केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ बेंगलुरु की एक अदालत ने जबरन वसूली के आरोप में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। वित्त मंत्री के खिलाफ यह शिकायत जनाधिकार संघर्ष परिषद (जेएसपी) के सह-अध्यक्ष आदर्श अय्यर ने बेंगलुरु की पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव कोर्ट को दिया था। अपनी शिकायत में सीतारमण पर चुनावी बॉन्ड के जरिए कथित जबरन वसूली का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी। इस शिकायत पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता बालन ने कोर्ट में दलीलें रखी थी।
चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली का है आरोप
आदर्श अय्यर ने कोर्ट में जो शिकायत दी थी, उसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा के तत्कालीन कनार्टक अध्यक्ष नलिन कुमार के साथ ईडी अधिकारियों और भाजपा के अन्य नेताओं पर आरोप लगाया था। आदर्श अय्यर का आरोप है कि, निर्मला सीतारमण ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर लोगों को डराया धमकाया और चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली की है। इस शिकायत की सुनवाई करते हुए जनप्रतिनिधियों की विशेष अदालत 42वीं एसीएमएम कोर्ट ने तिलक नगर थाने को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को करेगा।
गुप्त दान लेने के लिए बना था चुनावी बॉन्ड
बता दें कि, केंद्र की भाजपा सरकार ने 2018 में चुनावी बॉन्ड योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य राजनीतिक दलों को मिलने वाले नकद दान को बॉन्ड के रूप में लेना था, ताकि राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता आए और भ्रष्टाचार कम हो। राजनीतिक पार्टियों को चुनावी बॉन्ड के जरिए जो फंड दिया जाता था, उसका खुलासा नहीं किया जाता था। हालांकि बाद में विपक्ष ने इसका विरोध शुरू कर दिया और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। विपक्ष का आरोप था कि, चुनावी बॉन्ड के जरिए भाजपा लोगों से जबरन वसूली कर रही है। वहीं, विपक्ष द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनावी बॉन्ड को रद्द कर दिया था।
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