलिए इसकी सही जांच होनी चाहिए।”

वकीलों ने क्या कहा?

तिरुपति प्रसाद

इस मामले में कई वकीलों ने अपनी बात रखी। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कपिल सिब्बल ने कहा कि “इस मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से होनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि “राज्य सरकार की SIT से जांच नहीं कराई जानी चाहिए।” वहीं, आंध्र प्रदेश सरकार की तरफ से मुकुल रोहतगी ने कहा कि “मुख्यमंत्री के बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री ने जो कहा था, वह सरकार के 100 दिन पूरे होने पर था। इसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।” केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि “अगर इस आरोप में कोई सच्चाई है, तो यह बिल्कुल भी स्वीकार नहीं किया जा सकता।” उन्होंने कहा कि “यह पूरे देश के भक्तों का मामला है और खाने की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।”

जांच का महत्व

सुप्रीम कोर्ट की SIT जांच (Supreme Court SIT Investigation) इस पूरे मामले को नए सिरे से देखेगी। यह जांच सिर्फ एक मंदिर का मामला नहीं है, बल्कि पूरे देश के लाखों-करोड़ों भक्तों की आस्था से जुड़ा हुआ है। इसलिए इसकी जांच बहुत सावधानी से की जाएगी। तिरुपति मंदिर के अधिकारियों ने कहा है कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि उनके यहां लड्डू बनाने का तरीका बिल्कुल शुद्ध और पारंपरिक है।

ज्यादातर भक्तों ने मंदिर पर जताया है अपना भरोसा 

तिरुपति मंदिर के लड्डू न सिर्फ स्वाद के लिए मशहूर हैं, बल्कि लोगों की आस्था का भी प्रतीक हैं। इस विवाद के बीच भी ज्यादातर भक्तों ने मंदिर पर अपना भरोसा जताया है। सुप्रीम कोर्ट की इस पहल से उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले का निष्पक्ष हल निकल आएगा।

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