मंगलवार का व्रत (Tuesday Fasting) हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से हनुमान जी और मंगल ग्रह को समर्पित होता है। लोग इस व्रत को खासतौर पर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और संकटों से मुक्ति के लिए रखते हैं। मान्यता है कि मंगलवार के व्रत से शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। हालांकि, इस व्रत को करते समय कुछ खास नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि इसका पूर्ण फल प्राप्त हो सके। आइए जानते हैं मंगलवार के व्रत के प्रमुख नियम और उनके पीछे की धार्मिक मान्यताएँ।
कब शुरू करे मंगलवार का व्रत (Tuesday Fasting)?
किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से व्रत शुरू करना चाहिए। व्रत को 21 या 45 मंगलवार तक जारी रखना उचित माना जाता है, क्योंकि ये संख्याएँ शुभ होती हैं। 21 या 45 मंगलवार पूरे करने के बाद, अगले मंगलवार को व्रत का समापन या उद्यापन करना चाहिए।
व्रत के दिन शुद्धता का रखें ध्यान
मंगलवार के व्रत (Tuesday Fasting) के दौरान शुद्धता का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। प्रातः स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल को साफ रखें। घर के मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं और सिंदूर चढ़ाएं, क्योंकि हनुमान जी को सिंदूर विशेष प्रिय होता है। हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
तामसिक भोजन से बचें
व्रत के दिन तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, प्याज, लहसुन, और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। इन चीजों को खाने से व्रत का फल अधूरा माना जाता है। व्रत करने वाले व्यक्तियों को सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए, जिसमें फल, दूध, दही और अन्य शुद्ध आहार शामिल होते हैं। साथ ही, व्रत के दौरान लाल मसूर और लाल चावल के सेवन से भी बचना चाहिए, क्योंकि ये मंगल ग्रह से संबंधित माने जाते हैं।
पौराणिक कथा
मंगलवार को बजरंगबली का दिन माना जाता है क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार और स्कंदपुराण के अनुसार, इसी दिन हनुमानजी का जन्म हुआ था। इस दिन की पूजा विशेष रूप से हनुमानजी की उपासना के लिए समर्पित है और इस दिन व्रत करने से जीवन के सभी कष्ट और संकट दूर होते हैं। हनुमानजी को संकटमोचक कहा जाता है क्योंकि वे सभी संकटों को दूर करने में सक्षम हैं। इसके अलावा, मंगल ग्रह का संबंध भी हनुमानजी से माना जाता है, इसलिए मंगलवार को हनुमानजी की पूजा और सुंदरकांड का पाठ करके मंगल के अशुभ प्रभावों को भी समाप्त किया जाता है।
क्या महिलाएं कर सकती हैं यह व्रत ?
महिलाओं को हनुमानजी की पूजा को लेकर अक्सर संदेह होता है, लेकिन पुराणों के अनुसार, महिलाएं भी बजरंगबली की पूजा और व्रत कर सकती हैं। किसी भी धार्मिक ग्रंथ में यह नहीं कहा गया है कि महिलाओं को हनुमानजी की पूजा नहीं करनी चाहिए। हालांकि, महिलाओं को हनुमानजी को लाल वस्त्र या चोला अर्पित नहीं करना चाहिए, क्योंकि हनुमानजी ब्रह्मचारी थे। इसके अलावा, अगर मंगलवार मासिक धर्म के दौरान आता है, तो इस समय व्रत नहीं करना चाहिए।
दान-पुण्य का विशेष महत्त्व
मंगलवार के व्रत के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्त्व होता है। इस दिन लाल रंग की वस्तुएं, जैसे लाल कपड़े, लाल मसूर, और तांबा दान करना शुभ माना जाता
व्रत की समाप्ति पर रखें ये सावधानियां
मंगलवार के व्रत (Tuesday Fasting) की समाप्ति के बाद शाम के समय फलाहार या सात्विक भोजन ग्रहण करें। ध्यान रखें कि व्रत के अगले दिन भी तामसिक भोजन से बचें और हल्का और शुद्ध आहार लें। साथ ही, अगर आप इस व्रत को निरंतर रखते हैं, तो प्रत्येक मंगलवार को इन्हीं नियमों का पालन करें, ताकि व्रत का फल अधिक शुभ और सकारात्मक हो।
मंगल ग्रह की शांति के लिए
मंगलवार का व्रत (Tuesday Fasting) उन लोगों के लिए भी विशेष रूप से लाभकारी होता है, जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में होता है। मंगल ग्रह की शांति के लिए हनुमान जी की पूजा और मंगलवार का व्रत विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है। मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी को लाल वस्त्र, गुड़ और चने का भोग लगाएं और नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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