RSS का बड़ा बयान, चुनावी लाभ के लिए न हो जातिगत जनगणना का इस्तेमाल

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चिराग पासवान के बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी जातिगत जनगणना (Caste census) का समर्थन किया है। आरएसएस ने देश भर में जाति जनगणना को अपना समर्थन देते हुए इसे एक संवेदनशील मुद्दा बताया। आरएसएस ने कहा कि “जाति जनगणना लोगों की बेहतरी के लिए होनी चाहिए न कि चुनावी लाभ के लिए।” संगठन ने कहा कि प्रत्येक जाति के लोगों की संख्या जानना जरूरी है ताकि उनके लिए विकास कार्य किये जा सकें।” 

चुनावी लाभ के लिए जाति जनगणना (caste census) नहीं होनी चाहिए

आरएसएस (RSS) ने कहा, “चुनावी लाभ के लिए जाति जनगणना (Caste census) नहीं होनी चाहिए। लोगों की बेहतरी के लिए जाति जनगणना होनी चाहिए। यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इस पर किसी भी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। उनके विकास के लिए प्रत्येक जाति के लोगों की संख्या जानना महत्वपूर्ण है।” 

जातिगत जनगणना समाज में एक संवेदनशील मुद्दा हैं

मीडिया खबर के मुताबिक RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख श्री सुनील आंबेकर ने कहा, “सरकार को इसे डेटा उद्देश्यों के लिए करवाना चाहिए। जातिगत जनगणना (Caste census) समाज में एक संवेदनशील मुद्दा हैं और यह राष्ट्रीय एकता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। महत्वपूर्ण बात यह कि जातिगत जनगणना का इस्तेमाल चुनाव प्रचार और चुनावी उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए। 

कांग्रेस जब सत्ता में आएगी तो वह जाति जनगणना करवाएगी

गौरतलब है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष देश में जाति जनगणना (Caste census) की वकालत कर रहा है और केंद्र पर इसे कराने का दबाव बना रहा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने निचले सदन में कहा था कि “कांग्रेस जब सत्ता में आएगी तो वह जाति जनगणना करवाएगी।

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