क्या आप जानते हैं भोजन बनाने से जुड़े वास्तु के इन नियमों को?

Vastu Rules of Cooking

वास्तु (Vastu) शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो हमें अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के उपाय सिखाता है। हमारे घर का हर कोना वास्तु से जुड़ा होता है और किचन, जहाँ हम भोजन बनाते हैं, उसका भी खास महत्व है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, भोजन बनाने का तरीका और स्थान हमारे स्वास्थ्य, समृद्धि और मानसिक शांति पर प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, यह जरूरी है कि हम किचन में भोजन बनाने के दौरान वास्तु के नियमों का पालन करें।

1. रसोईघर की दिशा

वास्तु (Vastu) के अनुसार, रसोईघर का स्थान और दिशा अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। किचन को हमेशा घर के दक्षिण-पूर्व कोने में ही बनाना चाहिए। इसे आग्नेय कोण कहा जाता है और यह अग्नि देवता का स्थान होता है। यदि किचन को इस दिशा में बनाना संभव न हो, तो दक्षिण दिशा को दूसरी प्राथमिकता दी जा सकती है। किचन को कभी भी उत्तर दिशा में नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि यह धन और समृद्धि के लिए हानिकारक मानी जाती है।

 2. भोजन बनाने की दिशा

जब आप किचन में भोजन बना रहे हों, तो आपका चेहरा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। पूर्व दिशा को उगते हुए सूर्य का स्थान माना जाता है, जो सकारात्मक ऊर्जा और जीवन शक्ति का प्रतीक है। इससे भोजन में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ और ऊर्जावान रहते हैं।

3. गैस स्टोव और सिंक का स्थान

वास्तु (Vastu) शास्त्र में गैस स्टोव और सिंक का स्थान भी महत्वपूर्ण है। गैस स्टोव, जो अग्नि तत्व का प्रतीक है, उसे दक्षिण-पूर्व दिशा में ही रखना चाहिए। वहीं, पानी का स्थान उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। अग्नि और जल तत्वों के बीच सही संतुलन बनाए रखना आवश्यक होता है। इन्हें एक-दूसरे के पास या सामने नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह पारिवारिक कलह का कारण बन सकता है।

4. भोजन पकाने के बाद की सफाई

रसोईघर की साफ-सफाई वास्तु शास्त्र में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। भोजन बनाने के बाद गैस स्टोव और बर्तन आदि की सफाई जरूर करें। इससे न केवल रसोईघर स्वच्छ रहता है, बल्कि घर में धन और समृद्धि का वास भी होता है। रसोईघर में गंदगी या अव्यवस्था से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो परिवार के स्वास्थ्य और समृद्धि पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।

 5. अनाज और मसालों का स्थान

वास्तु (Vastu) शास्त्र के अनुसार, अनाज और मसालों को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। यह दिशा धन और समृद्धि का प्रतीक होती है। अनाज और मसालों को रखने के लिए लकड़ी के अलमारियों का उपयोग करना चाहिए और इन्हें साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखना जरूरी है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।

6. खिड़की और वेंटिलेशन

रसोईघर में खिड़की और वेंटिलेशन की व्यवस्था भी वास्तु के अनुसार होनी चाहिए। किचन में पर्याप्त रोशनी और ताजी हवा का आना आवश्यक होता है। पूर्व या उत्तर दिशा में खिड़की होना शुभ माना जाता है। इससे न केवल ताजी हवा का प्रवाह होता है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा भी घर में प्रवेश करती है।

7. रसोई के रंग

रसोईघर में हल्के और शांत रंगों का इस्तेमाल करना वास्तु शास्त्र में उचित माना जाता है। हल्के पीले, हरे, और सफेद रंगों का उपयोग किचन में सकारात्मकता और शांति लाता है। गहरे और भारी रंगों से बचना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं।

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