Santhara: Jain Moksha Ritual or Ethical Controversy?

संथारा प्रथा: जैन धर्म की मोक्ष यात्रा या नैतिक विवाद?

असल में संथारा (Santhara Pratha Jainism), जैन धर्म की एक ऐसी परम्परा है, जिसमें मृत्यु को भी एक महोत्सव के रूप आत्मसात किया जाता है। इसे जैन धर्म में एक सर्वोच्च व्रत माना जाता है। यह प्रथा असल में स्वेच्छा से देह त्यागने की परंपरा है। जैन धर्म (Jain Dharma) में इसे जीवन की अंतिम साधना माना जाता है, जो एक धार्मिक संकल्प भी है। इस प्रथा में भगवान महावीर के उपदेशानुसार जन्म की तरह ही मृत्यु को भी उत्सव का रूप दिया जाता है।। क्या है संथारा? जब किसी व्यक्ति को यह आभास होता है कि उसकी जीवन यात्रा अब समाप्ति की ओर है, तो वह अपने अंत समय में सभी सांसारिक इच्छाओं को नियंत्रित करते हुए अन्न और जल का त्याग कर देता है। संथारा (Santhara) अपनाने वाला व्यक्ति पहले धीरे-धीरे भोजन कम करता है और फिर एक समय के बाद जल ग्रहण करना भी बंद कर देता है। इसकी शुरुआत सूर्योदय के बाद पहले 48 मिनट तक उपवास से होती है, जिसमें पानी भी नहीं लिया जाता। इस प्रारंभिक व्रत को नौकार्थी कहा जाता है। संथारा लेने से पूर्व व्यक्ति को अपने परिवार के सदस्यों और गुरु से अनुमति लेना अनिवार्य होता है — बिना उनकी स्वीकृति के यह व्रत नहीं लिया जा सकता। संथारा के लिए अनुमति क्यों जरूरी है: जब कोई व्यक्ति संथारा (Santhara Pratha Jainism) लेने की इच्छा जताता है, तो सबसे पहले उसे अपने परिवार और समाज से इसकी स्वीकृति प्राप्त करनी होती है। इसके पश्चात वह किसी आचार्य या धर्मगुरु से औपचारिक अनुमति मांगता है। इस संपूर्ण प्रक्रिया में व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक स्थिति का गहन आकलन किया जाता है।उदाहरण के लिए, यदि कोई 20 वर्षीय युवा गंभीर शारीरिक या मानसिक कष्ट में है, तो उसे संथारा की अनुमति मिल सकती है। लेकिन दूसरी ओर, यदि कोई 90 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ है, तो उसे संथारा की अनुमति नहीं दी जाती। इसे भी पढ़ें:-  शिवधाम की ओर आध्यात्मिक सफर फिर से शुरू, जानिए तारीखें और पंजीकरण प्रक्रिया संथारा कब लिया जा सकता है: जैन धर्म (Jain Dharma) के अनुसार संथारा की अनुमति केवल गृहस्थ व्यक्तियों, मुनियों या साधुओं को होती है। यह व्रत तब लिया जा सकता है जब कोई व्यक्ति ऐसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा हो जिसका इलाज संभव न हो, या जब उसका शरीर पूरी तरह से जवाब दे चुका हो। संथारा की प्रक्रिया शुरू करने के बाद भी व्यक्ति डॉक्टरी सलाह ले सकता है; ऐसा करने से इस व्रत में कोई बाधा नहीं मानी जाती। नोट: यहां दी गई जानकारी धर्म से जुड़े ग्रंथों के अनुसार साझा की गई है। अगर आप कोई विशेष पूजा करवाना चाहते हैं, तो अपने धर्म गुरुओं के बताये अनुसार करें। Latest News in Hindi Today Hindi News Santhara Pratha Jainism #SantharaRitual #JainMoksha #FastingToDeath #JainPhilosophy #SantharaDebate #ReligiousRituals #SpiritualPath #MokshaJourney #SantharaControversy #JainTradition

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Strongest village in India: कैसे एक आदमी ने बदली किस्मत, हर घर में रहते हैं पहलवान और बाउंसर्स, यहां है भारत का सबसे मज़बूत गांव

बाउंसरों को देखते ही हमारे मन में एक ही ख्याल आता है कि काश! हमारी बॉडी ऐसी होती। बाउंसर का काम होता है वीआईपी अथवा रईस लोगों को सुरक्षा प्रदान करना। दखने और सुनने में यह काम जितना आसान लगता है, दरअसल उतना है नहीं। क्योंकि आज के इस प्रदूषित वातावरण में खुद को फिट एंड फाइन रखना आसान नहीं होता। खैर, क्या आप जानते हैं कि दिल्ली के नाईट क्लबों में सबसे अधिक बाउंसर कहाँ से आते हैं? शायद आप जानते हो? यदि आप नहीं जानते हैं, तो आपको बता दें कि दिल्ली की भागम-भाग भरी जिंदगी से कुछ दूरी पर स्थित असोला और फतेहपुर बेरी नामक एक जुड़वां गांव हैं, जहां के लोग आज भी अपनी पुश्तैनी परंपरा को बनाये रखें हैं। इस गाँव में एक शख्स ऐसा भी है जिसने पूरे गाँव के युवाओं को कमाई का एक ऐसा जरिया बता दिया है जिसके चलते सभी लोग अपने आपको फिट (Strongest village in India) रखने में जुट गए हैं।  शारीरिक शक्ति को आजीविका में बदलकर की जा सकती (Strongest village in India) है अच्छी कमाई दरअसल, गाँव के एक स्थनीय पहलवान ने पूरे गाँव की किस्मत संवार दी। बता दें कि विजय तंवर भारत की ओलंपिक कुश्ती टीम में जगह बनाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत भी लेकिन वो सफल नहीं हो पाए। कद काठी बेजोड़ थी ही, सो इस असफलता से निराश होने के बजाय उन्होंने बतौर बाउंसर काम करना शुरू कर दिया। उनकी देखा देखी गाँव अन्य लोग भी उनसे प्रेरित होकर अपने शरीर को संवारने में जुट गए। उनका मकसद एकदम क्लियर था। शारीरिक शक्ति को आजीविका में बदलकर अच्छी कमाई की जा सकती (Strongest village in India) है। इस हेतु गांवों के युवा स्थानीय अखाड़ों में कठोर ट्रेनिंग सेशन्स में शामिल होने लगे। जूनून ऐसा कि वे हर दिन सैकड़ों सिट-अप, पुश-अप और कुश्ती अभ्यास करने लगे। देखते-ही-देखते लोग अनुशासित जीवन जीने लगे। यही उनकी अनुशासित जीवन शैली एक अनोखे पेशे में बदल गई। आलम यह है कि गाँव के अधिकतर युवा बाउंसर बन अपना जीवनयापन करने लगे हैं। इसके साथ ही वो युवाओं को भी इस हेतु प्रेरित करने लगे हैं। बता दें कि इस गाँव के कुछ लोग विदेश में सुरक्षा सेवाओं में करियर बनाना चाहते हैं तो कुछ अपने पारंपरिक पेशे कुश्ती में ही अपना करियर बनाना चाहते हैं।  इस गाँव को भारत का सबसे मज़बूत गांव (Strongest village in India) के रूप में भी जाना जाता है कहने की जरूरत नहीं, प्रदूषण भरे इस माहौल में शारीरिक रूप से फिट रहना या फिर अपने आप को मेंटेन करना आसान नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल यह कि इस गाँव के लोग इतने फिट कैसे रह लेते हैं? उनकी फिटनेस का राज जानने पर पता चला कि गाँव का हर युवा शराब और तंबाकू से कोसो दूर रहता है। इसके अलावा प्रोटीन युक्त आहार लेता है और जमकर वर्जिश करता है। अपने शरीर को हृष्ट-पुष्ट बनाए रखने के लिए नियमित रूप से अनुशासन का पालन करता है। गांव का पहला जिम खोलने वाले अंकुर तंवर ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए साक्षात्कार में कहा कि “तंवर परिवार में योद्धा का एक तत्व है। हमने मुस्लिम आक्रमणकारियों से लड़ाई लड़ी। हमने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी। पिछले 20 सालों में बहुत कुछ बदल गया है।” खैर, बढ़ते नाइटलाइफ़ दृश्य में बाउंसरों की मांग बढ़ती जा रही है। आपको जानकर हैरत होगी कि दिल्ली अधिकतर बाउंसर असोला-फतेहपुर गाँव के ही होते हैं। इस गाँव को बाउंसरों का गढ़ कहा जाता है। इसके अलावा इस गाँव को भारत का सबसे मज़बूत गांव (Strongest village in India) के रूप में भी जाना जाता है।  इसे भी पढ़ें: सत्तू शरबत: शरीर को मजबूत और स्वस्थ बनाने में फायदेमंद है यह देसी टॉनिक हमने कभी सोचा भी नहीं था कि हम बार में काम करेंगे बता दें कि सीएनएन से हुई बातचीत में विजय तंवर ने बताया कि “मैं इस गांव का पहला बाउंसर (Strongest village in India) था। फिर सभी ने मेरी राह पर चलना शुरू कर दिया। अब 300 से ज़्यादा पहलवान नई दिल्ली के क्लबों और बार में बाउंसर के तौर पर काम करते हैं।” गौरवान्वित होते हुए उन्होंने आगे कहा कि “जैसा कि वे कहते हैं, स्वास्थ्य ही धन है। हम स्वस्थ हैं, लेकिन हम अच्छा पैसा भी कमा रहे हैं। बच्चों को अच्छे स्कूलों में भेज पा रहे हैं, अच्छा खा पा रहे हैं। जीवन में और क्या ही चाहिए?” अपनी बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि “हमने कभी नहीं सोचा था कि हम बार में काम करेंगे।” Latest News in Hindi Today Hindi Strongest village in India #StrongestVillage #IndianWrestlers #BouncerVillage #RuralPower #HaryanaHeroes #IndianStrength #VillageOfChampions #DesiPower #BodybuildingIndia #WrestlingCulture

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Yamuna Kalindi meaning

क्यों देवी यमुना कहलाती हैं ‘कालिंदी’? जानिए भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी इस दिव्य कथा

हिंदू धर्म में नदियों को केवल जल की धारा नहीं माना गया, बल्कि उन्हें देवी के रूप में पूजा जाता है। उन्हीं में से एक हैं देवी यमुना (Devi Yamuna), जिन्हें विशेष रूप से यमराज की बहन और भगवान श्रीकृष्ण की परम भक्त के रूप में जाना जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि देवी यमुना को ‘कालिंदी’ क्यों कहा जाता है? यह नाम सिर्फ एक उपनाम नहीं है, बल्कि इससे जुड़ी है एक अत्यंत रोचक और आध्यात्मिक कथा, जो भगवान श्रीकृष्ण से गहरा संबंध रखती है। ‘कालिंदी’ नाम का अर्थ और प्रतीक ‘कालिंदी’ नाम की उत्पत्ति ‘कलिंद’ पर्वत से मानी जाती है, क्योंकि यमुना नदी का उद्गम स्थल यही पर्वत है। अर्थात जो कलिंद पर्वत से निकलती है, उसे कालिंदी (Kalindi) कहा जाता है। हालांकि इस नाम के पीछे और भी कई पौराणिक मान्यताएं और कथाएं जुड़ी हुई हैं, जो देवी यमुना के महत्व को और भी गहराई से समझाती हैं। भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी कथा हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी यमुना को भगवान सूर्य की बेटी तथा यमराज की बहन के रूप में जाना जाता है। वे भगवान विष्णु की अनन्य भक्त थीं और उन्होंने कई जन्मों तक उन्हें अपने पति के रूप में पाने की तपस्या की। उनकी तपस्या और भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान दिया कि वे द्वापर युग में जब कृष्ण के रूप में अवतरित होंगे, तब वे उन्हें प्राप्त करेंगी। ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, तब उनके पिता वासुदेव उन्हें मथुरा से गोकुल ले जा रहे थे और रास्ते में यमुना नदी पार करनी थी। उस समय यमुना ने अपने जल को शांत कर श्रीकृष्ण के चरणों का स्पर्श किया और उनका स्वागत किया। यही कारण है कि यमुना नदी को विशेष रूप से श्रीकृष्ण (Lord Krishna) की प्रिय मानी जाती है। ब्रजभूमि में बाल कृष्ण की अनेक लीलाएं यमुना के तट पर ही घटित हुईं। एक अन्य लोककथा के अनुसार, जब भगवान कृष्ण (Lord Krishna) अर्जुन के साथ यमुना तट पर आए, तो उन्होंने वहां एक तपस्या में लीन सुंदर कन्या को देखा। वह कन्या और कोई नहीं बल्कि देवी यमुना ही थीं, जो श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने की कामना से तप कर रही थीं। उनकी अटल भक्ति और प्रेम को देखकर श्रीकृष्ण ने उनसे विवाह किया। इसी कारण यमुना को ‘कालिंदी’ (Devi Yamuna) भी कहा जाता है — ‘काली कमली वाले’ श्रीकृष्ण से जुड़े होने के कारण। ‘कालिंदी’ नाम यमुना का एक विशेष नाम है, जो उनके कृष्ण से दिव्य संबंध को दर्शाता है। यह नाम न सिर्फ उनके रंग या प्रवाह की गहराई को दर्शाता है, बल्कि उस पवित्र प्रेम को भी दर्शाता है जो उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के प्रति रखा। इसे भी पढ़ें:-  शिवधाम की ओर आध्यात्मिक सफर फिर से शुरू, जानिए तारीखें और पंजीकरण प्रक्रिया तीर्थों और मंदिरों में विशेष पूजन भारत में अनेक ऐसे तीर्थस्थल हैं, जहां देवी यमुना (Devi Yamuna) को कालिंदी (Kalindi) रूप में पूजा जाता है। ब्रज भूमि, विशेषकर वृंदावन और मथुरा में यमुना आरती का विशेष महत्व है। माना जाता है कि श्रीकृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं में यमुना नदी को साक्षी बनाया। कदंब वन, यमुना घाट और कालिंदी कुंज जैसे स्थानों पर आज भी भक्तजन श्रद्धा से पूजन करते हैं। नोट: यहां दी गई जानकारी धर्म से जुड़े ग्रंथों के अनुसार साझा की गई है। अगर आप कोई विशेष पूजा करवाना चाहते हैं, तो अपने धर्म गुरुओं के बताये अनुसार करें। Latest News in Hindi Today Hindi News Devi Yamuna #Kalindi #YamunaRiver #LordKrishna #HinduMythology #DivineStory #KrishnaMarriage #KalindiMyth #KrishnaLeela #KalindiYamuna #SpiritualIndia

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Cease-Fire

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर: क्या है इसका मतलब और कितना है असरदार?

भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच एक बार फिर से तनावपूर्ण माहौल के बीच एक बड़ी और अहम खबर सामने आई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ताजा बयान में पुष्टि की है कि दोनों देशों के बीच सीजफायर (Cease-Fire) हो गया है। इसका मतलब यह है कि अब भारत और पाकिस्तान की सेनाएं सीमा पर किसी भी तरह की गोलीबारी या सैन्य कार्रवाई नहीं करेंगी। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब नियंत्रण रेखा (LoC) पर कई महीनों से लगातार तनाव बना हुआ था। क्या होता है सीजफायर (Cease-Fire)? सीजफायर (Cease-Fire) एक सैन्य शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – गोलीबारी रोक देना। जब दो देशों के बीच युद्ध या संघर्ष की स्थिति होती है, और वे तय करते हैं कि अब आगे से किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई नहीं की जाएगी, तो इसे सीजफायर कहा जाता है। यह अस्थायी भी हो सकता है और स्थायी भी, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य है – शांति बहाल करना और जान-माल की हानि को रोकना। भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच पहली बार 1949 में सीजफायर (Cease-Fire) हुआ था, जब कश्मीर के मुद्दे पर दोनों देशों में युद्ध हुआ था। इसके बाद 1965 और 1971 के युद्धों के बाद भी युद्धविराम की घोषणाएं हुईं। हाल ही में 2021 में भी दोनों देशों ने एक औपचारिक सीजफायर (Cease-Fire) समझौता किया था, जिसके बाद से नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी में भारी कमी देखी गई। सीजफायर का महत्व सीजफायर (Cease-Fire) न केवल सीमा पर शांति बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि यह नागरिकों की सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद जरूरी होता है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग अक्सर पाकिस्तान की तरफ से की गई फायरिंग के शिकार होते हैं। सीजफायर (Cease-Fire) के बाद इन इलाकों में सामान्य जीवन बहाल हो पाता है और बच्चों की पढ़ाई, किसानों की खेती और व्यापार पर सकारात्मक असर पड़ता है। भारत के लिए क्या हैं फायदे? 1. कूटनीतिक मजबूती: भारत दुनिया को यह संदेश देता है कि वह शांति का पक्षधर है और बातचीत से हल निकालना चाहता है।2. सैन्य संतुलन: सीजफायर (Cease-Fire) के बाद भारतीय सेना अपने संसाधनों को देश के अन्य क्षेत्रों में इस्तेमाल कर सकती है।3. अंतरराष्ट्रीय छवि: शांति की दिशा में कदम उठाकर भारत अपनी वैश्विक छवि को और मजबूत करता है। पाकिस्तान के सामने चुनौती पाकिस्तान में अक्सर सेना और कट्टरपंथी तत्वों का नियंत्रण सरकार से ज्यादा होता है। ऐसे में युद्धविराम (Cease-Fire) के बाद यह देखना जरूरी होगा कि क्या पाकिस्तान वास्तव में इस पर अमल करता है या केवल दिखावे के लिए सहमत होता है। इसे भी पढ़ें:-  भारतीय सेना ने बीती रात के हमले का जारी किया वीडियो, इस तरह पाकिस्तानी ड्रोन को हवा में ही दिया उड़ा एक और महत्वपूर्ण पहलू सीजफायर (Cease-Fire) के बावजूद पाकिस्तान ने कई बार सीमा पार आतंकवाद (Terrorism) को बढ़ावा दिया है। आतंकवादी घुसपैठ, ड्रोन के जरिए हथियारों की आपूर्ति और अलगाववादी गतिविधियों का समर्थन आज भी चिंता का विषय हैं। ऐसे में भारत को न केवल सतर्क रहना होगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर करना होगा। सीजफायर (Cease-Fire) एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह तभी सफल होगा जब दोनों देश नीयत और नीतियों से शांति की दिशा में बढ़ें। भारत को अपनी सुरक्षा और कूटनीति – दोनों को संतुलन में रखकर आगे बढ़ना होगा। सीमा पर शांति तभी टिकाऊ हो सकती है जब विश्वास और पारदर्शिता के साथ इसका पालन हो। Latest News in Hindi Today Hindi news Cease-Fire #India #Pakistan #CeaseFire #Operationsindoor

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Why IMF Repeatedly Helps Pakistan Financially

IMF क्यों कर रहा है पाकिस्तान की बार-बार मदद?

IMF यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एक वैश्विक संस्था है जो दुनिया के आर्थिक संकट झेल रहे देशों को आर्थिक सहायता या ऋण प्रदान करती है। इस सहायता का उद्देश्य है वैश्विक वित्तीय स्थिरता बनाए रखना, सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करना और गरीबी कम करने में मदद करना। लेकिन जब यही सहायता बार-बार पाकिस्तान जैसे देश को दी जाती है, तो सवाल उठना लाजिमी हो जाता है, खासकर तब जब वह देश भारत के खिलाफ आतंकवाद को समर्थन देने के लिए बदनाम हो। पाकिस्तान और IMF की साझेदारी पाकिस्तान लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। महंगाई अपने चरम पर है, विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका है और देश के डिफॉल्ट करने का खतरा हमेशा बना रहता है। ऐसे में आईएमएफ ने जुलाई 2023 में पाकिस्तान को लगभग 3 अरब डॉलर का “स्टैंडबाय अरेंजमेंट” दिया, जिससे उसे थोड़ी राहत मिली। लेकिन अब खबरें हैं कि पाकिस्तान को एक बार फिर से 6 से 8 अरब डॉलर तक की सहायता मिल सकती है, जो “एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी” (EFF) के तहत होगी। इसका मतलब है कि अगले कुछ वर्षों तक पाकिस्तान को धीरे-धीरे ये रकम दी जाएगी, जिससे वह अपने आर्थिक ढांचे में सुधार कर सके। भारत के लिए अहम सवाल हालांकि आईएमएफ की सहायता मानवीय दृष्टिकोण से उचित लग सकती है, लेकिन भारत जैसे देश के लिए इससे जुड़े कुछ गंभीर प्रश्न खड़े होते हैं — 1. क्या IMF यह सुनिश्चित करता है कि पाकिस्तान इन फंड्स का इस्तेमाल आतंकी संगठनों पर नहीं कर रहा? इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान ने पहले भी विदेशी सहायता का उपयोग सैन्य खर्चों और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में किया है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि आईएमएफ द्वारा दी जा रही रकम की निगरानी हो। 2. भारत, जो खुद IMF का एक बड़ा योगदानकर्ता सदस्य है, क्या पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता पर आपत्ति नहीं जता सकता? भारत IMF का सदस्य है और उसका एक हिस्सा उसके कोष में जाता है। इसलिए भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह मुद्दा उठाना चाहिए कि आतंकवाद को प्रश्रय देने वाले देश को बिना सख्त शर्तों के फंड क्यों दिया जा रहा है। इसे भी पढ़ें:-  भारतीय सेना ने बीती रात के हमले का जारी किया वीडियो, इस तरह पाकिस्तानी ड्रोन को हवा में ही दिया उड़ा 3. क्या भारत का पैसा अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान की सहायता में नहीं लग रहा है? जब IMF किसी देश को सहायता देता है, तो वह अपने सभी सदस्य देशों से मिली राशि में से ही देता है। इसका मतलब है कि भारत सहित बाकी देशों का योगदान भी इसमें शामिल होता है। IMF की भूमिका वैश्विक आर्थिक संतुलन बनाए रखने में अहम है। लेकिन जब यही संस्थान बार-बार ऐसे देश को फंड देता है जो आतंकवाद, कट्टरपंथ और भारत विरोधी गतिविधियों के लिए कुख्यात है, तो यह चिंता का विषय बन जाता है। भारत को चाहिए कि वह IMF जैसे वैश्विक मंचों पर इस विषय पर कड़ा रुख अपनाए और यह मांग करे कि किसी भी फंडिंग से पहले उसके उपयोग की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। Latest News in Hindi Today Hindi news अंतरराष्ट्रीय मुद्रा #IMF #PakistanCrisis #IMFBailout #PakistanEconomy #GlobalFinance #DebtRelief #PakistanNews #EconomicCrisis #IMFHelp #IMFLoan

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Indian government on terrorism

India Declares Terrorism as War Against the Nation : आतंकवाद के खिलाफ भारत का बड़ा फैसला, किसी भी आतंकवादी गतिविधि को भारत के खिलाफ माना जाएगा जंग

22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। आतंकियों ने उनसे धर्म और नाम पूछकर गोली मारी थी। हमले के बाद समूचे भारत में खासा रोष देखा गया था। पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि “हम इसके दोषियों को कल्पना से परे सजा देंगे।” इस हमले के 15वें दिन भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के 9 ठिकानों पर हमला कर आतंकी कैंपों को नेस्तनाबूत कर दिया। इस हमले में पाकिस्तान को बड़ा नुकसान हुआ। उसके कई खूंखार आतंकी मारे गए। भारत की इस कार्रवाई से तिलमिलाए पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत पर हमले की कोशिश (India Declares Terrorism as War Against the Nation) की। लेकिन भारत के एयर डिफेन्स सिस्टम ने पाकिस्तान के सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने भारत पर ताबड़तोड़ हमला किया है। इस बीच भारतीय सेना ने कहा कि “पाकिस्तान लगातार हम पर हमला कर रहा है। भारत की ओर से पश्चिमी सीमा पर ड्रोन, लंबी दूरी के हथियारों और लड़ाकू विमानों के जरिए पाकिस्तान की उकसावे वाली कार्रवाई को नाकाम कर दिया गया है।” भारतीय सेना ने यह भी बताया कि “पाकिस्तान अपने सैनिकों को सीमावर्ती इलाकों में तैनात कर रहा है जो स्थिति को और तनावपूर्ण करने के उसके आक्रामक इरादे का संकेत देते हैं।” आतंकवादी कार्रवाई को भारत के विरुद्ध युद्ध कार्रवाई माना (India Declares Terrorism as War Against the Nation) जाएगा बता दें कि पिछले 3 दिनों से भारत और पाकिस्तान के बीच जारी संघर्ष बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान एक के बाद एक भारत पर हमला कर रहा है। इस बीच भारत सरकार का कहना है कि “उसकी ओर से जो कार्रवाई की जा रही है वो पाकिस्तान के हमले के बदले में की जा रही है। इस पूरे मामले पर विदेश मंत्रालय का कहना है कि “पाकिस्तान ने देश के 26 जगहों पर हमला करने की कोशिश की। खैर, भारत पिछले 4 दशकों से लगातार पड़ोसी मुल्क की तरफ से हो रही आतंकवादी घटनाओं से परेशान रहा है। अब भारत ने इसके खिलाफ सख्त एक्शन लेने का फैसला लिया है। फैसले के मुताबिक भविष्य में किसी भी आतंकवादी कार्रवाई को भारत के विरुद्ध युद्ध कार्रवाई माना (India Declares Terrorism as War Against the Nation) जाएगा। और जवाब भी उसी तरह से दिया जाएगा। भारत सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि भारत ने यह तय कर लिया है कि अब आतंकवाद के खिलाफ किसी तरह की गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भविष्य में किसी भी आतंकवादी गतिविधि को भारत के खिलाफ जंग माना जाएगा। और इस तरह की गतिविधि का जवाब भी उसी अंदाज में दिया जाएगा।  इसे भी पढ़ें:-  भारतीय सेना ने बीती रात के हमले का जारी किया वीडियो, इस तरह पाकिस्तानी ड्रोन को हवा में ही दिया उड़ा भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं (India Declares Terrorism as War Against the Nation) करेगा गौरतलब हो कि इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह चुके हैं कि “भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं (India Declares Terrorism as War Against the Nation) करेगा। अगर कोई देश या संगठन हमारे नागरिकों पर आतंकी हमला करेगा, तो हम इसे युद्ध की तरह लेंगे और उसका जवाब सैन्य कार्रवाई के जरिए देंगे। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि “भारत की सेना और खुफिया एजेंसियां ऐसी किसी भी साजिश को नाकाम करने के लिए तैयार है।  Latest News in Hindi Today Hindi news India Declares Terrorism as War Against the Nation #IndiaAgainstTerrorism #WarOnTerror #NationalSecurity #AntiTerrorLaw #ModiGovernment #IndiaNews #TerrorismAlert #SecurityUpdate #BreakingNews #IndianPolitics

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India Pakistan tensions

Will Pakistan Use Nuclear: क्या भारत के खिलाफ परमाणु हथियार का इस्तेमाल करेगा पाकिस्तान?

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पहलगाम हमले का बदला लेना शुरू कर दिया है। भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान इस कदर बौखलाया है कि अब वो परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने की धमकी देने लगा है। जानकारी के मुताबिक भारत-पाकिस्तान की बढ़ती तनावपूर्ण स्थिति पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने परमाणु हथियार के इस्तेमाल पर एक इंटरव्यू में जवाब दिया। शनिवार को रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत-पाकिस्तान ने कहा कि “परमाणु हथियार का विकल्प अभी उनके समक्ष नहीं है। आसिफ ने जियो न्यूज से कहा कि फिलहाल परमाणु विकल्प पर विचार नहीं किया जा रहा है। हालांकि, अगर ऐसी स्थिति आती है तो निरीक्षकों पर भी इसका असर पड़ेगा। अपनी बात रखते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा कि “मैं दुनिया को बता रहा हूं कि यह केवल इस क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा। यह बहुत व्यापक तौर पर हो सकता है। यह विनाश है।” गीदड़भभकी देते हुए उन्होंने कहा कि “भारत की ओर से पैदा की जा रही स्थिति को देखते हुए हमारे विकल्प कम होते जा रहे हैं।” बता दें कि ख्वाजा आसिफ ने कहा कि “हमले की स्थिति भारत की ओर से पैदा की जा रही है। ऐसे में हमारे पास विकल्प कम (Will Pakistan Use Nuclear) होते जा रहे हैं। उन्होंने परमाणु हथियार के इस्तेमाल पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी।”  एनसीए पाकिस्तान के परमाणु हथियारों (Will Pakistan Use Nuclear) के बारे में परिचालन संबंधी फैसले लेने के लिए जिम्मेदार है View this post on Instagram A post shared by JaiRashtra_News (@jai.rashtranews) इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि “राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण (एनसीए) की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है। एनसीए पाकिस्तान के परमाणु हथियारों (Will Pakistan Use Nuclear) के बारे में परिचालन संबंधी फैसले लेने के लिए जिम्मेदार है।” इस बीच जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि “उन्होंने शनिवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मैक्रो रूबियो से कहा कि अगर भारत सैन्य कार्रवाई बंद कर दे तो पाकिस्तान शांति पर विचार करेगा। डार ने यह भी कहा कि “रूबियो के साथ बातचीत में कहा कि गेंद भारत के पाले में है।” उन्होंने आगे कहा कि “युद्ध हमारी प्राथमिकता नहीं है और हम वास्तव में शांति चाहते हैं, लेकिन किसी देश के आधिपत्य के बिना ऐसा करना चाहते हैं।” अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि “शनिवार की सुबह रूबियो और सऊदी विदेश मंत्री सहित विश्व नेताओं के साथ उनकी बातचीत सकारात्मक,रही और उन्हें उम्मीद है कि भारत के साथ बातचीत शुरू हो सकती है।” इसे भी पढ़ें:-  भारतीय सेना ने बीती रात के हमले का जारी किया वीडियो, इस तरह पाकिस्तानी ड्रोन को हवा में ही दिया उड़ा दुश्मन मुल्क से सतर्क रहने के अलावा भारत के पास कोई विकल्प (Will Pakistan Use Nuclear) नहीं है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पाकिस्तान की करनी और कथनी में जमीन-आसमान का फर्क है। उसकी नीयत पर भरोसा नहीं किया जा सकता। ऐसे में दुश्मन मुल्क से सतर्क रहने के अलावा भारत के पास कोई विकल्प (Will Pakistan Use Nuclear) नहीं है। वैसे भारत एक जिम्मेदार मुल्क है। परमाणु हमले की पहल नहीं करेगा लेकिन यदि पाकिस्तान ने इस तरह कोई नापाक हिमाकत की तो भारत छोड़ेगा भी नहीं। फ़िलहाल दोनों देशों के बीच इस तरह की कोई गुंजाईश नहीं है।  Latest News in Hindi Today Hindi news Will Pakistan Use Nuclear #PakistanNuclearThreat #IndiaPakistanConflict #NuclearWarRisk #SouthAsiaCrisis #PakistanArmy #IndiaDefense #NuclearWeapons #WarAlert2025 #GeopoliticalTension #IndoPakWar

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Officer, 4 Others Killed by Pakistan

killing five including the officer: पाकिस्तान ने राजौरी में अधिकारी के घर बरसाईं गोलियां, अफसर सहित पांच लोगों की हुई मौत

ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान इस कदर भन्नाया हुआ है कि लगातार निर्दोष लोगों को अपना निशाना बना रहा है। इस कड़ी में गुरुवार को भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया। रह-रहकर धमाकों की आवाज़ें सुनाई दे रही हैं। जानकारी के मुताबिक श्रीनगर और आसपास के इलाकों में पाकिस्तान के साथ मुठभेड़ जारी है। अपनी खुन्नस निकालते हुए पाकिस्तान ने जम्मू एयर बेस पठानकोट एयर बेस श्रीनगर पर मिसाइल दागी। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को नाकाम कर दिया है। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की कई चौकियां नष्ट हुई हैं। पाकिस्तानी हमले में एक भारतीय अफसर सहित पांच की मौत हुई है। इस बीच जम्मू-कश्मीर के राजौरी, पुंछ और जम्मू जिलों में शनिवार सुबह हुई भारी पाकिस्तानी गोलाबारी में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी समेत पांच (killing five including the officer) लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है।  एक तोप के गोले से गंभीर रूप से घायल हो (killing five including the officer) गए अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त राज कुमार थापा खबर के मुताबिक पाकिस्तान की इस कार्रवाई पर अधिकारियों ने बताया कि राजौरी के अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त राज कुमार थापा और उनके दो कर्मचारी राजौरी शहर में उनके सरकारी आवास पर एक तोप के गोले से गंभीर रूप से घायल हो (killing five including the officer) गए।” उन्होंने बताया कि “उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां थापा ने दम तोड़ दिया।” इस घटना पर दुःख विकलत करते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि “राजौरी से दुखद समाचार है। हमने जम्मू-कश्मीर प्रशासन सेवा के एक समर्पित अधिकारी को खो दिया है। कल ही वे डिप्टी सीएम के साथ जिले में घूम रहे थे औ”र मेरी अध्यक्षता में हुई ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए थे। आज अधिकारी के आवास पर पाकिस्तानी गोलाबारी की गई, जिसमें हमारे अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त श्री राज कुमार थप्पा की मौत हो गई। इस भयानक जान-माल के नुकसान पर अपने दुख और सदमे को व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।” इसे भी पढ़ें:-  भारतीय सेना ने बीती रात के हमले का जारी किया वीडियो, इस तरह पाकिस्तानी ड्रोन को हवा में ही दिया उड़ा  पुंछ व आरएसपुरा में भी दो लोगों की मौत की पुष्टि की (killing five including the officer) गई है जानकारी के लिए बता दें कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ मिसाइल हमला किया। जम्मू एयर बेस, पठानकोट एयर बेस, श्रीनगर, ब्यास और उधमपुर पर फतेह-1 मिसाइल दागी गई। इन इलाकों में जोरदार धमाके सुने गए। अधिकारियों के मुताबिक बीती रात एयरपोर्ट समेत कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के पास धमाके सुने गए। धमाका होते ही शहर में सायरन बजने लगे। अधिकारियों ने बताया कि एहतियातन तौर पर शहर और घाटी के अधिकतर हिस्सों में बिजली भी काट दी गई है। पाकिस्तान ड्रोन हमलों के साथ ही नौशहरा, पुंछ और कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा पर मोर्टार भी दाग रहा है। इसके अलावा वो गनों से न सिर्फ नागरिक इलाकों को, बल्कि धार्मिक स्थलों को भी निशाना बना रहा है। भारतीय सेना उसकी इस नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब दे रही है। भारत ने पाक की हर मिसाइल को हवा में ही मार गिराया गया है। यही नहीं, जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की कई चौकियां नष्ट हो गईं हैं। पाकिस्तान द्वारा किये गए इस हमले में एक भारतीय सैनिक के शहीद होने की खबर है। पुंछ व आरएसपुरा में भी दो लोगों की मौत की पुष्टि की (killing five including the officer) गई है। बता दें कि पाकिस्तान सेना ने गुरुवार रात राजौरी, पुंछ, उरी, कुपवाड़ा व बारामुला सेक्टरों में मोर्टार और तोपों से भारी गोलाबारी की। पाक की यह गोलीबारी रुक-रूककर जारी है। Latest News in Hindi Today Hindi news killing five including the officer #RajouriAttack #PakistanFiring #IndianArmy #CrossBorderFiring #JammuKashmir #IndiaPakistanTension #TerrorStrike #RajouriNews #JKViolence #NationMourns

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India’s Strong Reply to Pakistan’s Provocation

पाकिस्तान की कार्रवाई का भारत ने दिया करारा जवाब

भारत और पाकिस्तान (India and Pakistan) के बीच सीमा पर तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि भारत ने उसके तीन एयरबेस पर मिसाइल से हमला किया है, जबकि भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए अपने ही खिलाफ हो रही आक्रामक गतिविधियों का खुलासा किया है। भारतीय सेना की ओर से कर्नल सोफिया कुरैशी (Colonel Sophia Qureshi) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पाकिस्तान ने हाल के दिनों में लगातार पश्चिमी सीमा पर युद्ध जैसी गतिविधियाँ की हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी (Colonel Sophia Qureshi) के अनुसार पाकिस्तान ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन्स, लड़ाकू विमानों और हैवी कैलिबर हथियारों का उपयोग कर भारतीय सैन्य ढांचों को निशाना बनाया। श्रीनगर से नलिया तक 26 से अधिक स्थानों पर हवाई घुसपैठ के प्रयास किए गए। भले ही भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने अधिकांश खतरों को निष्क्रिय किया, लेकिन कुछ सैन्य ठिकानों जैसे उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर, भुज और बठिंडा को नुकसान पहुंचा। पाकिस्तान ने पंजाब के एयरबेस स्टेशनों की ओर हाई-स्पीड मिसाइलें दागने की कोशिश की 10 मई की सुबह करीब 1:40 बजे पाकिस्तान ने पंजाब के एयरबेस स्टेशनों की ओर हाई-स्पीड मिसाइलें दागने की कोशिश की। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह रही कि पाकिस्तान ने श्रीनगर, अवंतीपुर और उधमपुर में वायु सेना के अड्डों पर स्थित चिकित्सा केंद्रों और स्कूल परिसरों को भी निशाना बनाया। यह नागरिक ढांचे पर हमला करने की गंभीर और गैर-जिम्मेदाराना कार्रवाई थी, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। भारत ने इस आक्रामकता का जवाब ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत दिया। 06 और 07 मई की रात, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर मौजूद आतंकी ठिकानों पर सटीक एयरस्ट्राइक की। इन हमलों में कम से कम 9 आतंकी ठिकाने तबाह किए गए और कई आतंकवादी मारे गए। भारत ने स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई में किसी नागरिक या पाकिस्तानी सेना को निशाना नहीं बनाया गया। यह ऑपरेशन, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध स्वरूप किया गया था। इसे भी पढ़ें:-  भारतीय सेना ने बीती रात के हमले का जारी किया वीडियो, इस तरह पाकिस्तानी ड्रोन को हवा में ही दिया उड़ा भारत का रुख साफ है – वह शांति का पक्षधर है, लेकिन अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। दूसरी ओर, पाकिस्तान लगातार भारत को उकसाने की नीति पर काम कर रहा है। बीते दो दिनों से रात के समय भारत के विभिन्न शहरों पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किए गए। शुक्रवार को ही भारत के 26 शहरों को निशाना बनाया गया। हालांकि, भारत की एयर डिफेंस सिस्टम (Colonel Sophia Qureshi) ने अधिकतर हमलों को विफल कर दिया। भारत ने यह भी आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने इन हमलों को छिपाने और भ्रम फैलाने के लिए नागरिक विमानों की आड़ ली और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में कई भ्रामक रिपोर्ट्स प्रसारित की। यह कदम अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करता है। वर्तमान हालातों को देखते हुए यह साफ है कि पाकिस्तान की तरफ से लगातार उकसावे की कार्रवाई हो रही है और भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत अब जवाब देने की नीति पर है, और वह भी सटीक, संयमित और मानवता की मर्यादा को बनाए रखते हुए। Latest News in Hindi Today Hindi news  Colonel Sophia Qureshi #IndiaStrikesBack #IndiaPakistanTensions #IndianArmy #PakistanNews #BorderClash #IndiaStrong #IndianResponse #BreakingNews #DefenceUpdate #SouthAsiaConflict

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Why Pakistan Fears INS Vikrant Cost & Capabilities

आईएनएस विक्रांत से क्यों खौफ खाता है पाकिस्तान, कीमत से लेकर क्षमता तक के बारे में जानें सबकुछ

भारत-पाकिस्‍तान में बढ़ते सैन्य टकराव के बीच आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) सुर्खियों में बना हुआ है। पाकिस्तान को घेराबंदी के लिए भारत ने आईएनएस विक्रांत को अरब सागर में करीब से करीब 400 किलोमीटर दूर तैनात किया है। आईएनएसल विक्रांत (INS Vikrant) खुद में एक चलता-फिरता शहर है। यह 2022 में नौसेना में शामिल हुआ। इसके बाद से भारत की समुद्री शक्ति कई गुना बढ़ गई है। आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को टक्कर देने के लिए पाकिस्तान के पास कोई भी विमानवाहक पोत नहीं है। ऐसे में भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव के बीच यह बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है।  आईएनएस विक्रांत को एक चलता-फिरता वॉररूम कहा जाता है। इस जहाज के निर्माण में करीब 20,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इतने पैसे में 10 से 20 आईआईटी और एम्स जैसे शैक्षणिक संस्थान बन जाए। आईएनएस विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है। इसका निर्माण भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (WDB) ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) में किया। इसे बनाने में करीब 30,000 टन हाईग्रेड स्टील का उपयोग हुआ है। आइये आईएनएस विक्रांत की क्षमता और विशेषताएं जानते हैं।  लंबाई: 262 मीटर  चौड़ाई: 62 मीटर  ऊंचाई: 59 मीटर वजन: 43,000 से 45,000 टन  स्पीड: 28 नॉट्स (करीब 52 किमी/घंटा) दूरी क्षमता: 7,500 नॉटिकल मील के लगभग (एक बार ईंधन भरने पर) चालक दल: लगभग 1,600 लोग तैनात  विमान वहन क्षमता- इस पर 36 विमान तैनात किए जा सकते हैं। इसमें लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर दोनों शामिल हैं।  जहाज पर सुविधा- 18 मंजिला इस जहाज में 14 डेक, 2,300 कमरे, 16 बेड का अस्पताल और  तीन पैंट्री हैं।  पेलोड क्षमता- इसमें 30 टन क्षमता वाले दो विशाल लिफ्ट लगे हैं, जिससे विमान व अन्य भारी सामान को लोड किया जाता है। इसे भी पढ़ें:-  भारतीय सेना ने बीती रात के हमले का जारी किया वीडियो, इस तरह पाकिस्तानी ड्रोन को हवा में ही दिया उड़ा  क्‍या रहा है आईएनएस विक्रांत इतिहास? आईएनएस विक्रांत नाम भारत के पहले विमानवाहक पोत के नाम पर रखा गया है। उसे भारत ने इंग्लैंड से खरीदा था और उसने 1961 से लेकर 1997 तक देश की सेवा की। इसने 1971 के भारत-पाक युद्ध के समय बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसकी मदद से ही भारत ने पाकिस्तान के कराची बंदगाह पर हमला कर उसे पूरी तरह से तबाह कर दिया था। जिसकी वजह से पाकिस्तान इसके नाम से ही खौफ खाता है। भारत आईएनएस विक्रांत की मदद से पाकिस्तान के पूरे समुद्री रूट को सील करने के साथ कराची बंदरगाह को फिर से बर्बाद कर सकता है।    Latest News in Hindi Today Hindi news INS Vikrant #INSVikrant #IndianNavy #INSVikrantPower #INSVikrantCost #IndiaVsPakistan #NavalStrength #DefenseNews #AircraftCarrier #IndianDefense #PakistanFearsVikrant

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