ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते (Taiwan President Lai Ching-te) ने हाल ही में कहा कि ताइवान चीन के दबाव से नहीं झुकेगा। यह बयान चीन और ताइवान के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच आया है, जिसमें चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और इसके लिए बल का उपयोग करने की धमकी देता है।
संघर्ष का इतिहास
ताइवान और चीन के बीच संघर्ष का इतिहास 1949 के चीनी गृहयुद्ध के बाद से शुरू हुआ, जब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) ने राष्ट्रवादी पार्टी (केएमटी) को हराया और लोगों की जनभूमि (पीआरसी) की स्थापना की। केएमटी ने ताइवान में शरण ली और रिपब्लिक ऑफ चाइना (आरसी) की स्थापना की। तब से ताइवान ने अपना सरकार, अर्थव्यवस्था और सेना रखा है, जबकि चीन ने इसको अपना हिस्सा माना है।
हाल के घटना क्रम
हाल के वर्षों में चीन ने ताइवान में अपनी सेना की मौजूदगी बढ़ाई है, जिसमें नियमित सैन्य अभ्यास और उन्नत हथियारों का उपयोग किया गया है। ताइवान ने इसका जवाब देते हुए अपने आर्थिक संबंधों को दोस्ताना देशों से मजबूत किया और संयुक्त राज्य अमेरिका से हथियार खरीदे।
ताइवान की निर्णायकता
राष्ट्रपति लाई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चीन की स्थिति को माना जाता है, लेकिन ताइवान की संप्रभुता और लोकतांत्रिक जीवन शैली की रक्षा के लिए हमारा निर्णय नहीं बदलेगा। उन्होंने कहा कि ताइवान के लोग चीन के सैन्य अभ्यास और राजनीतिक दबाव से नहीं डरेंगे।
संयुक्त राज्य अमेरिका का समर्थन
संयुक्त राज्य अमेरिका ने ताइवान को सैन्य सहायता और समर्थन दिया है। हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका ने ताइवान को 360 मिलियन डॉलर का हथियार सौदा पास किया है, जिसमें निर्देशित विमान और प्रेशर-गाइडेड मिसाइल शामिल हैं। यह सौदा एक महीने में प्रभावी होगा।
ताइवान की रक्षा मंत्रालय ने पास होने के लिए धन्यवाद दिया है, जिसमें कहा गया है कि यह सौदा ताइवान की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा और चीन की आक्रामकता को रोकेगा।
चीन की प्रतिक्रिया
चीन ने हथियार सौदे की प्रतिक्रिया में कहा कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक संकेत होगा और संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच संबंधों को प्रभावित करेगा।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि ताइवान स्ट्रेट के बीच का स्थिति संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के बाद स्थिर होगी, क्योंकि अगले राष्ट्रपति के बारे में संदेह है।
“संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव का प्रभाव ताइवान मुद्दे पर होगा,” कहा डॉ. चेन वीहुआ, हांगकांग के चीनी विश्वविद्यालय के ताइवान विशेषज्ञ।
प्रभावकारी अभियान
चीन ने ताइवान के खिलाफ नया प्रभावकारी अभियान शुरू किया है, जिसमें कहा गया है कि ताइवान की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले लोग ताइवान को युद्ध के कगार पर ले जाएंगे और इसके लोगों को नुकसान पहुंचाएगे। चीन ने फिर से कहा है कि वह ताइवान के लोगों को क्रॉस-स्ट्रेट संपर्कों में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहा है।
विपक्षी पार्टी की प्रतिक्रिया
ताइवान की मुख्य विपक्षी पार्टी, चीन-फ्रेंडली केएमटी, ने कहा कि सरकार “युद्ध के लिए सेटिंग” कर रही है और चीन से शांति के लिए काम करेगा।
“हम चीन से शांति और स्थिरता के लिए काम करेंगे,” कहा केएमटी के अध्यक्ष जॉनी चियांग।
ताइवान के राष्ट्रपति लाई ने कहा कि ताइवान चीन के दबाव से नहीं झुकेगा और इसकी संप्रभुता और लोकतांत्रिक जीवन शैली की रक्षा के लिए लड़ेगा। संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी ताइवान को सैन्य सहायता और समर्थन दिया है, जिसमें हथियार सौदे की पास होने की घोषणा की गई है। चीन ने भी इसकी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें कहा गया है कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए एक संकेत होगा।