पुणे: पोर्शे कार हिट एंड रन मामले में पुणे पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। क्राइम ब्रांच ने सोमवार को ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों, डॉ. अजय तावरे और डॉ. श्रीहरि हार्लोर को गिरफ्तार किया है। इन दोनों डॉक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने नाबालिग आरोपी की ब्लड रिपोर्ट में हेरफेर की और सबूतों से छेड़छाड़ की।
घटना का विवरण
घटना में पकड़े गए नाबालिग आरोपी ने शराब के नशे में अपनी पोर्शे कार से मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिससे दो इंजीनियरों की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। पुलिस ने आरोपी के ब्लड सैंपल की जांच के लिए ससून अस्पताल भेजा था, जहां आरोप है कि दोनों डॉक्टरों ने मिलीभगत से आरोपी के ब्लड सैंपल को किसी दूसरे ब्लड सैंपल के साथ बदल दिया।
सीसीटीवी फुटेज से खुलासा
आरोपी की पहचान अश्विनी कोस्ता और अनीश अवधिया के रूप में हुई, जो तेज गति से पोर्शे कार चला रहे थे। गिरफ्तारी के आठ घंटे बाद उन्हें रक्त परीक्षण के लिए ले जाया गया, जिसमें जांच के बाद पता चला कि आरोपी ने शराब का सेवन नहीं किया था। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज और बार के बिल से पता चला कि उन्होंने शराब पी थी।
पुलिस की कार्रवाई
पुणे पुलिस ने दोनों डॉक्टरों, डॉ. अजय तावरे और डॉ. श्रीहरि हार्लोर पर नाबालिग आरोपी की रक्त रिपोर्ट में हेरफेर करने का आरोप लगाया है। पुलिस के अनुसार, दोनों डॉक्टरों ने नाबालिग आरोपी के खून के नमूने बदल दिए थे। डॉ. अजय तावरे ससून अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक हैं। पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है और उन्हें दोपहर में अदालत में पेश किया जाएगा।
घटना के बाद की कार्रवाई
घटना के बाद नाबालिग आरोपी को सुबह 11 बजे मेडिकल टेस्ट के लिए ससून अस्पताल लाया गया था, जहां पर उसकी ब्लड सैंपल की जांच की गई थी। पुलिस को तब संदेह हुआ जब ब्लड सैंपल ने शराब सेवन की पुष्टि नहीं की। बाद में दोबारा बल्ड सैंपल जांच कराने पर शराब सेवन की पुष्टि हुई।
निष्कर्ष
पुणे पोर्शे कार क्रैश मामले की गुत्थी सुझलाने का नाम नहीं ले रही है। नए-नए खुलासों के चलते, पुलिस अब सख्त कदम उठा रही है। ससून अस्पताल के दोनों डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद, उम्मीद है कि इस मामले में न्याय हो सकेगा और दोषियों को सजा मिलेगी।