भारत का शेयर बाजार हाल ही में एक बड़े झटके से गुजरा है। सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) में जबरदस्त गिरावट ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। इस लेख में हम इस गिरावट (stock market crash) के पीछे की असली वजहों को समझने की कोशिश करेंगे और यह भी देखेंगे कि निवेशकों को आगे क्या करना चाहिए।
वैश्विक मंदी की छाया (global recession)
इस बड़ी गिरावट की सबसे बड़ी वजह वैश्विक स्तर पर मंदी (global recession) की आशंका है। अमेरिका में अर्थव्यवस्था की हालत ठीक नहीं चल रही है। वहां मंदी के संकेत मिल रहे हैं। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, इसलिए वहां की स्थिति का असर पूरी दुनिया पर पड़ता है। जब अमेरिका की अर्थव्यवस्था डगमगाती है तो पूरा विश्व डर जाता है। इस डर की वजह से ही शेयर बाजारों में गिरावट (stock market crash) आई है।
भू-राजनीतिक तनाव का असर
दूसरी बड़ी वजह है दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे तनाव। ईरान और इजराइल के बीच की लड़ाई, यूक्रेन और रूस का युद्ध, ये सब चीजें बाजार को डरा रही हैं। जब देशों के बीच लड़ाई-झगड़े होते हैं तो लोग पैसों को सुरक्षित जगह पर लगाना चाहते हैं। इसीलिए शेयर बाजार से पैसा निकालकर सोने या दूसरे सुरक्षित जगहों पर लगा रहे हैं।
सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) में भारी गिरावट
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) आज 2.74 प्रतिशत या 2222 अंक की गिरावट के साथ 78,759 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह अपने न्यूनतम स्तर 78,295 अंक तक गिरा। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख सूचकांक निफ्टी आज 2.68 प्रतिशत या 662 अंक गिरकर 24,055 पर बंद हुआ। यह अपने न्यूनतम स्तर 23,893 अंक तक गिरा।
प्रमुख शेयरों का प्रदर्शन
बाजार में आई इस गिरावट (stock market crash) में लगभग सभी सेक्टर के शेयर प्रभावित हुए। बैंकिंग, आईटी, ऑटो और मेटल सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। HDFC बैंक, ICICI बैंक, Reliance Industries, Infosys और TCS जैसे बड़े शेयरों में 3-5% तक की गिरावट आई।
विदेशी निवेशकों का रुख
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भी भारतीय बाजार से पैसे निकालना शुरू कर दिया है। पिछले हफ्ते FIIs ने लगभग 15,000 करोड़ रुपये की निकासी की, जो इस साल की सबसे बड़ी साप्ताहिक निकासी है।
भारत की स्थिति क्या है?
भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी ठीक चल रही है, लेकिन वैश्विक मंदी (global recession) का असर भारत पर भी पड़ रहा है। भारत से भी कई कंपनियां अमेरिका और यूरोप में अपना सामान बेचती हैं। अगर वहां की अर्थव्यवस्था खराब हुई तो इन कंपनियों को भी नुकसान होगा। इसीलिए भारतीय शेयर बाजार भी प्रभावित हुआ है।
निवेशकों के लिए क्या करें?
अगर आपने शेयर बाजार में पैसा लगाया है तो घबराने की जरूरत नहीं है। बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। लंबे समय के लिए निवेश करने वाले लोगों को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर आपने हाल ही में पैसा लगाया है तो सावधान रहने की जरूरत है।
घबराएं नहीं: बाजार में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।
लंबे समय का प्लान बनाएं: शेयर बाजार में लंबे समय के लिए निवेश करना फायदेमंद होता है।
विभिन्न सेक्टर में निवेश (investment) करें: अपने पैसे को एक ही जगह पर न लगाएं।
सलाहकार की मदद लें: अगर आपको समझ नहीं आ रहा है कि क्या करना है तो किसी अच्छे सलाहकार से बात करें।
शेयर बाजार में आई गिरावट (stock market crash) ने सभी को चौंका दिया है। लेकिन यह एक अस्थायी स्थिति हो सकती है। लंबे समय के नजरिए से देखें तो भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है। इसलिए निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए और समझदारी से फैसले लेने चाहिए।