भारत ने शतरंज की दुनिया में धूम मचा दी है। भारत ने 45वें शतरंज ओलंपियाड (Chess Olympiad) में कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो पहले कभी नहीं हुआ था। चलिए जानते हैं 45वें शतरंज ओलंपियाड 2024 (Chess Olympiad 2024) से जुड़ी पूरी खबर।
दोहरी जीत का मजा
सबसे पहली और सबसे बड़ी बात यह है कि भारत ने शतरंज ओलंपियाड 2024 (Chess Olympiad 2024) में ओपन यानी पुरुषों की टीम और महिलाओं की टीम, दोनों में गोल्ड मेडल जीता है। यह पहली बार हुआ है जब किसी भारतीय टीम ने यह कारनामा किया है।
कहां हुआ ये मुकाबला?
ये सारा खेल हंगरी के शहर बुडापेस्ट में हुआ। वहां दुनिया भर के शतरंज के दिग्गज इकट्ठा हुए थे। लेकिन हमारे खिलाड़ियों ने सबको मात दे दी।
पुरुषों की टीम ने क्या किया?
पुरुषों की टीम ने आखिरी राउंड में स्लोवेनिया को 3.5-0.5 से हरा दिया। यानी चार में से साढ़े तीन मैच जीत लिए! इसमें सबसे ज्यादा चर्चा 17 साल के डी गुकेश की हो रही है। इस लड़के ने अमेरिका के बड़े खिलाड़ी फैबियानो कारुआना को हरा दिया। सिर्फ इतना ही नहीं, गुकेश ने पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा अंक भी बनाए।
टीम के दूसरे खिलाड़ियों ने भी कम नहीं किया। आर प्रज्ञानंद, अर्जुन एरिगैसी, विदित गुजराती, पेंटाला हरिकृष्णा और श्रीनाथ नारायणन – इन सबने मिलकर टीम को जिताया।
महिलाओं ने भी दिखाया दम
महिलाओं की टीम ने भी कुछ कम नहीं किया। उन्होंने भी अजरबैजान को 3.5-0.5 से हरा दिया। टीम की कप्तान हरिका द्रोणावल्ली ने शानदार नेतृत्व किया। वैशाली रमेशबाबू, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल, तानिया सचदेव और अभिजीत कुंटे – इन सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
रोमांचक सफर
पूरा टूर्नामेंट बड़ा रोमांचक रहा। भारत ने शुरुआत में लगातार आठ मैच जीते। फिर नौवें राउंड में पिछले चैंपियन उज्बेकिस्तान से बराबरी की। इसके बाद भी टीम ने हार नहीं मानी और आखिर में जीत हासिल की।
कुछ यादगार पल
इस शतरंज ओलंपियाड (Chess Olympiad) में कई ऐसे पल आए जो लंबे समय तक याद रखे जाएंगे। जैसे:
- गुकेश का कारुआना पर जीतना
- प्रज्ञानंद का 50 चालों तक चला मैच जीतना
- हरिका का चीन की मशहूर खिलाड़ी को हराना
- अर्जुन का आखिरी राउंड में महत्वपूर्ण जीत दिलाना
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह जीत भारतीय खेल में एक नया अध्याय जोड़ती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे और भी ज्यादा बच्चे शतरंज खेलने की ओर आकर्षित होंगे।
देश में खुशी की लहर
जैसे ही यह खबर आई, पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जाहिर की। कई राज्य सरकारों ने खिलाड़ियों को सम्मानित करने की घोषणा की।
भारतीय शतरंज की टीम ने देश के नाम जहां पदक किया वहीं अब ज़्यादा से ज़्यादा बच्चे भी इस खेल में अपनी दिलचस्पी दिखा सकते हैं।
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