चीन करे सैन्य अभ्यास: ताइवान करे निंदा।

ताइवान सरकार ने द्वीप के आसपास चीन द्वारा किए गए हालिया सैन्य अभ्यासों की कड़ी निंदा की है और इन्हें “वैश्विक व्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक” करार दिया है। दो दिवसीय इन अभ्यासों का समापन शुक्रवार को हुआ। ये अभ्यास ताइवान की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के शपथ ग्रहण भाषण के महज तीन दिन बाद शुरू किए गए थे, जिसे चीन ने “स्वतंत्रता की घोषणा” माना था।

शनिवार को जारी एक बयान में, ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता क्वो या-हुई ने कहा, “चीन का हालिया सैन्य उकसावा न केवल ताइवान जलसंधि में शांति और स्थिरता को खतरे में डाला बल्कि वैश्विक व्यवस्था को भी चुनौती दी, जिससे व्यापक चिंता और निंदा हुई है।” क्वो ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र और ताइवान जलसंधि में स्थिरता बनाए रखना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के हितों में है और यह वैश्विक सहमति भी है।

सैन्य अभ्यास का विवरण

“संयुक्त तलवार-2024ए” नामक इन सैन्य अभ्यासों का आयोजन चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के ईस्टर्न थिएटर कमांड द्वारा ताइवान जलसंधि, ताइवान द्वीप के उत्तर, दक्षिण और पूर्व में तथा किनमेन, मात्सु, वुक्यू और डोंगयिन द्वीपों के आसपास किया गया। चीनी सैन्य विश्लेषकों के अनुसार, इन अभ्यासों के दौरान चीनी जहाजों ने ताइवान के तटों के पास कभी से ज्यादा नजदीक पहुंचकर ताइवान के नेताओं, बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर हमले का नाटक किया।

ताइवान  की  प्रतिक्रिया

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन के अभ्यासों को “क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को नुकसान पहुंचाने वाला बताया है। इसका जवाब देते हुए, ताइवान ने सागर, वायु और भूमि बलों को तैनात किया और अपने विमानों को अलर्ट पर रखा। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के लिए अभूतपूर्व तीसरी बार सत्ता में आए राष्ट्रपति लाई, ताइवान की संप्रभुता और अनूठी पहचान के समर्थक होने के कारण बीजिंग के लिए अप्रिय हैं।

अंतर्राष्ट्रीय  प्रतिक्रिया

यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के उप कमांडर मरीन कोर्प्स लेफ्टिनेंट जनरल स्टीफन स्क्लेंका ने एशिया-प्रशांत देशों से चीनी सैन्य अभ्यासों की सार्वजनिक रूप से निंदा करने का आह्वान किया। जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा ने ताइवान के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों और ताइवान जलसंधि में शांति बनाए रखने के महत्व को दोहराया।

ताइवान में प्रमुख विपक्षी राष्ट्रवादी पार्टी, जिसे आम तौर पर चीन-पक्षधर माना जाता है, ने भी बीजिंग की कार्रवाइयों की निंदा की और ताइवान जलसंधि में संघर्ष को रोकने और दोनों पक्षों के बीच शांति और विकास के परिणामों को बनाए रखने के लिए संयम बरतने का आह्वान किया।

ताइवान की स्थिति

तनाव बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन ताइवान सरकार क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के अपने संकल्प पर अटल है। क्वो ने जोर देकर कहा कि ताइवान की यह आशा है कि चीन दोनों पक्षों के लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देगा, आपसी लाभ, सह-अस्तित्व की मांग करेगा और ताइवान तथा क्षेत्र के खिलाफ सभी प्रकार की राजनीतिक और सैन्य धमकियों को समाप्त करेगा।

निष्कर्ष

ताइवान सरकार द्वारा चीन के “खतरनाक” सैन्य अभ्यासों की कड़ी निंदा से क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया है। ताइवान ने इन अभ्यासों को “वैश्विक व्यवस्था के लिए बेहद खतरनाक” करार दिया है और कहा है कि ये न केवल ताइवान जलसंधि में शांति और स्थिरता को खतरे में डालते हैं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चिंता और निंदा भी बढ़ा रहे हैं। ताइवान सरकार अपने संकल्प पर अटल है कि वह क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

हालांकि, चीन और ताइवान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है और इससे क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा पैदा हो सकता है। अमेरिका और जापान जैसे प्रमुख देशों ने भी चीन के कदमों की निंदा की है और ताइवान के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की बात कही है। ऐसे में, क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सभी पक्षों को संयम बरतना होगा और एक-दूसरे के हितों का ख्याल रखना होगा। 

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