भगवान कृष्ण की लीलाभूमि वृंदावन, जल्द ही एक नए आकर्षण का केंद्र बनने वाली है। यहां बन रहा चंद्रोदय मंदिर (Chandrodaya Temple) न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया का सबसे ऊंचा हिंदू मंदिर होगा। इस विशाल परियोजना की शुरुआत 2014 में हुई थी और अगले साल तक इसके पूरा होने की उम्मीद है। चंद्रोदय मंदिर की ऊंचाई 210 मीटर होगी, जो दिल्ली के कुतुब मीनार से तीन गुना ज्यादा है। इसकी नींव 55 मीटर गहरी है, जो दुबई के बुर्ज खलीफा की नींव से भी गहरी है। मंदिर का डिजाइन पारंपरिक नागरा शैली और आधुनिक वास्तुकला का अनोखा मिश्रण है। यह 166 मंजिला इमारत पिरामिड के आकार की होगी।
प्राकृतिक सौंदर्य और आधुनिक सुविधाएं
चंद्रोदय मंदिर (Chandrodaya Temple) केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है। यह 70 एकड़ में फैला एक विशाल परिसर है, जिसमें कई आकर्षक सुविधाएं होंगी
- मंदिर के चारों ओर 12 कृत्रिम वन बनाए जा रहे हैं। ये वन श्रीमद्भागवत और अन्य धार्मिक ग्रंथों में वर्णित वनों पर आधारित हैं।
- यहां एक बड़ा कार पार्किंग और हेलीपैड भी होगा, जो आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक होगा।
- मंदिर के शीर्ष पर एक विशेष टेलीस्कोप लगाया जाएगा, जिससे लोग 80 किलोमीटर दूर स्थित ताजमहल का नजारा देख सकेंगे।
विपक्ष का आरोप: सरकार महिला सुरक्षा में नाकाम
चंद्रोदय मंदिर (Chandrodaya Temple) की डिजाइन और निर्माण में कई आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है:
- यह मंदिर 8 रिक्टर स्केल तक के भूकंप को झेल सकता है।
- 170 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाले तूफान भी इसे नुकसान नहीं पहुंचा सकते।
500 करोड़ रुपये से ज्यादा हो रहे हैं खर्च
इस प्रोजेक्ट पर 500 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो रहे हैं, जो इसकी गुणवत्ता और मजबूती को दर्शाता है।
चंद्रोदय मंदिर (Chandrodaya Temple) न केवल भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक होगा, बल्कि यह आधुनिक इंजीनियरिंग और वास्तुकला का भी अद्भुत उदाहरण है। यह मंदिर वृंदावन को एक नई पहचान देगा और दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करेगा। भगवान कृष्ण की इस पावन भूमि पर बन रहा यह मंदिर आने वाले समय में भारत के गौरव को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।