हिन्दू धर्म में एकादशी की तिथि का बड़ा महत्व है। बता दें कि यह एकादशी प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी की तिथि को मनाई जाती है। इस दिन महिलाएं व्रत भी रखती हैं। पंचांग के अनुसार इस वर्ष देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) की तिथि की शुरुआत 11 नवंबर, 2024 की शाम 6:46 बजे शुरू होगी और इस तिथि का समापन 12 नवंबर, 2024 को शाम 4:04 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार, देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर, 2024 (मंगलवार) को रखा जाएगा। यही नहीं एकादशी के व्रत के पारण का मुहूर्त 13 नवंबर को सुबह 6:42 बजे शुरू होगा, जो कि 8:51 बजे तक रहेगा। भक्तों के पास व्रत का पारण करने हेतु सिर्फ 1 घंटा और 1 मिनट का ही वक्त होगा।
हिन्दू धर्म में देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) का है विशेष महत्व
हिन्दू धर्म में देवउठनी एकादशी(Dev Uthani Ekadashi) का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि इस दिन चातुर्मास का समापन के साथ ही भगवान विष्णु योग निद्रा जाग से जाते हैं। इसके बाद से ही सभी मांगलिक और शुभ कार्य शुरु हो जाते हैं। यह तो ठीक, लेकिन ज्योतिषयों के मुताबिक, देवउठनी एकादशी के दिन कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं देवउठनी एकादशी के दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।
इस दिन इन कार्यो को करने से बचें
1) विवाद और कलह से बचें
एकादशी के दिन घर के बुजुर्गों और महिलाओं का सम्मान करें। माता लक्ष्मी के आशीर्वाद के लिए सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखें। घर में किसी भी तरह के वाद-विवाद से दूर रहें।
2) रखें घर को साफ-सुथरा
माना जाता है कि माता लक्ष्मी का वास स्वच्छ स्थान पर ही होता है। इसलिए इस दिन घर को साफ-सुथरा रखें ताकि शुभता बनी रहे। माता लक्ष्मी का आशीर्वाद माने के लिए एकादशी के दिन घर की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।
3) दिन में भूलकर भी न सोएं
एकादशी के दिन, दिन में भूलकर भी नहीं सोना चाहिए। दिन में सोने के बजाय इस दिन पूजा पाठ आदि करना चाहिए। इसके साथ ही इस दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
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4) तुलसी के पत्तों को तोड़ने से बचें
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन न सिर्फ भगवान विष्णु और तुलसी का पूजन किया जाता है बल्कि शालिग्राम के साथ तुलसी का विवाह भी कराया जाता है। इसलिए ऐसे में भूलकर भी तुलसी के पत्तों को तोड़ने की गलती न करें।
5) तामसिक भोजन का सेवन करने से बचें
एकादशी का व्रत रखने वालों को तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए, ताकि मन शुद्ध रहे और ध्यान भगवान की ओर केंद्रित हो। ऐसे में एकदशी के दिन तामसिक भोजन जैसे मांस, मदिरा, लहसुन-प्याज इत्यादि का सेवन करने से बचना चाहिए।
6) चावल का सेवन करने से बचें
देवउठनी एकादशी के दिन चावल खाने की सख्त मनाही होती है। इसलिए गलती से भी चावल या उससे बनी चीजों का सेवन कतई नहीं करना चाहिए।
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