लखनऊ के इमामबाड़े में हजारों मुसलमानों ने इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन हिजबुल्ला नेता हसन नसरल्लाह की कथित मौत के विरोध में आयोजित किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और मोमबत्तियाँ जलाईं। लखनऊ शहर में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। यह प्रदर्शन इजरायल के खिलाफ था और इसमें हजारों मुसलमान शामिल हुए। लोग इमामबाड़े में इकट्ठा हुए और अपना गुस्सा जाहिर किया।
भीड़ बढ़ती गई और हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए
प्रदर्शन की वजह हिजबुल्ला के नेता हसन नसरल्लाह की कथित मौत थी। लोगों का कहना था कि “उन्हें शहीद कर दिया गया है।” इस घटना ने पूरे मुस्लिम समुदाय को हिला कर रख दिया है। शाम होते ही लोग इमामबाड़े की तरफ बढ़ने लगे। धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती गई और हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए। सभी के हाथों में मोमबत्तियाँ थीं। कुछ लोगों ने मोबाइल फोन की टॉर्च भी जलाई हुई थी। पूरा इलाका रोशनी से जगमगा उठा।
प्रदर्शन का माहौल
प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन लोगों के चेहरों पर गुस्सा साफ दिख रहा था। कई लोग नारे लगा रहे थे। वे इजरायल और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। कुछ लोग हसन नसरल्लाह के समर्थन में भी नारे लगा रहे थे। भीड़ में औरतें और बच्चे भी शामिल थे। सभी शांत थे, लेकिन उनके चेहरों पर दुख साफ झलक रहा था। कई लोगों की आँखों में आँसू थे। वे अपने नेता की मौत पर शोक मना रहे थे।
प्रदर्शन का असर
इस विरोध प्रदर्शन का असर पूरे शहर पर पड़ा। कई दुकानें बंद हो गईं। सड़कों पर ट्रैफिक कम हो गया। लोग घरों में रहना पसंद कर रहे थे। पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने तीन दिन के शोक की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हसन नसरल्लाह एक शहीद हैं। उनकी मौत से कई और लोग प्रेरित होंगे और उनके रास्ते पर चलेंगे।
प्रदर्शन का विस्तार
धीरे-धीरे प्रदर्शन का दायरा बढ़ता गया। लोग छोटे इमामबाड़े से निकलकर बड़े इमामबाड़े की तरफ बढ़ने लगे। रास्ते में और लोग जुड़ते गए। भीड़ का आकार बढ़ता ही जा रहा था। पुलिस ने कई जगहों पर लोगों को रोकने की कोशिश की। लेकिन लोग रुकने को तैयार नहीं थे। वे अपना विरोध जताना चाहते थे। आखिरकार, भीड़ बड़े इमामबाड़े तक पहुंच ही गई।
अन्याय के खिलाफ लड़ते रहेंगे।
वहाँ पर लोगों ने इजरायल का झंडा जमीन पर बिछा दिया। कई लोग उस पर चलकर अपना गुस्सा दिखा रहे थे। इजरायली राष्ट्रपति की तस्वीर भी फाड़ दी गई। इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की आवाज पूरे शहर में गूंज रही थी। लोग अपने नेता की मौत का बदला लेने की बात कर रहे थे। उनका कहना था कि वे अन्याय के खिलाफ लड़ते रहेंगे।
प्रदर्शन का समापन
रात होते-होते प्रदर्शन का जोश कम होने लगा। लोग धीरे-धीरे अपने घरों की तरफ लौटने लगे। लेकिन उनके दिलों में अभी भी गुस्सा था। कई लोग कह रहे थे कि वे अगले दिन फिर से प्रदर्शन करेंगे। पुलिस ने राहत की सांस ली। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। लेकिन वे अगले दिनों के लिए सतर्क रहने की बात कर रहे थे। इस तरह, लखनऊ में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। लोगों ने अपनी भावनाएँ जाहिर कीं और अपने नेता को श्रद्धांजलि दी। यह प्रदर्शन लंबे समय तक लोगों के दिमाग में रहेगा।
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