इजरायल और लेबनान के बीच तनाव एक नए मोड़ पर आ गया है। इजरायल ने लेबनान पर बड़े पैमाने पर हमले किए हैं जिनका असर पूरे मध्य पूर्व में देखा जा रहा है। इन हमलों में हिजबुल्लाह का प्रमुख हसन नसरल्लाह मारा गया है। आइए जानते हैं कि क्या हो रहा है लेबनान में और इसका क्या असर हो सकता है।
लेबनान पर इजरायली हमलों का प्रभाव (Impact of Israeli strikes on Lebanon)
इजरायल ने शुक्रवार और शनिवार को लेबनान के कई हिस्सों पर जोरदार हमले किए। इन हमलों का मुख्य निशाना हिजबुल्लाह के ठिकाने थे। बेरूत शहर में रात भर बम गिरते रहे। लोगों ने बताया कि उन्होंने इतने भयानक धमाके पहले कभी नहीं सुने थे। इन हमलों से बेरूत का दहियाह इलाका बुरी तरह प्रभावित हुआ। यह इलाका हिजबुल्लाह का गढ़ माना जाता है। हमलों के बाद दहियाह से धुएं के गुबार उठते देखे गए। डर के मारे हजारों लोग अपने घर छोड़कर भाग गए। वे अब शहर के पार्क सड़क और समुद्र के किनारे रह रहे हैं। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा “हमें लगता है कि वे हमें और हमारे शहर को पूरी तरह से नष्ट करना चाहते हैं।”
नसरल्लाह पिछले 30 साल से ज्यादा समय से हिजबुल्लाह का नेता रहा है
इजरायल ने इन हमलों में हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह को मार दिया है। नसरल्लाह पिछले 30 साल से ज्यादा समय से हिजबुल्लाह का नेता रहा है। वह इजरायल का कट्टर दुश्मन माना जाता था। इसकी आधिकारिक पुष्टि भी हो चुकी है। पिछले कई सालों में नसरल्लाह की मौत की अफवाहें कई बार उड़ चुकी हैं। इसलिए इस बार भी लोग सावधानी से इस खबर को देख रहे हैं।
हमलों का व्यापक असर
लेबनान पर इजरायली हमलों का प्रभाव (Impact of Israeli strikes on Lebanon) सिर्फ नसरल्लाह तक ही सीमित नहीं है। इन हमलों से पूरे लेबनान में दहशत का माहौल है। लोग अपने घरों से भाग रहे हैं। कई इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है। स्कूल और दुकानें बंद हैं। लोग भविष्य को लेकर चिंतित हैं। इन हमलों के बाद हिजबुल्लाह ने भी इजरायल पर रॉकेट और मिसाइलों से जवाबी हमले किए हैं। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। कई देशों ने चिंता जताई है कि यह तनाव कहीं बड़े युद्ध में न बदल जाए। इजरायल ने कहा है कि वह सीरिया की सीमा के पास बेका घाटी में भी हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले कर रहा है। इससे लग रहा है कि इजरायल अपने हमलों को और बढ़ा सकता है।
क्या हो सकते हैं इसके नतीजे?
नसरल्लाह की मौत के कई गंभीर नतीजे हो सकते हैं। हिजबुल्लाह को बड़ा झटका लगा क्योंकि नसरल्लाह उसका सबसे बड़ा नेता था। लेबनान में राजनीतिक उथल-पुथल हो सकती है क्योंकि हिजबुल्लाह वहां की सरकार में शामिल है। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध की आशंका बढ़ सकती है। हिजबुल्लाह बदला लेने की कोशिश कर सकता है। ईरान भी इस मामले में कूद सकता है क्योंकि वह हिजबुल्लाह का बड़ा समर्थक है। दूसरी ओर अमेरिका इजरायल का साथ दे सकता है।
इन हमलों से लेबनान की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा नुकसान हो सकता है। पर्यटन जो लेबनान की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है वह पूरी तरह ठप हो सकता है। विदेशी निवेश भी प्रभावित हो सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि क्या इजरायल अपने हमले जारी रखता है या फिर अंतरराष्ट्रीय दबाव में आकर रुक जाता है। हिजबुल्लाह की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण होगी। अगर वह बड़े पैमाने पर जवाबी हमले करता है तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
शांति नहीं बहाल हुई तो हो सकता है बड़ा मानवीय संकट खड़ा
अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मामले में शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। कई देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई है कि यह संघर्ष बड़े पैमाने पर फैल सकता है। इस पूरी स्थिति में सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों का हो रहा है। हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। उनके सामने खाने-पीने और रहने की समस्या खड़ी हो गई है। अगर जल्द ही शांति नहीं बहाल हुई तो एक बड़ा मानवीय संकट खड़ा हो सकता है। फिलहाल पूरी दुनिया की नजरें इस इलाके पर टिकी हुई हैं। आने वाले दिन यह तय करेंगे कि आगे क्या होगा। तब तक हमें इंतजार करना होगा और स्थिति पर नजर रखनी होगी। उम्मीद है कि जल्द ही शांति का कोई रास्ता निकलेगा और आम लोगों को राहत मिलेगी।
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