वाल्मीकि समाज हिन्दू धर्म की रीढ़ है जिसने पीढ़ियों तक अपमान और अभाव का जीवन स्वीकारा लेकिन न तो अत्याचारों से टूटे न ही अपने धर्म त्यागने की बात मानी। मुगलों के कारण ‘समाज के हाशिये’ पर डाल दिये गए और अंगरेजी शासनकाल में कथित रूप से ‘दलित’ कहे गए ये लोग आज राष्ट्रीय मुख्यधारा से पुनः जुड़ चुके हैं।आज वाल्मीकि समाज के लोग डॉक्टर , इंजीनियर , अधिवक्ता और राजनेता ही नहीं बल्कि प्रशासनिक अधिकारी और सैनिकों के रूप में भी अपनी सेवाएं देश को दे रहे हैं। कोरोना काल में वाल्मीकि समाज के महत्वपूर्ण योगदानों को रेखांकित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से उनके पैर धोकर उनको सम्मानित किया। नीचे दिए गए पीडीएफ में विस्तार से पढ़ें वाल्मीकि समाज के अमूल्य योगदान के बारे में।
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