शिमला (Shimla Masjid Protest) के संजौली स्थित मस्जिद में अवैध निर्माण के विरोध में हिंदूवादी संगठन आज प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसे देखते हुए प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 163 (पहले 144) लगा दी है। हालांकि इसके बाद भी लोगों का उग्र प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बैठकर चक्का जाम कर दिया। उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन भी चलाया। वहीं प्रदर्शनकारियों ने भी पथराव किया। इस झड़प में कई प्रदर्शनकारी और पुलिस कर्मी घायल हुए हैं।
एसपी शिमला प्रदर्शनकारियों को जुटे हैं मनाने में
एसपी शिमला (Shimla) प्रदर्शनकारियों को मनाने में जुटे हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि अवैध निर्माण को तुरंत गिराया जाए। फिलहाल हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी अभी संजौली बाजार में डटे हुए हैं। यहां से विवादित मस्जिद करीब 50 मीटर दूर है। पुलिस ने पूरे संजौली इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है। साथ ही मस्जिद स्थल को भी पूरी तरह से सील कर दिया गया है। मौके पर आईजी जेपी सिंह और डीसी शिमला भी मौजूद हैं।
क्या है (Shimla Masjid Protest) शिमला मस्जिद विवाद?
शिमला के संजौली में स्थित इस मस्जिद का विवाद (Shimla Masjid Protest) एक लड़ाई के बाद शुरू हुआ था। करीब एक माह पूर्व शिमला के मल्याणा इलाके में करीब 6 लोगों ने विक्रम सिंह नामक युवक के साथ मारपीट की थी। इस घटना में विक्रम गंभीर रूप से घायल हो गए। आरोप है कि इस मारपीट के बाद सभी आरोपी संजौली के मस्जिद में छिप गए। जिसके बाद से ही हिंदूवादी संगठन इस मस्जिद को अवैध बताकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद को गिराने की मांग उठाई, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद स्थानीय लोगों का यह प्रदर्शन आक्रोश में बदल गया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक मस्जिद के अवैध निर्माण को नहीं गिराया जाएगा, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। इसी कड़ी में आज हजारों लोग प्रदर्शन करते हुए मस्जिद तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं यह मामला अब कोर्ट में भी पहुंच गया है, जहां पर 6 अक्टूबर को सुनवाई होनी है। पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से अनुरोध किया है कि कोर्ट का आदेश आने तक प्रदर्शन को स्थगित कर दें।
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