Kuber Yantra: जानिए आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए धनतेरस के दिन ‘कुबेर यंत्र’ की पूजा विधि

Kuber Yantra

अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए कई उपाय किये जाते हैं, लेकिन पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अगर आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना हो तो धनतेरस के दिन कुबेर यंत्र (Kuber Yantra) की पूजा जरूर करनी चाहिए। इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर को दिन में 10:59 बजे से शुरू होकर दूसरे दिन यानी 30 अक्टूबर को दोपहर 01:04 बजे तक रहेगा। वहीं अगर धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त की बात करें तो  29 अक्टूबर को दिन में 10:59 बजे शाम 04:55 बजे रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में धनतेरस की खरीदारी के साथ-साथ कुबेर यंत्र की पूजा (Kuber Yantra Puja) का भी विशेष महत्व है। चलिए सबसे पहले जानते हैं कुबेर यंत्र और फिर समझते हैं पूजा विधि। 

कुबेर यंत्र क्या है?

Kuber Yantra

कुबेर यंत्र सोना, तामे के पात्र, अष्टधातु, भोजपत्र या फिर कागज से भी बनाए जाते हैं। इस यंत्र पर मंत्र आदि लिखे होते हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार कुबेर यंत्र अलग-अलग प्रयोजनों में पूजे जाते हैं, लेकिन दिवाली (Diwali) और धनतेरस (Dhanteras) में कुबेर यंत्र की पूजा का विशेष महत्व होता है। कुबेर यंत्र की पूजा धन प्राप्ति के लिए करते हैं। कहते हैं किसी भी तरह की आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए अगर विधि विधान से  कुबेर यंत्र की पूजा (Kuber Yantra Puja) की जाए तो इसका लाभ जरूर मिलता है। 

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कुबेर यंत्र की पूजा विधि क्या है?  

निम्नलिखित 6 तरीकों से कुबेर यंत्र की पूजा करने से मां लक्ष्मी समेत कुबेर देवता का विशेष आशीर्वाद मिलता है। इसलिए कुबेर यंत्र की पूजा (Kuber Yantra Puja) ऐसे इन तरीकों से करें-  

1. सबसे पहले पूजा स्थान को साफ करें और फिर गंगाजल से शुद्ध करें। 

2. अब चौकी पर ‘कुबेर यंत्र’ को स्थापित करें। आप अपनी क्षमता अनुसार चांदी, तांबे या फिर किसी अन्य पात्र से बने कुबेर यंत्र को चौकी पर स्थापित करें। 

3. कुबेर यंत्र स्थापित करने के बाद कुबेर यंत्र का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें। 

4. अब यंत्र पर गंगाजल, रोली-चंदन और फिर फूल अर्पित करने के बाद दिप जलाएं और धूप दिखाएं।  

5. अब प्रसाद के रूप में मिश्री या कोई अन्य मिठाई का भोग लगाएं। 

6. मंत्र “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्य अधिपतये धनं प्रदाय स्वाहा” का जाप करें। 

इन 6 विधि से पूजा कर मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) और भगवान कुबेर (Bhagwan Kuber) का आशीर्वाद प्राप्त करें। 

यहां दी गई जानकारी पौराणिक मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार साझा की गई है। 

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