हाल ही में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया। एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की इस घटना ने महिला सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर सामने ला दिया। यह घटना इतनी भयानक थी कि इसने न केवल आम लोगों को, बल्कि राजनीतिक गलियारों को भी हिला दिया। बंगाल (Bengal) में महिला सुरक्षा एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। इस बार मामला सिर्फ एक घटना तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच टकराव की वजह भी बन गया है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला और क्यों यह इतना गरमाया हुआ है।
घटना के बाद ममता बनर्जी ने अपनाया कड़ा रुख
इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल (Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो पत्र लिखे जिनमें महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर कड़े कानून की मांग की गई। ममता ने अपने पत्रों में कहा कि बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए सख्त सजा का प्रावधान होना चाहिए। साथ ही, उन्होंने इन मामलों को तेजी से निपटाने के लिए एक समयबद्ध प्रणाली की भी मांग की।
महिला सुरक्षा: राज्य बनाम केंद्र
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के पत्रों के जवाब में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि ममता द्वारा दी गई जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत है। अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) और विशेष POCSO कोर्ट की स्थिति ममता बनर्जी के दावों से बिल्कुल अलग है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “कलकत्ता हाईकोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल (Bengal) ने 88 फास्ट ट्रैक कोर्ट (FTC) तो स्थापित किए हैं, लेकिन ये केंद्र सरकार की योजना के तहत आने वाले फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) से अलग हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में बलात्कार और POCSO के 48,600 मामले लंबित हैं, फिर भी राज्य सरकार ने अतिरिक्त 11 FTSC को अभी तक चालू नहीं किया है।”
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया: आरोप-प्रत्यारोप का दौर
इस पूरे मामले में राजनीतिक दलों ने भी अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर आरोप लगाया है कि वे अपने राज्य में महिला सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही हैं। पश्चिम बंगाल (Bengal) के भाजपा सह-प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए मौजूदा नियमों और कानूनों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने में विफल रही हैं। दूसरी ओर, ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि भाजपा जूनियर डॉक्टर की दुखद घटना का फायदा उठाकर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है।
जांच की स्थिति: क्या हो रहा है अब?
इस बीच, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना की जांच तेजी से चल रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मुख्य संदिग्ध संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया है। संजय रॉय को उस अस्पताल के सेमिनार कक्ष के बाहर सीसीटीवी में देखा गया था, जहां जूनियर डॉक्टर का शव मिला था। साथ ही, कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भी जांच की जा रही है।
महिला सुरक्षा: हमारी जिम्मेदारी
इस पूरे मामले से एक बात साफ है कि महिला सुरक्षा सिर्फ सरकार या कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं है। यह हम सभी की जिम्मेदारी है। हमें अपने आस-पास की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति सजग रहना होगा। साथ ही, समाज में ऐसा माहौल बनाना होगा जहां महिलाएं बिना किसी डर के अपना जीवन जी सकें।
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