दिल्ली की सियासत इन दिनों उफान पर है। शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित शर्तों पर बेल मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर दिल्ली की कमान आतिशी मार्लेना के हाथों सौंप दी है। भारतीय राजनीति में यह पहली बार नहीं हुआ है जब राज्य के मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद किसी महिला को मुख्यमंत्री (Female Chief Minister) बनाया गया है। इसके पहले भी कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जब या तो जबरन पद छीनकर या फिर इस्तीफा देकर किसी महिला को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सुचेता कृपलानी
इस कड़ी में पहला नाम आता है सुचेता कृपलानी का। जिनके मुख्यमंत्री बनाने की कहानी भी बड़ी रोचक है। दरअसल हुआ यह कि साल 1963 में जवाहरलाल नेहरू ने सीबी गुप्ता से जबरदस्ती मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा ले लिया। जिसके बाद उन्होंने सुचेता कृपलानी को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। और इसके साथ ही वो भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री बन गई।
राजिंदर कौर भट्टल
हरचरण सिंह बराड़ के इस्तीफे के बाद भट्टल पंजाब की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं थीं। उन्होंने अप्रैल 1996 से फरवरी 1997 तक वह इस पद पर रहीं। वह भारतीय इतिहास की 8वीं महिला मुख्यमंत्री थीं। हालांकि पंजाब में फरवरी 1997 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था।
सुषमा स्वराज
दिल्ली में 1993 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 70 में से 49 सीटों पर जीत मिली थी। जिसके बाद मदनलाल खुराना को सीएम बनाया गया, लेकिन हवाला घोटाले में नाम आने के बाद 26 फरवरी 1996 को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा और उनकी जगह साहिब सिंह वर्मा को सीएम बनाया गया। लेकिन उनके कार्यकाल में भी दिल्ली में महंगाई से बुरा हाल हो गया। चुनाव से ठीक पहले प्याज की कीमत आसमान छूने लगी। ऐसे में भाजपा ने चुनाव से महज 52 दिन पहले साहिब सिंह वर्मा को हटाकर सुषमा स्वराज को सीएम बना दिया। तब वह दिल्ली की विधायक भी नहीं थीं।
राबड़ी देवी
चारा घोटाले मामले में नाम आने के बाद लालू प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी बिहार का मुख्यमंत्री बना दिया। राबड़ी देवी को बिहार की पहली और एकमात्र महिला मुख्यमंत्री होने का गौरव हासिल है।
सैयदा अनवरा तैमूर
बात सन अस्सी के दिसम्बर की है, जब असम धधक रहा था, तब कांग्रेस ने उन्हें असम की कमान सौंपी थी। वह क़रीब छः महीने राज्य की मुख्यमंत्री रहीं। सन 1936 में जन्मी सैयदा अनवरा तैमूर देश की पहली मुस्लिम महिला मुख्यमंत्री थीं।
वी एन जानकी
साल 1977 में हुए चुनावों में जीत के बाद अभिनेता रामचंद्रन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। 10 साल बाद 1987 में उनका निधन हो गया। हालांकि वो उस समय भी सीएम थे। निधन के बाद उनकी पत्नी वी एन जानकी को साल 1988 में तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बना दिया गया। हालांकि उनकी सरकार मात्र 24 दिन ही चली। वो तमिलनाडु की पहली महिला और सबसे कम दिन की मुख्यमंत्री थीं।
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