Three Gorges Dam: चीन की इस हरकत के बाद अब एक मिनट रह जाएगा मात्र 59 सेकंड का

क्या कोई धरती की घूमती रफ़्तार को प्रभावित कर सकता है, या फिर कम कर सकता है? शायद यह बात बचकानी लगे। लेकिन नासा के वैज्ञानिकों की माने, तो यह मुमकिन है। दरअसल, नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार चीन के हुबेई प्रांत में यांग्त्जी नदी पर बने ‘थ्री गॉर्जेस डैम’ (Three Gorges Dam) नाम के इस बांध के कारण धरती के घूमने पर असर पड़ रहा है। गौरतलब हो कि दो दशक से अधिक समय के बाद साल 2012 में बनकर तैयार हुआ चीन का यह बांध दुनिया का सबसे बड़ा बांध है। यह बांध 7660 फीट लंबा और 607 फीट ऊंचा है। यहां न सिर्फ बड़े पैमाने पर बिजली पैदा होती है बल्कि यह अपनी उत्कृष्ट इंजीनियरिंग के लिए भी दुनिया भर में मशहूर है। 

थ्री गॉर्जेस डैम (Three Gorges Dam) लगातार विवादों में रहा है

खैर, तमाम तरह की खूबियों के बावजूद थ्री गॉर्जेस डैम (Three Gorges Dam) लगातार विवादों में रहा है। इस बांध का न सिर्फ पर्यावरण पर असर पड़ा है बल्कि सामाजिक रूप से भी यह परेशानी का सबब बना हुआ है। इस बांध के बनने के चलते 632 वर्ग किलोमीटर जमीन बाढ़ की चपेट में आ गई। बता दें कि थ्री गॉर्जेस बांध की क्षमता 40 क्यूबिक किलोमीटर पानी स्टोर करने की है। जिस कारण 22,500 मेगावाट बिजली पैदा हो सकती है। अच्छी बात यह कि इससे लाखों लोगों की बिजली की जरूरत पूरी होती है। यह तो ठीक, लेकिन अब अहम सवाल यह कि यह भला धरती की रफ़्तार को कैसे प्रभावित कर रहा है।

यह जड़त्व के क्षण के सिद्धांत पर काम करता है 

दरअसल, साल 2005 में नासा की एक पोस्ट में यह विषय सबसे पहले सामने आया था। नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के जियोफिजिसिस्ट डॉ. बेंजामिन फोंग चाओ के अनुसार, “थ्री गॉर्जेस डैम (Three Gorges Dam)” के विशाल जलाशय में पृथ्वी के द्रव्यमान के वितरण को स्थानांतरित करने हेतु पर्याप्त मात्रा में पानी है। यह जड़त्व के क्षण के सिद्धांत पर काम करता है। इसके अनुसार यह नियंत्रित करता है कि द्रव्यमान का वितरण किसी वस्तु की घूर्णन गति को कैसे प्रभावित करता है।

जलाशय एक दिन की लंबाई को लगभग 0.06 माइक्रोसेकंड तक सकता है बढ़ा 

जियोफिजिसिस्ट डॉ. बेंजामिन फोंग चाओ  ने कैलकुलेट किया कि “थ्री गॉर्जेस डैम (Three Gorges Dam) का जलाशय एक दिन की लंबाई को लगभग 0.06 माइक्रोसेकंड तक बढ़ा सकता है। धरती के घुमाव को धीमा करने के साथ-साथ यह बांध ग्रह के प्लैनेट की स्थिति को करीब 2 सेंटीमीटर (0.8 इंच) तक स्थानांतरित भी कर सकता है।” उनकी माने तो यह बहुत अधिक नहीं है, लेकिन इंसान की बनाई संरचना हेतु काफी महत्वपूर्ण है। 

क्या सच में धरती के घूमने पर असर पड़ सकता है?

दरअसल, नासा के वैज्ञानिकों ने काफी पहले इस दिशा में शोध किया था। नासा के शोध के मुताबिक भूकंपों की वजह से धरती का घुमाव प्रभावित हो सकता है। नासा के शोध के मुताबिक साल 2004 में ऐसा हुआ भी था, जब हिंद महासागर में बड़े पैमाने पर भूकंप और सुनामी आई। इस विनाशकारी घटना के चलते बड़े पैमाने पर टेक्टोनिक प्लेट्स पर असर पड़ा था और एक दिन की लंबाई को 2.68 माइक्रोसेकंड तक कम हो गई थी। हालांकि इसके मुकाबले थ्री गॉर्जेस डैम (Three Gorges Dam) का प्रभाव बहुत कम है।

 धरती के घूमने की रफ्तार का समय पर पड़ेगा क्या असर

अब सबसे बड़ा सवाल है कि यदि धरती के घूमने की रफ्तार धीमी हुई, तो क्या इसका असर समय पर पड़ेगा? अब ऐसे में वैज्ञानिकों की माने तो आम इंसानी जिंदगी पर इससे बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन एटॉमिक्स क्लॉक्स जैसे वैज्ञानिक यंत्रों को फिर से सेट करने की जरूरत पड़ सकती है। यही नहीं दिन छोटा होने से  सैटेलाइट, जीपीएस और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस पर भी असर पड़ सकता है। तो वहीं, कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि “शायद कुछ दशक के बाद एक मिनट मात्र 59 सेकंड का ही रह जाए।

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