भारत में आरक्षण एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण विषय रहा है, जिस वजह से देशभर में गंभीर बहस और आंदोलन होते आ रहे हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण से संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया, जिसे कई संगठनों और समुदायों ने स्वीकार्य नहीं किया। इसके विरोध में आज (21 अगस्त) ‘भारत बंद’ (Bharat Bandh) का आह्वान किया गया है, जो पूरे देश में व्यापक स्तर पर समर्थन प्राप्त कर रहा है। दरअसल अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों ने विरोध जाता रहे हैं। इसी वजह से आज ‘भारत बंद’ का आह्वान किया गया है, जिसे बहुजन समाज पार्टी का भी समर्थन मिल गया है। पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं से ‘भारत बंद’ में शामिल होने का आह्वान किया है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 1 अगस्त को अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था। अदालत ने कहा कि राज्यों को आरक्षण के भीतर कोटा (Quota within Quota) बनाने का अधिकार है, यानी राज्य सरकारें अनुसूचित जाति और जनजाति श्रेणियों के लिए सब-कैटेगरी बना सकती हैं। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि क्रीमी लेयर का सिद्धांत अनुसूचित जातियों पर भी उसी तरह लागू होता है, जैसे यह ओबीसी पर लागू होता है। इस फैसले का बसपा प्रमुख मायावती सहित कई नेताओं ने विरोध किया है।
कोटे के भीतर कोटा
कोटा के भीतर कोटा का मतलब है कि आरक्षण के मौजूदा प्रतिशत के भीतर ही एक नई आरक्षण व्यवस्था लागू की जाए, ताकि वे जरूरतमंद लोग भी इसका लाभ पा सकें, जो अब तक इससे वंचित रह जाते थे। साल 2004 में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश सरकार मामले में कहा था कि राज्य सरकारें नौकरी में आरक्षण के लिए अनुसूचित जाति और जनजातियों की सब-कैटेगरी नहीं बना सकतीं। लेकिन हालिया फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने इस पुराने फैसले को पलट दिया है।
भारत बंद को बसपा का समर्थन
बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने ट्विटर पर ट्वीट कर लिखा है कि आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ SC/ST समाज में काफी गुस्सा है। फैसले के विरोध में हमारे समाज ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। हमारा समाज शांतिप्रिय समाज है। हम सबका सहयोग करते हैं। सबके सुख-दुख में हमारा समाज शामिल होता है। लेकिन आज हमारी आजादी पर हमला किया जा रहा है।
सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने इस फैसले के बाद उत्पन्न स्थिति को देखते हुए शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। सरकार ने यह भी कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करती है, लेकिन साथ ही जनता की भावनाओं का भी आदर किया जाएगा। कुछ राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला और इसके विरोध में आज ‘भारत बंद’ (Bharat Bandh) का आह्वान देश के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित कर सकता है।
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