दीपावली का पर्व कई दिनों तक चलता है, जिसमें हर दिन का अपना विशेष महत्व होता है। दिवाली (Diwali) से एक दिन पहले मनाई जाने वाली छोटी दिवाली, जिसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहा जाता है, इस त्योहार का खास हिस्सा है। इस दिन लोग अपने घरों और आस-पास के माहौल को साफ-सुथरा रखते हैं, दीप जलाते हैं, और नकारात्मकता से मुक्ति पाने के लिए विशेष पूजा-पाठ करते हैं। छोटी दिवाली के दिन कुछ ऐसे कार्यों को करने की मान्यता है जो हमारे जीवन में सुख-शांति, सौंदर्य और सकारात्मकता लाने में सहायक होते हैं। साथ ही, कुछ ऐसे काम भी हैं जिन्हें इस दिन करने से परहेज करना चाहिए। आइए जानते हैं छोटी दिवाली पर क्या करना चाहिए और किन कार्यों से दूर रहना चाहिए।
छोटी दिवाली (Diwali) पर क्या करें?
- स्नान और शुद्धिकरण: छोटी दिवाली के दिन सुबह जल्दी उठकर उबटन या तिल के तेल से स्नान करने की परंपरा है। इसे ‘अभ्यंग स्नान’ भी कहा जाता है। यह माना जाता है कि इस दिन स्नान से व्यक्ति के शरीर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और वह शुद्ध हो जाता है। इस स्नान का उद्देश्य केवल शरीर की सफाई नहीं है, बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धि भी है।
- दीप जलाएं: इस दिन विशेषकर यमराज के लिए दीप जलाने की मान्यता है। माना जाता है कि घर के बाहर एक दिया जलाने से अकाल मृत्यु का भय कम होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। घर के मुख्य द्वार पर दीप जलाना अनिवार्य माना जाता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और बुरी शक्तियां दूर रहती हैं।
- धनिया के बीज का उपयोग: छोटी दिवाली (Diwali) पर धनिया के बीजों का प्रसाद चढ़ाना शुभ माना जाता है। इस प्रसाद को लक्ष्मी पूजन के दौरान अर्पित किया जाता है, जो समृद्धि का प्रतीक है। इसके साथ ही, इस दिन कुछ लोग धनिया के बीज और गुड़ का मिश्रण भी प्रसाद के रूप में घर में बांटते हैं।
- पूजा और हवन: छोटी दिवाली पर घर में हवन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। हवन से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का वास होता है। इस दिन भगवान यमराज, मां काली और लक्ष्मीजी की पूजा का विशेष महत्व है।
- रंगोली बनाएं: छोटी दिवाली पर रंगोली बनाने की भी परंपरा है। रंगोली बनाकर घर को सजाना और सुंदर बनाना शुभ माना जाता है। यह देवी लक्ष्मी का स्वागत करने का एक तरीका माना गया है, जो घर में समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है।
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छोटी दिवाली पर क्या न करें?
- क्रोध और लड़ाई-झगड़े से बचें: इस दिन को शांति और सुकून का प्रतीक माना गया है, इसलिए छोटी दिवाली पर किसी भी प्रकार का विवाद, क्रोध या झगड़ा करने से बचना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन नकारात्मक भावनाएं घर के वातावरण को प्रभावित कर सकती हैं।
- धूल-मिट्टी या कूड़ा न रखें: छोटी दिवाली (Diwali) पर घर की साफ-सफाई का विशेष महत्व होता है। इस दिन घर के किसी कोने में धूल-मिट्टी या कचरा न रखें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। इस दिन घर के सभी हिस्सों को स्वच्छ रखना चाहिए ताकि सकारात्मकता का आगमन हो।
- अशुभ बातें या अपशब्द न कहें: छोटी दिवाली पर अपनी वाणी को मधुर और पवित्र रखना चाहिए। इस दिन किसी को अपशब्द कहना, अशुभ बातें करना या दूसरों के प्रति नकारात्मक विचार रखना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन की गई नकारात्मक बातें अनिष्ट का कारण बन सकती हैं।
- नया सामान खरीदने से बचें: छोटी दिवाली पर नए सामान की खरीदारी से परहेज करना चाहिए। धनतेरस और मुख्य दिवाली पर ही नए वस्त्र, आभूषण और अन्य सामान खरीदे जाते हैं। छोटी दिवाली को अधिक ध्यान पूजा-पाठ और घर की स्वच्छता पर देना चाहिए।
- अधिक खाना या मांसाहार से परहेज करें: छोटी दिवाली (Diwali) पर मांसाहार या अत्यधिक भोजन करना भी अशुभ माना गया है। इस दिन सादा भोजन करना चाहिए और सात्विक आहार को अपनाना चाहिए। इससे व्यक्ति के मन और शरीर दोनों का शुद्धिकरण होता है और ध्यान केंद्रित रहता है।
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