यह सच है कि हाल के वर्षों में IIT से निकलने वाले कुछ छात्रों को नौकरी ढूंढने में परेशानी हो रही है। 2023 में, IIT बॉम्बे के 36% छात्रों को प्लेसमेंट सीज़न के दौरान नौकरी नहीं मिली थी।
यह चिंता का विषय है, खासकर उन छात्रों और उनके माता-पिता के लिए जिन्होंने IIT में प्रवेश पाने के लिए कड़ी मेहनत की है और मोटी रकम खर्च की है।
इस समस्या के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
कौशल की कमी: कुछ नियोक्ताओं का कहना है कि IIT से निकलने वाले छात्रों में आवश्यक “सॉफ्ट स्किल” या व्यावहारिक अनुभव की कमी होती है।
अर्थव्यवस्था में मंदी: 2020 और 2021 में COVID-19 महामारी के कारण कई कंपनियों ने भर्ती पर रोक लगा दी थी, जिससे नौकरी के अवसरों में कमी आई।
असंतुलित शिक्षा प्रणाली: यह भी तर्क दिया जाता है कि IIT के पाठ्यक्रम उद्योग की ज़रूरतों के अनुरूप नहीं हैं, जिससे छात्रों को नौकरी के लिए तैयार होने में मुश्किल होती है।
अधिक छात्र, कम नौकरियां: पिछले कुछ वर्षों में IIT में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है, जबकि नौकरी के अवसरों की संख्या समान नहीं रही है।
इस समस्या का समाधान ढूंढना महत्वपूर्ण है। कुछ संभावित समाधानों में शामिल हैं:
IITs में कौशल विकास पर अधिक ध्यान: छात्रों को न केवल तकनीकी कौशल, बल्कि संचार, टीम वर्क और समस्या समाधान जैसे “सॉफ्ट स्किल” भी सिखाए जाने चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय अवसरों को बढ़ावा देना: छात्रों को विदेशी कंपनियों में इंटर्नशिप और नौकरी करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
उद्योग के साथ संबंध मजबूत करना: IITs को उद्योग के साथ साझेदारी करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके पाठ्यक्रम उद्योग की ज़रूरतों के अनुरूप हैं।
सरकारी पहल: सरकार को रोजगार सृजन के लिए अधिक प्रयास करने चाहिए और युवाओं के लिए उद्यमिता को प्रोत्साहित करना चाहिए।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि IIT से निकलने वाले अधिकांश छात्रों को अभी भी नौकरी मिल जाती है।
हालांकि, जो छात्र नौकरी ढूंढने में संघर्ष कर रहे हैं, उनके लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे हार न मानें और अपनी नौकरी खोज जारी रखें।
वे अपनी कौशल और अनुभव को बेहतर बनाने के लिए अतिरिक्त पाठ्यक्रम ले सकते हैं, इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं और नेटवर्किंग कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नौकरी ना मिलना व्यक्तिगत असफलता का संकेत नहीं है।
अर्थव्यवस्था और नौकरी बाजार कई कारकों से प्रभावित होते हैं जो व्यक्ति के नियंत्रण से बाहर होते हैं।
छात्रों को सकारात्मक बने रहना चाहिए और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहना चाहिए।