ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक महिला ने पुलिस थाने में अपने साथ हुए बुरे बर्ताव और यौन उत्पीड़न (s****l harassment) का आरोप लगाया है। इस घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। दरअसल, सब कुछ उस वक्त शुरू हुआ जब एक महिला अपने मंगेतर के साथ भरतपुर पुलिस स्टेशन पहुंची। उसका मंगेतर कोलकाता में सेना का एक अफसर है। महिला का कहना है कि वो रात को अपना रेस्टोरेंट बंद करके घर जा रही थी, तभी कुछ गुंडों ने उन पर हमला कर दिया। इसकी शिकायत दर्ज कराने के लिए वो थाने गई थी। लेकिन वहां जो हुआ, उसने उसके सारे सपने तोड़ दिए।
थाने में क्या हुआ?
महिला का आरोप है कि जब वो थाने पहुंची तो वहां सिर्फ एक महिला कांस्टेबल थी जो सादे कपड़ों में थी। उसने मदद करने से मना कर दिया। फिर क्या था, बात बढ़ती गई और गालियां चलने लगीं। कुछ देर बाद कुछ पुरुष पुलिसवाले आए और उन्होंने महिला के मंगेतर को लॉकअप में डाल दिया। जब महिला ने इसका विरोध किया तो उस पर हमला कर दिया गया। उसका कहना है कि दो महिला पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया और एक कमरे में बंद कर दिया। फिर एक पुरुष पुलिसकर्मी ने आकर उसके साथ बदसलूकी की। महिला का आरोप है कि उसके साथ यौन उत्पीड़न (s****l harassment) किया गया।
पुलिस का पक्ष
इस मामले में पुलिस का कहना है कि महिला और उसका मंगेतर दोनों नशे में थे। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी पर हमला किया और थाने में तोड़फोड़ की। इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
मामले में नया मोड़
लेकिन अब इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। ओडिशा पुलिस ने पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। इनमें एक इंस्पेक्टर रैंक का अफसर भी शामिल है। पुलिस मुख्यालय ने कहा है कि ये कार्रवाई “घोर कदाचार” के आरोप में की गई है। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। ओडिशा के पुलिस महानिदेशक वाईबी खुरानिया ने खुद इस केस पर नजर रखी है। उन्होंने चंदका पुलिस स्टेशन में एक अलग शिकायत दर्ज करवाई है। इसमें महिला के उस दावे की जांच की जाएगी जिसमें उसने कहा था कि गुंडों ने उस पर हमला किया था।
राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रतिक्रिया
इस घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है। आयोग ने पुलिस से इस मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा है कि इस तरह के मामलों में तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।
क्या कहती है महिला?
महिला अभी भी सदमे में है। उसने अपना इलाज भुवनेश्वर के एम्स अस्पताल में करवाया है। एक वीडियो में वो रोती हुई नजर आ रही है। उसके गले में पट्टी बंधी है और दाएं हाथ में फ्रैक्चर है। वो लगातार न्याय की मांग कर रही है। खबर के मुताबिक़ अब इस पूरे मामले की जांच ओडिशा पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी। देखना ये है कि सच्चाई क्या है और किसकी बात सही है। क्या वाकई में पुलिस ने गलत काम किया या फिर महिला झूठ बोल रही है? ये सवाल अभी भी लोगों के जहन में है। इस तरह की घटनाएं हमारे समाज पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती हैं। क्या हमारी पुलिस व्यवस्था पर भरोसा किया जा सकता है? क्या महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकती हैं?
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