वक्फ संशोधन विधेयक JPC से पास, बिल के खिलाफ 11 तो पक्ष में पड़े 14 वोट, विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप 

JPC chairperson Jagdambika Pal

वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Bill) पर विचार करने के लिए संसद की वक्फ जेपीसी की बैठक खत्म हो गई है। वक्फ जेपीसी (JPC) ने इस बिल को 11 के मुकाबले 14 वोट के साथ स्वीकार कर लिया है। जेसीपी ने विपक्षी सदस्यों को आज शाम 4 बजे तक विधेयक पर अपना असहमति नोट देने को कहा है। जेसीपी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को समित ने बहुमत के साथ स्वीकार कर लिया है। इसका विरोध करने वाले सदस्यों को शाम तक अपनी असहमति दर्ज कराने को कहा गया है। 

विपक्षी सांसदों ने जेपीसी के इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया है। विपक्षी सांसदों का कहना है कि, उन्हें अंतिम रिपोर्ट का अध्ययन कर असहमति नोट तैयार करने के लिए समय नहीं दिया गया। शिवसेना (UBT) सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि समय कम मिलने के बाद भी सभी विपक्षी सदस्य अपनी असहमति जेसीपी को देंगे। बता दें कि केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 (Waqf Bill) को बीते 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया था। जहां पर विपक्ष द्वारा असहमति जताए जाने के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया था। अब यह बहुमत के साथ पास हो चुका है। वक्फ जेसीपी (JPC) इस प्रस्तावित बिल को जल्द ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपेगी। 

संशोधन विधेयक पर जेपीसी की बैठक खत्म

इस वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Bill) लाने का उद्देश्य देश में मौजूद वक्फ संपत्तियों को प्रबंधित करने से जुड़े समस्याओं और चुनौतियों का समाधान करना है। इसके लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन किया गया है। उस संशोधन में हुए सुधार पर विपक्षी दलों को आपत्ति थी, जिसे लेकर जेपीसी व बैठक कर रही थी। जेपीसी के इस बैठक में मौजूद भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) के सभी सदस्यों ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। 

विपक्षी सांसदों ने दिए थे 44 बदलाव के प्रस्ताव 

जेपीसी की बैठक में विपक्षी दल के सांसदों ने विधेयक में 44 बदलाव करने को कहा था, जिसे खारिज कर दिया गया था, इस वजह से कई सांसदों ने हंगामा भी मचाया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस वक्फ विधेयक में सभी सांसदों द्वारा कुल 66 संशोधन प्रस्तावित किए गए थे। इसमें से एनडीए (NDA) के सांसदों द्वारा 23 और विपक्षी दलों के सांसदों द्वारा 44 संशोधन प्रस्तावित किए गए थे। जेपीसी (JPC) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि, जेपीसी के सदस्यों की तरफ से आए सभी प्रस्तावों पर विचार किया गया। जिसके बाद बहुमत के साथ कुल 14 संशोधनों को जेपीसी ने मंजूरी दी। उन्होंने बताया कि, जेपीसी पिछले छह महीने से इस विधेयक पर विचार-विमर्श कर रही थी, हमने सभी संशोधनों पर विस्तार से चर्चा की और फिर सभी संशोधन पर मतदान हुआ, जिसमें सदस्यों ने अपना फैसला सुनाया। 

विपक्ष के सांसदों ने जेपीसी अध्यक्ष पर लगाया आरोप

विपक्ष के सांसदों ने जेपीसी के अध्यक्ष पर पक्षपात करने और एनडीए (NDA) सांसदों के प्रति झुकाव का आरोप लगाया है। विपक्ष का दावा है कि वक्फ विधेयक के संसोधन पर गहराई से विचार-विमर्श नहीं हुआ है। दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) में मतदान से पहले जल्दबाजी में इसे मंजूरी देकर चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है। 11 विपक्षी सांसदों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा, “समिति अभी विचार-विमर्श के अंतिम चरण में पहुंची है, हम विपक्ष के सदस्य जेपीसी द्वारा नियमों और प्रक्रियाओं में जल्दबाजी करने पर अपना विरोध दर्ज कराते हैं।”

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मुसलमानों की इबादत छीन रही मोदी सरकार: ओवैसी

जेपीसी द्वारा विधेयक को मंजूरी मिलने पर अससुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा,  ‘मोदी की केंद्र सरकार जो विधेयक लेकर आई है वह वक्फ की प्रॉपर्टी को बचाने की नहीं, बल्कि बर्बाद करने के लिए है। वक्फ मुसलमानों के लिए इबादत से कम नहीं है, अब उसे छीना जा रहा है। मोदी सरकार के पास बहुमत है, इसीलिए उन्होंने इस विधेयक को पास करवा लिया। जब इसे संसद में पेश किया जाएगा, तो हम संसद में अपनी लड़ाई लड़ेंगे। अगर जरूरत पड़े तो सड़क पर आकर भी हम इसका विरोध करेंगे।’

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