दुनिया की टॉप कंपनियों पर भारतीय CEO का कब्जा: आज के दौर में, जब हम अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं, तो शायद ही कभी सोचते हैं कि इन टेक्नोलॉजी की दुनिया को चलाने वाले लोग कौन हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें से कई बड़ी कंपनियों की कमान भारतीय मूल के लोगों के हाथों में है? चलिए आपको बताते हैं कि कैसे हमारे देश के लोग दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।
ऐपल में नया भारतीय चेहरा
दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों में भारतीयों की उपस्थिति लगातार बढ़ रही है। अब ऐपल (Apple) ने भी इस सूची में भारतीय मूल के केवन पारेख को अपने चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) के रूप में नियुक्त किया है। पारेख पिछले 11 सालों से ऐपल से जुड़े हुए हैं। यह दिखाता है कि भारतीय पेशेवर अब अंतरराष्ट्रीय टेक कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर अपनी जगह बना रहे हैं। आइए जानते हैं किन अन्य बड़ी कंपनियों के CEO भी भारतीय मूल के हैं।
गूगल और अल्फाबेट: सुंदर पिचाई का जादू
सबसे पहले बात करते हैं गूगल की। हां, वही गूगल जिसका नाम सुनते ही हमारे दिमाग में सर्च इंजन की तस्वीर आ जाती है। इस दिग्गज कंपनी के CEO यानी मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं सुंदर पिचाई। चेन्नई में जन्मे सुंदर ने अपनी मेहनत और लगन से न सिर्फ गूगल बल्कि उसकी पैरेंट कंपनी अल्फाबेट की भी कमान संभाली हुई है।
सुंदर का सफर बहुत दिलचस्प है। 2004 में गूगल में शामिल होने के बाद, उन्होंने कदम-दर-कदम तरक्की की और 2015 में गूगल के CEO बन गए। फिर 2019 में उन्हें अल्फाबेट का भी CEO बना दिया गया। सोचिए, एक भारतीय दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक का नेतृत्व कर रहा है! ये बात हर भारतीय के लिए गर्व की है।
माइक्रोसॉफ्ट: सत्या नडेला की कहानी
अब बात करते हैं माइक्रोसॉफ्ट की। जी हां, वही कंपनी जिसने हमें विंडोज दिया। इस दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी के CEO हैं सत्या नडेला। हैदराबाद में जन्मे सत्या 2014 से माइक्रोसॉफ्ट की अगुवाई कर रहे हैं। सत्या ने अपनी नेतृत्व क्षमता से माइक्रोसॉफ्ट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उन्होंने कंपनी को क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नए क्षेत्रों में आगे बढ़ाया।
यूट्यूब: नील मोहन का वीडियो मैजिक
क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब भी एक भारतीय के नेतृत्व में है? जी हां, यूट्यूब के CEO हैं नील मोहन। नील ने लखनऊ के सेंट फ्रांसिस स्कूल से पढ़ाई की और फिर अमेरिका में अपना करियर बनाया। नील के नेतृत्व में यूट्यूब ने कई नए फीचर्स जोड़े हैं और प्लेटफॉर्म को और भी उपयोगी बनाया है।
एडोबी: शांतनु नारायण का क्रिएटिव टच
फोटोशॉप बनाने वाली कंपनी एडोबी के CEO हैं शांतनु नारायण। हैदराबाद में जन्मे शांतनु ने अपनी प्रतिभा से एडोबी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उनके नेतृत्व में एडोबी ने कई नए प्रोडक्ट्स लॉन्च किए हैं जो डिजिटल क्रिएटिविटी को नया आयाम दे रहे हैं। उनके नेतृत्व में एडोबी ने न सिर्फ अपने बिजनेस को बढ़ाया है, बल्कि लाखों लोगों को अपनी रचनात्मकता को डिजिटल रूप देने में मदद की है।
वर्ल्ड बैंक: अजय बंगा का वैश्विक नेतृत्व
भारतीय मूल के अजय बंगा अब वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट हैं। पुणे में जन्मे अजय पहले मास्टरकार्ड के CEO रह चुके हैं। उनका चुना जाना इस बात का प्रमाण है कि भारतीय प्रतिभा सिर्फ टेक कंपनियों तक ही सीमित नहीं है। उनके अनुभव और दूरदर्शिता से दुनिया के गरीब देशों को फायदा होने की उम्मीद है।
आईबीएम: अरविंद कृष्णा का टेक्नोलॉजी मंथन
आईबीएम जैसी दिग्गज कंपनी के CEO हैं अरविंद कृष्णा। आंध्र प्रदेश में जन्मे अरविंद ने IIT कानपुर से पढ़ाई की और फिर अमेरिका में अपना करियर बनाया। 1990 से आईबीएम के साथ जुड़े अरविंद 2020 से कंपनी के CEO हैं। अरविंद के नेतृत्व में आईबीएम क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रही है।
और भी हैं भारत के सितारें
लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती। पालो ऑल्टो नेटवर्क्स के निकेश अरोड़ा, माइक्रॉन के संजय मल्होत्रा और नेटऐप के जार्ज कुरियन – ये सभी भारतीय मूल के हैं और अपनी-अपनी कंपनियों को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।
जब हम इन नामों को देखते हैं, तो दिल गर्व से भर जाता है। चाहे वो गूगल हो या माइक्रोसॉफ्ट, यूट्यूब हो या एडोबी, हर जगह भारतीय दिमाग अपना जलवा दिखा रहा है। ये सिर्फ कुछ उदाहरण हैं, ऐसे और भी कई भारतीय हैं जो दुनिया भर की बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं।
#IndianCEOs #GlobalLeaders #TechInnovation #IndianTalent #CorporateSuccess