महाकुंभ का महाआयोजन सनातन धर्म की आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है

महाकुंभ भारतवर्ष ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और दुर्लभ आयोजन है। पूर्ण कुंभ सिर्फ प्रयागराज में हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है। 12 पूर्ण कुंभ पूरे होने के बाद यानी 144 साल बाद महाकुंभ आता है। इसीलिए इस आयोजन को महाकुंभ कहते हैं। यह सिर्फ प्रयागराज के उस संगम में आयोजित होता है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का पवित्र संगम होता है। प्रत्येक 12वें वर्ष के अतिरिक्त प्रयाग में दो कुम्भ पर्वों के बीच छह वर्ष के अंतराल में एक अर्धकुम्भ भी होता है। इसका आयोजन प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होता है। इस मेले में करोड़ों श्रद्धालु हर बारहवें वर्ष पवित्र नदी में डुबकी लगाते हैं। मान्यता है कि कुंभ में स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं। 

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महाकुंभ के विशेष दिन

पौष पूर्णिमा

पौष पूर्णिमा

मकर संक्रान्ति

मौनी अमावस्या

वसन्त पंचमी

माघी पूर्णिमा

महाशिवरात्रि

प्रयागराज के महत्वपूर्ण घाट

संगम घाट
केदार घाट

हांडी फोड़ घाट
दशाश्वमेध घाट

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