US Presidential Election: ट्रम्प-कमला डिबेट में उठे बड़े मुद्दे, जानें किसने क्या कहा

US Presidential Election

अमेरिका में एक बार फिर राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election) का बिगुल बज चुका है। इस बार की लड़ाई रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस के बीच है। दोनों नेताओं ने अपनी पहली बड़ी बहस में कई मुद्दों पर अपने विचार रखे। यह बहस न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया के लिए बहुत अहम है। आइए जानते हैं इस बहस में क्या-क्या हुआ और क्यों ये अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव इतना खास है।

इमिग्रेशन: अमेरिका की सबसे बड़ी चुनौती?

बहस का पहला बड़ा मुद्दा था इमिग्रेशन। ट्रम्प ने इस पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि हर दिन हजारों अपराधी अमेरिका में घुस रहे हैं। उनके मुताबिक, ये लोग इतने खतरनाक हैं कि कुत्तों और पालतू जानवरों तक को नहीं छोड़ते। ये बात सुनकर सभी हैरान रह गए। लेकिन कमला हैरिस ने इस पर करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि “ट्रम्प बस बातें बनाना जानते हैं।” उनके मुताबिक, इमिग्रेशन की समस्या के लिए ट्रम्प खुद जिम्मेदार हैं। कमला ने बताया कि “ट्रम्प की पार्टी ने ही इस मुद्दे पर काम करने वाले कानून को रोका था। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रम्प नहीं चाहते कि यह समस्या खत्म हो।” यह बहस दिखाती है कि इमिग्रेशन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election) का एक बड़ा मुद्दा बनने वाला है। दोनों पक्ष इस पर अपनी-अपनी रणनीति बना रहे हैं।

अबॉर्शन: महिलाओं के अधिकार बनाम परंपरागत मूल्य

बहस का दूसरा बड़ा मुद्दा था अबॉर्शन। ट्रम्प ने कमला पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “डेमोक्रेटिक पार्टी प्रेग्नेंसी के आखिरी महीने में भी अबॉर्शन चाहती है।” ट्रम्प ने यहां तक कह दिया कि “कमला वामपंथी हैं और उनके पिता कम्युनिस्ट थे।” कमला ने इन बातों को पूरी तरह गलत बताया। उन्होंने कहा कि “ट्रम्प सिर्फ झूठ बोल रहे हैं।” कमला ने बताया कि “ट्रम्प की वजह से आज अमेरिका के 20 राज्यों में अबॉर्शन पर रोक है। उन्होंने कहा कि सरकार या ट्रम्प महिलाओं को यह नहीं बता सकते कि वे अपने शरीर के साथ क्या करें।” यह बहस दिखाती है कि अबॉर्शन का मुद्दा अमेरिकी समाज में कितना गहरा है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में एक बड़ा फैसला करने वाला मुद्दा बन सकता है।

विदेश नीति और युद्ध: अमेरिका की दुनिया में भूमिका

बहस में विदेश नीति पर भी गहरी चर्चा हुई। ट्रम्प ने दावा किया कि अगर वे राष्ट्रपति होते तो रूस-यूक्रेन युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता। उन्होंने कहा कि “वे चुनाव जीतने के एक दिन के अंदर इस युद्ध को खत्म कर देंगे।” कमला ने इस पर मजेदार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि “अगर ट्रम्प राष्ट्रपति होते तो पुतिन इस वक्त कीव में बैठकर ट्रम्प को ही खा रहे होते।” कमला ने ट्रम्प पर आरोप लगाया कि “वे तानाशाह हैं और दुनिया के सभी तानाशाह चाहते हैं कि ट्रम्प फिर से राष्ट्रपति बनें।” यह बहस दिखाती है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में विदेश नीति एक अहम मुद्दा होगी। दोनों नेताओं के विचार अलग-अलग हैं, जो अमेरिका की दुनिया में भूमिका को प्रभावित कर सकते हैं।

इकोनॉमी: अमेरिकी जनता की सबसे बड़ी चिंता

बहस में इकोनॉमी पर भी गहरी चर्चा हुई। कमला ने कहा कि “वे मिडल क्लास फैमिली से आती हैं और उनके पास एक ऐसा आर्थिक प्लान है जिसमें सभी के लिए मौके होंगे। उन्होंने मिडल क्लास के टैक्स में कमी और छोटे बिजनेस को बढ़ावा देने की बात कही।” ट्रम्प ने दावा किया कि “उनके राज में अमेरिका की अर्थव्यवस्था सबसे अच्छी थी। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने देश में बहुत ज्यादा महंगाई ला दी है।” ट्रम्प ने बताया कि “उन्होंने चीन पर टैक्स लगाकर 35 अरब डॉलर कमाए, जो मौजूदा सरकार नहीं कर पाई।” यह बहस दिखाती है कि इकोनॉमी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा हो सकती है। लोग अपनी जेब और नौकरी को देखकर ही वोट देंगे।

कैपिटल हिल हिंसा: अमेरिकी लोकतंत्र पर सवाल

बहस का आखिरी बड़ा मुद्दा था कैपिटल हिल हिंसा। ट्रम्प ने कहा कि “उन्होंने अपने भाषण में लोगों से शांति से काम करने को कहा था।” उन्होंने दावा किया कि “वे सुरक्षा के लिए जिम्मेदार नहीं थे, बल्कि नैंसी पेलोसी जिम्मेदार थीं।” कमला ने इस पर तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि “वे उस दिन कैपिटल हिल पर मौजूद थीं।” उन्होंने आरोप लगाया कि “उस दिन अमेरिका के राष्ट्रपति (ट्रम्प) ने देश की राजधानी पर हमला करने के लिए भीड़ बुलाई थी।” यह बहस दिखाती है कि कैपिटल हिल हिंसा अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election) में एक बड़ा मुद्दा बनेगी। यह घटना अमेरिकी लोकतंत्र पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: आगे की राह

यह पहली बहस अमेरिकी राजनीति के कई पहलुओं को सामने लाई। दोनों नेताओं ने अपने-अपने विचार रखे और एक-दूसरे पर तीखे हमले किए। यह बहस आने वाले चुनाव की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। अब अमेरिकी जनता को तय करना है कि वे किस तरह के नेता और नीतियां चाहते हैं। क्या वे ट्रम्प के कड़े रुख वाली नीतियों को पसंद करेंगे या कमला के नरम रुख को? क्या इकोनॉमी उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा होगा या फिर विदेश नीति? अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election) सिर्फ अमेरिका के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बहुत अहम है। अमेरिका की नीतियां दुनिया के कई देशों को प्रभावित करती हैं। इसलिए यह चुनाव दुनिया भर में देखा जा रहा है।

आने वाले दिनों में और भी बहसें होंगी। नेता अपने-अपने विचार रखेंगे और लोगों को समझाने की कोशिश करेंगे। अंत में, अमेरिकी जनता तय करेगी कि उनका अगला राष्ट्रपति कौन होगा। यह फैसला न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया के भविष्य को प्रभावित करेगा।

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