महाराष्ट्र के ठाणे जिले स्थित भिवंडी शहर में गणपति विसर्जन हंगामा (Ganpati immersion commotion) होने से तनाव का माहौल बन गया। यह घटना 17 सितंबर की रात को हुई, जब गणपति विसर्जन के लिए एक बड़ी मूर्ति को ले जाया जा रहा था। आइए इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं। रात करीब 12 बजे घुघट नगर से एक बड़ी गणेश मूर्ति को विसर्जन के लिए कामवारी नदी की ओर ले जाया जा रहा था। जब यह मूर्ति वंजरपट्टी नाका से गुजर रही थी, तभी कुछ युवकों ने मूर्ति पर पत्थर फेंक दिए। इस हमले में मूर्ति खंडित हो गई, जिससे वहां मौजूद लोगों में गुस्सा फैल गया।
लोगों की प्रतिक्रिया
मूर्ति पर हुए इस हमले के बाद मंडल के लोगों ने तुरंत हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने एक युवक को पकड़ लिया और उसकी पिटाई करके पुलिस के हवाले कर दिया। मंडल के लोगों ने यह मांग की कि जब तक सभी पत्थरबाजों को पुलिस नहीं पकड़ती, तब तक मूर्ति का विसर्जन नहीं किया जाएगा।
माहौल का बिगड़ना
इस घटना की खबर फैलते ही और भी कई मंडलों के लोग वहां पहुंच गए। वे “जय श्री राम” के नारे लगाने लगे। धीरे-धीरे दोनों समुदायों के लोगों की भीड़ बढ़ने लगी और तनाव का माहौल बन गया।
पुलिस की कार्रवाई
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी, एसीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। पहले तो पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब लोग नहीं माने तो गणपति विसर्जन हंगामा (Ganpati immersion commotion) को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस कार्रवाई में कई लोगों को चोटें आईं और कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
राजनीतिक हस्तक्षेप
मौके पर बीजेपी विधायक महेश चौघुले अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और मामले को शांत करने की कोशिश की। इसके बाद सभी लोग शिवाजी चौक पर इकट्ठा हुए और आगे की कार्रवाई की मांग की।
दूसरे समुदाय की प्रतिक्रिया
इस बीच, हाफिज दरगाह पर भी बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। वहां भी पुलिस तैनात की गई ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की योजना
एडिशनल कमिश्नर ज्ञानेश्वर चव्हाण ने बताया कि “कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।” उन्होंने कहा कि “मामला दर्ज करने के बाद जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” फिलहाल भिवंडी का माहौल शांत है। शहर में पुलिस का भारी बंदोबस्त किया गया है। इस मामले को लेकर डीएसपी कार्यालय में एक बैठक भी बुलाई गई, जिसमें पत्रकार और मोहल्ला कमेटी के लोग भी शामिल थे। यह गणपति विसर्जन हंगामा (Ganpati immersion commotion) भिवंडी में सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने की चुनौती पेश करता है। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए समुदायों के बीच बातचीत और समझ बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही, त्योहारों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता भी इस घटना से सामने आई है।
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