एक नए शोध में, H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के पुनः बढ़ते मामलों ने एक ऐसी विश्व स्तर पर स्वास्थ्य चिंता उत्पन्न कर दी है जिसे हम सबको अधिक से अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। कोविड के बाद इस वायरस के बढ़ने का खतरा सबसे ज्यादा मंडरा रहा है जिसके लक्षण वाइरल संक्रमण वाले ही हैं और दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसके कारण स्वास्थ्य विशेषज्ञों को इसके प्रभाव को कम करने के लिए प्रक्रियात्मक कदम उठाने पड़े हैं।
क्या है H3N2 वायरस?
H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस, इन्फ्लूएंजा ए वायरस का ही एक प्रकार है, जो मौसमी फ्लू प्रकोपों को बढ़ाने में सक्षम है। भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार H3N2 को अन्य इन्फ्लूएंजा की तुलना में अधिक गंभीर होने का यहाँ तक कि अस्पताल में भर्ती होने तक की नौबत आने का प्रमुख कारण माना जाता है।
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, H3N2 वायरस अपने तेजी से बढ़ने की क्षमता के लिए जाना जाता है, जो इस बात को चुनौती देता है कि वायरस के बदलते रूपों और उनकी क्षमता को दूर करने के लिए असरदार टीके विकसित किए जाने की आवश्यकता है।
H3N2 वायरस का बढ़ता खतरा और उसका वैश्विक प्रभाव
H3N2 वायरस के हाल के पुनरुत्थान ने वैश्विक स्वास्थ्य चिंता उत्पन्न कर दी।कई देशों में बढ़ते मामलों और अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में वृद्धि को देखते हुए “गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय” (GADVASU) के पशु शरीर रचना विभाग की शोधकर्ता डॉ. प्रियंका कहती हैं, “उभरते और पुनः उभरने वाले संक्रामक रोगों का खतरा अभी भी खत्म नहीं हुआ है।
कोविड-19 से लेकर एमपॉक्स और अन्य वायरस के संभावित पुनः बढ़नेवाले संक्रामक रोगों ने वैश्विक स्वास्थ्य संकट उत्पन्न कर दिया। H3N2 एक नए किस्म का इन्फ्लूएंजा वायरल संक्रमण है।”
भारत में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 10 मार्च, 2023 तक H3N2 संक्रमणों के कम से कम 451 मामलों की पुष्टि की है, जिनमें दो मौतें भी शामिल हैं। वैश्विक स्तर पर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्थिति पर नजर रखी है, जहां डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस, डब्ल्यूएचओ महानिदेशक, सतर्कता और तैयारी की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा, “उभरते और पुनः उभरने वाले संक्रामक रोगों, जिसमें हाल का H3N2 इन्फ्लूएंजा प्रकोप भी शामिल है, का खतरा वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने और सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर देता है कि सभी देशों के पास ऐसे खतरों का पता लगाने, प्रतिक्रिया देने और नियंत्रित करने के लिए आवश्यक संसाधन और क्षमताएं हों”।
चुनौतियां और चल रही पहल
H3N2 वायरस के पुनरुत्थान ने प्रभावी टीकों और उपचारों को विकसित करने में चुनौतियों को उजागर किया है।
“टीके प्राचीनकाल से ही रोगों से सुरक्षा का प्रभावी तरीका रहे हैं; हालांकि, इन्फ्लूएंजा जैसे वायरसों में, जहां प्रकार अनुकूली दबाव के कारण अपने एंटीजन को बदलता रहता है, वर्तमान में प्रचलित प्रकार के खिलाफ प्रभावी टीके के लिए मांग बदलती रहती है।”
इन चुनौतियों के बावजूद, शोधकर्ता और स्वास्थ्य प्राधिकरण H3N2 वायरस द्वारा पैदा किए गए खतरे से निपटने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
निष्कर्षH3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के पुनरुत्थान ने उभरते और पुनः उभरने वाले संक्रामक रोगों के खिलाफ चल रहे संघर्ष की एक कड़वी याद दिलाई है। जैसे-जैसे वैश्विक स्वास्थ्य प्राधिकरण और शोधकर्ता इस चुनौती से जूझते रहेंगे, यह महत्वपूर्ण है कि हम सतर्क रहें, चल रहे अनुसंधान और विकास प्रयासों का समर्थन करें, और समुदायों के स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा करने के लिए सामूहिक रूप से काम करें।