राजनाथ सिंह की तबीयत बिगड़ी, पीठ दर्द के कारण हुए अस्पताल में भर्ती

पीठ में गंभीर दर्द के कारण रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को गुरुवार सुबह दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि 73 वर्षीय मंत्री की हालत अभी स्थिर है और उनकी बेचैनी का कारण जानने के लिए अलग-अलग परीक्षण किए जा रहे हैं।

चिकित्सकीय अवलोकन और स्थिति

एम्स के मीडिया प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ. रीमा दादा ने पुराने निजी वार्ड में सिंह की निगरानी की पुष्टि करते हुए कहा, “उनकी हालत स्थिर और निगरानी में है।

राजनीतिक जीवन और पृष्ठभूमि

हाल ही में 73 वर्ष के हुए राजनाथ सिंह को भारतीय राजनीति में जीवन भर का अनुभव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में, वह वर्तमान में लगातार दूसरे रक्षा मंत्री हैं। इससे पहले जनवरी 2014 से शुरू हुए मोदी के पहले कार्यकाल के लिए वे केंद्रीय गृह मंत्री थे।

लखौन, उत्तर प्रदेश से, सिंह संसद सदस्य रहे हैं और अपने राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं। उनका कार्यकाल 1977 और 1980 के बीच उत्तर प्रदेश विधान सभा की सदस्यता के साथ शुरू हुआ और बाद में 2001 से 2003 तक रहा। 1991 से 1992 तक वे उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री रहे; 1999 से 2000 तक वे केंद्रीय मंत्रिमंडल में भूतल परिवहन मंत्री रहे।

अपने मंत्रालय की जिम्मेदारियों के अलावा, सिंह ने 2000 से 2002 तक मुख्यमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता की। उसके बाद, 2003 में वे केंद्रीय कृषि मंत्री बने। उनका राजनीतिक प्रभाव बढ़ता रहा; 2009 में उन्हें 15वीं लोकसभा के लिए चुना गया और उन्होंने नैतिकता समिति में भी कार्य किया।

वर्तमान स्थिति और प्रतिक्रिया

सिंह के अस्पताल में भर्ती होने की खबर से जनता के साथ-साथ राजनीतिक नेताओं की शुभकामनाएं भी सामने आई हैं। उन्हें कड़ी निगरानी में रखा गया है और एम्स ने पुष्टि की है कि उन्हें अपनी बीमारी का सबसे अच्छा इलाज मिल रहा है। अस्पताल ने रेखांकित किया है कि मंत्री की स्थिति स्थिर है, लेकिन प्रक्रिया में परीक्षणों के बारे में अधिक विवरण का खुलासा नहीं किया है।

जनमत और समर्थन

भारत की सबसे प्रसिद्ध राजनीतिक हस्तियों में से एक, राजनाथ सिंह का स्वास्थ्य कई लोगों को बहुत चिंतित करता है। सोशल मीडिया साइटों पर उनके शीघ्र स्वस्थ होने के साथ-साथ समर्थन के लिए प्रार्थनाओं की बाढ़ देखी गई है। जैसे-जैसे चिकित्सा दल उनकी स्थिति का मूल्यांकन करता रहता है, उनके सहयोगियों और मतदाताओं को उत्साहजनक समाचारों की उम्मीद होती है।

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