रेबीज (Rabies) एक जूनोटिक वायरल डिजीज (Zoonotic viral disease) है, जो घरेलू और जंगली दोनों तरह के जानवरों को हो सकती है। यह वायरल रोग मनुष्यों और अन्य स्तनधारियों के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। बीमारी के लक्षण विकसित होने के बाद, रेबीज जानवरों और मनुष्यों दोनों के लिए घातक हो सकती है। यह रोग मुख्य रूप से लार के माध्यम से फैलता है और किसी संक्रमित जानवर के काटने या खरोंचने से यह इंफेक्शन हो सकता है। रेबीज (Rabies) एक घातक बीमारी है और इसके बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक है। आइए जानें रेबीज के बारे में जरूरी बातें, जिसके बारे में हर किसी को जानना चाहिए।
रेबीज (Rabies) के बारे में जरूरी बातें
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार रेबीज 150 से अधिक देशों और क्षेत्रों में एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है, खासतौर पर एशिया और अफ्रीका में। यह बीमारी हर साल हजारों लोगों की मौत का कारण बनती है, जिसमें 40% 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे होते हैं। जानिए रेबीज के बारे में जरूरी बातें।
दुनिया भर में है रेबीज से पीड़ित जानवर
मनुष्यों में रेबीज के सभी मामलों में से 95 प्रतिशत अफ्रीका या एशिया में होते हैं। हालांकि, अन्य जगहों के लोगों में भी यह समस्या हो सकती है, क्योंकि यह बीमारी इन क्षेत्रों में खत्म नहीं हुई है। कई जंगली जानवरों जैसे चमगादड़, लोमड़ी और अन्य में अभी भी यह वायरस होता है और इसके साथ ही रेबीज (Rabies) के दोबारा फैलने का खतरा भी रहता है।
रेबीज वैक्सीनेशन है एक चुनौती
ऐसा माना गया है कि जब तक जंगली जानवरों में रेबीज वायरस मौजूद रहेगा, तब तक हम इस घातक बीमारी को पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकते हैं। जब रेबीज के खिलाफ वैक्सीनेशन कम हो जाती है, तो असल में जोखिम बढ़ जाता है, क्योंकि यह बीमारी वापस आ सकती है। हमारे देश में रेबीज (Rabies) को लेकर जागरूकता की कमी और आवारा कुत्तों को टीका लगवाना आदि बेहद चुनौतीपूर्ण समस्याएं हैं।
पहचाने जा सकते हैं रेबीज के लक्षण
रेबिड वन्यजीव मुख्य रूप से अन्य जंगली जानवरों और बिना टीकाकरण वाले पालतू जानवरों के लिए खतरा पैदा करते हैं। लेकिन, इस समस्या के लक्षणों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है ताकि सही सावधानियां बरती जा सकें। रेबीज के दो अलग-अलग रूप हैं, जिन्हें “फ्यूरियस” और “डम्ब” कहा जाता है, लेकिन यह दोनों ही खतरनाक हैं।
रेबीज से बचाव है संभव
रेबीज (Rabies) से पूरी तरह से बचा जा सकता है। इसके तरीके इस प्रकार हैं:
- रेबीज अधिकतर कुत्तों से होता है, इसलिए कुत्तों का सामूहिक टीकाकरण से जोखिम से बचा जा सकता है।
- उन जानवरों का टीकाकरण कराना जो रेबीज (Rabies) के प्रसार के लिए जिम्मेदार हैं या मनुष्यों के संपर्क में हैं।
टीकाकरण और एंटी-रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा मनुष्यों का उपचार और इस समस्या की रोकथाम
- रेबीज और इसे रोकने के तरीकों के बारे में लोगों को जागरूक करना
- बाइट के बाद तुरंत डॉक्टर की सलाह लें
जब भी कोई जानवर आपको काटता है या स्क्रेच करता है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, ताकि इससे होने वाले किसी भी संक्रमण को रोका जा सके। डॉक्टर द्वारा इसका सही उपचार किया जाएगा। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि किसी जानवर के काटने या खरोंच से न केवल रेबीज (Rabies) बल्कि विभिन्न प्रकार के संक्रमण भी हो सकते हैं।
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