दिवाली और छठ पूजा के मौके पर देश के विभिन्न हिस्सों से बिहार जाने वाले यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। त्योहारी स्पेशल ट्रेन (Festival Special Train) में यात्रा कर रहे लोगों को सामान्य किराए से 30 प्रतिशत अधिक भुगतान करने के बावजूद बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। पटना जंक्शन, राजेंद्रनगर टर्मिनल, दानापुर और पाटलिपुत्र जंक्शन पर यात्रियों की स्थिति बेहद दयनीय है।
यात्रियों की बढ़ती परेशानियां और भीड़भाड़ की समस्या
दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों से बिहार की ओर जाने वाली त्योहारी स्पेशल ट्रेन (Festival Special Train) में यात्रियों की संख्या क्षमता से कई गुना अधिक है। जनरल और स्लीपर बोगियों में भीड़ इतनी है कि यात्रियों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है। अहमदाबाद से आए राकेश ने बताया कि एक बोगी में 300 से अधिक लोग यात्रा कर रहे हैं, जबकि क्षमता 100 यात्रियों की है। कई यात्री रास्ते में बीमार पड़ गए और उन्हें दवाएं मंगवानी पड़ीं। थर्ड एसी में यात्रा कर रहीं नेहा कुमारी ने बताया कि “उन्हें तत्काल टिकट के लिए अतिरिक्त शुल्क देना पड़ा, लेकिन एसी कोच में भी बाथरूम जाने में काफी परेशानी हुई।” कई यात्रियों को खड़े होकर यात्रा करनी पड़ रही है। बोगियों में इतनी भीड़ है कि लोग आपातकालीन खिड़कियों से भी अंदर घुस रहे हैं। इस दौरान कई यात्री चोटिल भी हुए हैं।
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टिकट और सुरक्षा व्यवस्था की चुनौतियां
यात्रियों को कंफर्म टिकट पाने के लिए भारी संघर्ष करना पड़ रहा है। कई लोगों ने बताया कि “उन्हें तीन दिन तक काउंटर पर जाना पड़ा, लेकिन न तो एसी का टिकट मिला और न ही स्लीपर का।” काउंटरों पर मारामारी की स्थिति बनी हुई है। आरक्षित बोगियों में भी वेटिंग टिकट और बिना टिकट यात्रियों की भीड़ है। सुरक्षा व्यवस्था भी चिंताजनक है। राजेंद्र नगर टर्मिनल पर आरपीएफ की उपस्थिति न के बराबर है। बिना टिकट यात्रियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। स्टेशनों पर भी भीड़ का प्रबंधन सही तरीके से नहीं हो रहा है। कई यात्री अपना सामान खो चुके हैं।
खान-पान और स्वच्छता की गंभीर समस्या
त्योहार में रेल यात्रा की परेशानियां (Problems in Festival Train Travel) सबसे ज्यादा खान-पान और स्वच्छता को लेकर हैं। विवेक नाम के एक यात्री ने बताया कि “नई दिल्ली से पटना तक पूरी यात्रा भूखे पेट करनी पड़ी। स्पेशल ट्रेनों में पैंट्री कार की सुविधा नहीं है। जो थोड़ी बहुत खाने-पीने की व्यवस्था है, वह भी महंगी और घटिया क्वालिटी की है। स्वच्छता की स्थिति बेहद खराब है। बोगियों में सफाई नहीं होती और शौचालय इस्तेमाल लायक नहीं हैं।” तनवीर अहमद ने बताया कि “स्पेशल ट्रेन में न तो साफ-सफाई की व्यवस्था है और न ही पानी की पर्याप्त सुविधा। यात्रियों को अपने साथ पानी की बोतलें ले जानी पड़ रही हैं।”
समय पालन और देरी की समस्या
ट्रेनों के समय पालन की स्थिति बेहद खराब है। आनंद विहार टर्मिनल-मुजफ्फरपुर स्पेशल ट्रेन को सुबह 10:25 बजे पहुंचना था, लेकिन वह दोपहर तीन बजे पहुंची। नेऊरा से पाटलिपुत्र के बीच ट्रेन बार-बार रुक रही थी। यात्रियों को घंटों तक ट्रेन में फंसे रहना पड़ा। अहमदाबाद-बरौनी ट्रेन अपने निर्धारित समय से पौने घंटे की देरी से चल रही थी। कई यात्रियों ने बताया कि वे अपनी मीटिंग्स और अपॉइंटमेंट्स मिस कर चुके हैं। देरी के कारण स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ और बढ़ गई है।
प्लेटफॉर्म की स्थिति और स्टेशन प्रबंधन
स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म की स्थिति भी चिंताजनक है। पाटलिपुत्र स्टेशन पर यात्रियों की संख्या सामान्य दिनों से कई गुना अधिक है। अधिकतर ट्रेनें प्लेटफॉर्म नंबर दो, तीन और चार से आ-जा रही हैं, जिससे भीड़ का प्रबंधन मुश्किल हो रहा है। स्टेशन पर पेयजल और शौचालय की व्यवस्था भी पर्याप्त नहीं है। यात्री प्लेटफॉर्म पर और पुल पर बैठकर घंटों इंतजार कर रहे हैं। ऑटो चालक भी इस स्थिति का फायदा उठा रहे हैं और अधिक किराया वसूल रहे हैं।
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