हाल ही में एक दिलचस्प घटना घटी जो हिंद महासागर (Indian Ocean) में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को दर्शाती है। भारत और चीन के युद्धपोत एक साथ श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पर पहुंच गए। इस घटना ने एक बार फिर इस बात पर ध्यान खींचा है कि हिंद महासागर में दोनों देशों के बीच कितनी गहरी प्रतिस्पर्धा चल रही है। आइए इस मामले को विस्तार से समझते हैं।
कोलंबो में क्या हुआ?
सोमवार की सुबह, कोलंबो बंदरगाह पर एक अजीब सी स्थिति बन गई। एक तरफ भारत का शक्तिशाली युद्धपोत INS मुंबई पहुंचा। यह एक मिसाइल से लैस जहाज है, जिसमें 410 नाविक हैं। दूसरी तरफ, चीन के तीन बड़े युद्धपोत भी वहां आ गए। इन चीनी जहाजों में करीब 1,500 सैनिक थे। यह मंजर दिखाता है कि हिंद महासागर में भारत और चीन दोनों अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। दोनों देश इस इलाके में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। यह घटना इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में यहां तनाव बढ़ सकता है।
भारत क्यों चिंतित है?
भारतीय सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि “चीन के जहाज अब हिंद महासागर (Indian Ocean) में पहले से ज्यादा समय बिता रहे हैं। यह भारत के लिए परेशानी की बात है। चीन की बढ़ती मौजूदगी से भारत की समुद्री सुरक्षा को खतरा हो सकता है।” भारत की नौसेना में 140 युद्धपोत हैं। इनका काम है पाकिस्तान से निपटना और चीन को रोकना। लेकिन चीन की बढ़ती ताकत ने भारत को सतर्क कर दिया है। भारत को लगता है कि चीन हिंद महासागर में अपना दबदबा बनाना चाहता है। इसके अलावा, चीन ने हाल के वर्षों में कई देशों में अपने नौसैनिक अड्डे बनाए हैं। उदाहरण के लिए, जिबूती में चीन का एक सैन्य अड्डा है। इससे भारत की चिंता और बढ़ गई है।
हिंद महासागर का महत्व
हिंद महासागर (Indian Ocean) दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण समुद्री रास्तों में से एक है। यहां से हर साल करोड़ों डॉलर का व्यापार होता है। जो देश इस इलाके पर नियंत्रण रखेगा, उसे बड़ा आर्थिक और सामरिक फायदा मिलेगा। इस महासागर से होकर तेल और अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं का परिवहन होता है। यहाँ से गुजरने वाले जहाजों की सुरक्षा बहुत जरूरी है। इसलिए भारत और चीन दोनों ही इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहते हैं। भारत का मानना है कि हिंद महासागर उसके प्रभाव क्षेत्र में आता है। लेकिन चीन भी यहां अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। इसलिए दोनों देशों के बीच यह प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
दोनों देशों की रणनीति
भारत और चीन दोनों ही इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं:
- नौसेना का आधुनिकीकरण: दोनों देश अपनी नौसेना को आधुनिक बना रहे हैं। नए युद्धपोत और पनडुब्बियां खरीदी जा रही हैं।
- सैन्य अभ्यास: भारत और चीन दोनों ही इस क्षेत्र के देशों के साथ सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। इससे वे अपने संबंध मजबूत कर रहे हैं।
- बंदरगाहों का विकास: दोनों देश इस क्षेत्र के विभिन्न देशों में बंदरगाहों का विकास कर रहे हैं। इससे उन्हें अपने जहाजों के लिए सुरक्षित ठिकाने मिल जाते हैं।
- कूटनीतिक प्रयास: भारत और चीन दोनों ही इस क्षेत्र के देशों के साथ अपने संबंध मजबूत कर रहे हैं। वे इन देशों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि आने वाले समय में हिंद महासागर (Indian Ocean) में भारत और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा और बढ़ सकती है। दोनों देश अपनी नौसेना को मजबूत कर रहे हैं। वे इस इलाके में अपने मित्र देशों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इस स्थिति का असर पूरे एशिया पर पड़ सकता है। अगर तनाव बढ़ा तो इससे इस क्षेत्र की शांति और सुरक्षा पर असर पड़ सकता है। हालांकि, दोनों देश इस बात को समझते हैं कि शांति बनाए रखना जरूरी है।
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