वर्तमान समय में भारत के हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव जोरो पर हैं। इसके बाद आगे चलकर महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव होंगे। इन राज्यों से फुर्सरत मिलने के बाद फिर केरल, असम और पश्चिम बंगाल में चुनाव साल 2026 तक होंगे। यूं कह लें कि भारत में हर साल चुनाव होते रहते हैं। वो बात और है कि वन नेशन वन इलेक्शन पर भी विचार किया जा रहा है। खैर, क्या आपने कभी सोचा है कि इतने बड़े विशाल देश में कुल कितनी पार्टियां हैं? तो आपको बता दें कि भारत में कुल तकरीबन 2800 से भी अधिक पार्टियां हैं। सबसे पहले यहां हमें यह जान लेना जरूरी हैं कि भारत में पार्टियां कुल कितने प्रकार की होती हैं (Political Parties in India)?
कुल-मिलाकर भारत में तीन तरह की राजनीतिक पार्टियां हैं (Political Parties in India)
- पहली राष्ट्रीय पार्टी
- दूसरी राज्य स्तरीय पार्टी
- तीसरी और अंतिम गैर मान्यता प्राप्त (परंतु चुनाव आयोग के पास पंजीकृत)
अब यहां हम जानेंगे कि भारत में कुल कितने कुल राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय और गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियाँ हैं (Political Parties in India)? इसे जानने के लिए हमें भारत निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट का सहारा लेना होगा। आपको बता दें कि यदि भारत के चुनाव आयोग के 23 मार्च 2024 के नवीनतम प्रकाशनों और उसके बाद की अधिसूचनाओं की माने तो भारत में कुल 6 राष्ट्रीय दल, 57 राज्यस्तरीय दल और 2,764 गैर-मान्यता प्राप्त दल हैं।
कैसे मिलता है राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा?
निश्चित ही आप सोच रहे होंगे कि इन पार्टियों को राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय स्तर की पार्टी का दर्जा भला मिलता कैसे है? तो आपको बता दें कि चुनाव में मिलने वाले वोटों और सीटों की संख्या के आधार पर उन्हें राष्ट्रीय या राज्य की पार्टी का दर्जा प्राप्त होता है। वो बात और है कि समयानुसार इन पार्टियों की संख्या में बदलाव भी होता रहता है। यहां हम जानेंगे कि कैसे किसी भी पार्टी को राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा मिलता है। किसी भी पार्टी को स्टेट पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए चुनाव आयोग की कुछ शर्तों को पूरा करना होता है।
जानिए क्या हैं शर्तें
- एक तो विधानसभा चुनाव में पड़े वैध वोटों में कुल 6 प्रतिशत वोट मिलें और पार्टी से कम से कम 2 विधायक चुने जाएं या फिर विधानसभा के कुल वोटों में से 8 प्रतिशत वोट मिलें
- दूसरा यह कि लोकसभा चुनाव में कुल 6 प्रतिशत वोट मिलें और कम से कम एक सांसद चुनकर पार्लियामेंट पहुंचेया फिर राज्य की तीन प्रतिशत विधानसभा सीटें मिलें या तीन सीटें मिलें, जो भी ज्यादा हो।
- तीसरा और अंतिम यह कि लोकसभा चुनाव में राज्य की हर 25 सीटों में एक सासंद चुना जाए। जिन राज्यों में 25 से कम सीटें हैं, वहां से कम से कम एक सांसद चुना जाए।
तय मापदंडों पर खरा उतरने के बाद ही किसी पार्टी को राजस्तरीय पार्टी का दर्जा मिल जाता है।
कैसे मिलता है नेशनल पार्टी का दर्जा
राज्यस्तरीय (स्टेट लेवल) पार्टी की तरह ही नेशनल पार्टी का दर्ज पाने के लिए भी चुनाव आयोग की शर्तों का पूरा होना ज़रूरी है। निम्नलिखित शर्तों के पूरे होने के बाद ही किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय स्तर की पार्टी का दर्जा प्राप्त होता है।
जानिए क्या हैं शर्तें
- पहली शर्त तो यह कि लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कम से कम चार राज्यों में कुल वोट का 6 प्रतिशत मिले
- लोकसभा चुनाव में पार्टी के कम से कम चार उम्मीदवार जीते।
- इसके आलावा लोकसभा चुनाव में तीन या उससे ज्यादा राज्यों से लोकसभा की कुल 543 सीटों का 2 प्रतिशत यानी 11 या उससे ज्यादा सीटें मिलें।
- आखिरी और महत्वपूर्ण बात यह कि किसी भी राज्यस्तरीय दाल को 4 राज्यों में स्टेट पार्टी का दर्जा प्राप्त हो।
गौरतलब हो कि यही वो नियम हैं जिनके कारण कई बार महत्वपूर्ण पार्टियों को भी राष्ट्रीय या स्टेट पार्टी का दर्जा खोना पड़ जाता है। बात करें वर्तमान में तो भारत में कुल 6 नेशनल पार्टियां हैं। जिनमें, आप, बीजेपी, कांग्रेस, बसपा, सपीआई (एम) और एनएनपी जैसी पार्टियां शामिल हैं।
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