बदलापुर में हुआ एक पुलिस एनकाउंटर अब महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा मुद्दा बन गया है। यह मामला एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के आरोपी अक्षय शिंदे से जुड़ा है। सोमवार शाम को जब पुलिस शिंदे को तलोजा जेल से बदलापुर ले जा रही थी तब रास्ते में यह घटना हुई। पुलिस का कहना है कि “शिंदे ने एक पुलिसकर्मी की पिस्तौल छीन ली और गोली चला दी। इसके जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई जिसमें शिंदे की मौत हो गई।”
विपक्षी नेता इस घटना की सच्चाई पर जता रहे हैं शक
बदलापुर एनकाउंटर केस (Badlapur encounter case) पर अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी नेता इस घटना की सच्चाई पर शक जता रहे हैं। वे पूछ रहे हैं कि क्या यह सचमुच आत्मरक्षा का मामला था या फिर कुछ और ही चल रहा था। कई लोगों का कहना है कि इस मामले में कई बातें छिपाई जा रही हैं।
मुंबई में अचानक दिखे अजीब पोस्टर
इस बीच मुंबई की सड़कों पर कुछ अजीब पोस्टर लगे दिखे। इन पोस्टरों पर लिखा था “बदला पूरा”। इन पोस्टरों में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तस्वीर थी जिसमें उनके हाथ में बंदूक दिखाई दे रही थी। ये पोस्टर किसने लगाए इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। लेकिन इससे राजनीतिक माहौल और गरम हो गया है।
इस पूरे मामले में अब दो तरह के विचार सामने आ रहे हैं। एक तरफ सरकार और पुलिस अपने कदम का बचाव कर रही है। उनका कहना है कि “यह आत्मरक्षा का मामला था।” वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल इस पर सवाल उठा रहे हैं। वे इस घटना की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की कहानी पर उठे सवाल
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया सुले ने इस मामले में कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि “जब आरोपी का चेहरा ढका हुआ था और उसके हाथों में हथकड़ी थी तो वह पुलिस की पिस्तौल कैसे छीन सकता है।” शिवसेना के नेता संजय राउत ने भी इस एनकाउंटर पर शक जताया है। उनका कहना है कि “सरकार स्कूल प्रबंधन को बचाने की कोशिश कर रही है।”
बदलापुर की घटना?
बदलापुर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का मामला सामने आया था। इस मामले में अक्षय शिंदे मुख्य आरोपी था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और वह तलोजा जेल में बंद था। सोमवार शाम को पुलिस उसे जांच के लिए बदलापुर ले जा रही थी। पुलिस का कहना है कि “इसी दौरान शिंदे ने एक पुलिसकर्मी की पिस्तौल छीन ली और गोली चला दी। इस गोली से एक सहायक निरीक्षक घायल हो गया। इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में शिंदे पर गोली चलाई जिससे उसकी मौत हो गई।”
पुलिस का पक्ष
पुलिस का कहना है कि “जब शिंदे ने पिस्तौल छीनी तब उसने कहा था कि वह किसी को नहीं छोड़ेगा। पुलिस निरीक्षक संजय शिंदे ने बताया कि अक्षय के व्यवहार से लग रहा था कि वह सबको मार देगा। इसलिए उन्होंने आत्मरक्षा में गोली चलाई। पुलिस का दावा है कि उनके पास इस घटना के ठोस सबूत हैं।”
सरकार का रुख
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस के कदम का समर्थन किया है। उनका कहना है कि “पुलिस ने आत्मरक्षा में ही गोली चलाई थी।” भाजपा के नेता आशीष शेलार ने कहा है कि “पुलिस के पास ठोस सबूत हैं। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया है कि वे इस मामले को तूल दे रहे हैं।”
विपक्ष की मांग
विपक्षी दल महा विकास अघाड़ी (MVA) ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। उनका कहना है कि “इस घटना में कई संदिग्ध बातें हैं जिनकी जांच होनी चाहिए।” राकांपा नेता शरद पवार ने भी सवाल उठाया है कि “अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से स्थानांतरित करने की क्या जरूरत थी।”
नागपुर में अपराध के आंकड़े
इस बीच कांग्रेस ने नागपुर जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि “पिछले 6 महीनों में नागपुर में 6839 अपराध दर्ज हुए हैं। इनमें बलात्कार के 213 मामले महिलाओं से छेड़खानी के 320 मामले और पॉक्सो एक्ट के 172 मामले शामिल हैं।” कांग्रेस का आरोप है कि “गृहमंत्री फडणवीस ने नागपुर को मिर्जापुर बना दिया है।”
विपक्ष इसे फर्जी एनकाउंटर कह रहा है
बदलापुर एनकाउंटर केस (Badlapur encounter case) अब महाराष्ट्र की राजनीति का बड़ा मुद्दा बन गया है। एक तरफ सरकार इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने का कदम बता रही है। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसे फर्जी एनकाउंटर कह रहा है। आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है। देखना होगा कि इस विवाद का अंत कैसे होता है और क्या सच्चाई सामने आती है। इस घटना ने एक बार फिर पुलिस एनकाउंटर के मुद्दे पर बहस छेड़ दी है और न्याय व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
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