Uddhav Thackeray Chief Minister Post: मुख्यमंत्री बनने की कभी नहीं थी चाहत, फिर क्यों मचा है घमासान?

Uddhav Thackeray Chief Minister Post

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। इस बार यह हलचल उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद (Uddhav Thackeray Chief Minister Post) को लेकर है। हाल ही में, शिवसेना (UBT) के मुखिया और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें कभी भी मुख्यमंत्री बनने की इच्छा नहीं थी। यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर मतभेद चल रहे हैं।

उद्धव का दिल खोलकर बयान

अहमदनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “मुझे नवंबर 2019 में भी मुख्यमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं थी।” उन्होंने आगे कहा, “मैं चाहे सत्ता में रहूं या न रहूं, लोगों का समर्थन मुझे ताकत देता है। मेरे पिता बालासाहेब ठाकरे कभी सत्ता में नहीं थे, लेकिन लोगों के प्यार के कारण वे बहुत शक्तिशाली थे।”

इस बयान से कई सवाल उठ रहे हैं। क्या उद्धव ठाकरे सच में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद (Uddhav Thackeray Chief Minister Post) नहीं चाहते? या फिर यह सिर्फ राजनीतिक चाल है? इन सवालों के जवाब जानने के लिए हमें महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक स्थिति को समझना होगा।

महाविकास अघाड़ी में मतभेद

महाविकास अघाड़ी में शिवसेना (UBT), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) शामिल हैं। शिवसेना (UBT) चाहती है कि चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार तय कर दिया जाए। लेकिन कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) इसके खिलाफ हैं। वे कहते हैं कि चुनाव के बाद जो पार्टी सबसे ज्यादा सीटें जीतेगी, उसी का नेता मुख्यमंत्री बनेगा।

इस मतभेद के बीच उद्धव ठाकरे का यह बयान आया है। कई लोग मान रहे हैं कि उद्धव अपने साथियों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि उन्हें ही मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाए।

जनता का समर्थन ही मेरी ताकत

उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में कहा, “जब तक आप लोग मेरा साथ देंगे, कोई मुझे रिटायर नहीं कर सकता।” इस बयान से साफ है कि उद्धव अभी भी राजनीति में सक्रिय रहना चाहते हैं। वे जनता के समर्थन को अपनी सबसे बड़ी ताकत मानते हैं।

लेकिन क्या जनता उद्धव के साथ है? पिछले कुछ सालों में महाराष्ट्र की राजनीति में काफी उथल-पुथल हुई है। शिवसेना में टूट के बाद उद्धव की पार्टी कमजोर हुई है। ऐसे में उनके लिए जनता का समर्थन बनाए रखना बड़ी चुनौती है।

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। ऐसे में हर पार्टी अपनी-अपनी रणनीति बना रही है। उद्धव ठाकरे का यह बयान उनकी रणनीति का एक हिस्सा हो सकता है। वे अपने साथियों को यह संदेश देना चाहते हैं कि वे किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री पद के लिए लड़ाई नहीं करेंगे।

लेकिन क्या यह रणनीति काम करेगी? क्या महाविकास अघाड़ी के अन्य साथी उद्धव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार मानेंगे? इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे। तब तक महाराष्ट्र की राजनीति में यह खेल चलता रहेगा।

एक बात तो तय है कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद (Uddhav Thackeray Chief Minister Post) को लेकर अभी और बहस होगी। महाराष्ट्र की जनता इस बहस को ध्यान से देख रही है। आखिरकार, चुनाव में फैसला करने वाली वही होगी।

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