महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। पिछले कुछ दिनों से गुप्त मुलाकातों (Secret meetings) की खबरें सुर्खियों में हैं। ये खबरें शिवसेना (UBT) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के बीच हुई कथित बैठकों को लेकर हैं। इन मुलाकातों ने राज्य की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावनाओं को जन्म दिया है।
राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा
राज्य के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों बस एक ही चर्चा है – क्या सचमुच शिवसेना (UBT) और भाजपा के नेता एक-दूसरे से मिल रहे हैं? अगर ऐसा है, तो इसका क्या मतलब हो सकता है? क्या यह महाराष्ट्र की राजनीति में किसी बड़े बदलाव का संकेत है? वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) ने इन मुलाकातों को लेकर कुछ दावे किए हैं। VBA के मुख्य प्रवक्ता सिद्धार्थ मोकले ने एक वीडियो संदेश में कहा कि शिवसेना (UBT) के राज्यसभा सांसद संजय राउत 25 जुलाई को रात 2 बजे भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से मिले थे। यह मुलाकात दिल्ली में 7 डी मोतीलाल मार्ग पर हुई थी।
मोकले ने यह भी दावा किया कि 5 अगस्त को रात 12 बजे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मातोश्री बंगले पर गए थे। मातोश्री शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे का निवास है, जहां अब उद्धव ठाकरे रहते हैं। मोकले के अनुसार, फडणवीस अकेले गए थे और यह बैठक करीब 2 घंटे तक चली।
क्या हो सकता है इन मुलाकातों का मतलब?
अगर ये दावे सच हैं, तो इनका क्या मतलब हो सकता है? क्या यह संकेत है कि शिवसेना (UBT) और भाजपा के बीच फिर से नजदीकियां बढ़ रही हैं? या फिर यह महज एक राजनीतिक भ्रम है? इन सवालों के जवाब अभी किसी के पास नहीं हैं। लेकिन इतना तय है कि अगर ये मुलाकातें सचमुच हुई हैं, तो इनका असर महाराष्ट्र की राजनीति पर जरूर पड़ेगा। राजनीतिक समीकरण बदलाव (Political equation change) की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
नेताओं की चुप्पी बढ़ा रही है उत्सुकता
इन खबरों पर शिवसेना (UBT) और भाजपा, दोनों ही दलों ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। नेताओं की यह चुप्पी लोगों की उत्सुकता को और बढ़ा रही है। क्या सचमुच कुछ पक रहा है या फिर यह महज अफवाहों का बाजार है? वंचित बहुजन अघाड़ी ने इन मुलाकातों की जानकारी सार्वजनिक करने का कारण भी बताया है। उनका कहना है कि वे चाहते हैं कि आरक्षण के समर्थक मतदाता इस बारे में जानें। VBA का मानना है कि भाजपा और उसके सहयोगी आरक्षण के विरोधी हैं, जबकि इन मतदाताओं ने शिवसेना के उम्मीदवारों और उद्धव ठाकरे को वोट दिया है।
आने वाले दिनों में क्या हो सकता है?
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रही हैं। ऐसे में इन मुलाकातों की खबरों ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। शिवसेना-भाजपा और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) जल्द ही सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय करने की बात कर रहे हैं। पहले ऐसी खबरें थीं कि वंचित बहुजन अघाड़ी विपक्षी गठबंधन में शामिल हो सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब VBA की तरफ से इन मुलाकातों के दावों ने नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
इन मुलाकातों का महाराष्ट्र की राजनीति पर क्या पड़ेगा असर?
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इन मुलाकातों की पुष्टि होती है। अगर ऐसा होता है, तो इसका महाराष्ट्र की राजनीति पर क्या असर पड़ेगा? क्या सचमुच राजनीतिक समीकरण बदलाव (Political equation change) होने वाला है? इन सवालों के जवाब समय के साथ ही मिलेंगे। फिलहाल, महाराष्ट्र की राजनीति में यह नया मोड़ सबका ध्यान खींच रहा है। लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि आगे क्या होगा। क्या ये मुलाकातें महज अफवाह साबित होंगी या फिर राज्य की राजनीति में कोई बड़ा उलटफेर देखने को मिलेगा? यह तो वक्त ही बताएगा।
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