पंडित प्रदीप मिश्रा, जो शिव पुराण पर आधारित कथाओं के लिए प्रसिद्ध हैं, हाल ही में राधा रानी के बारे में दिए गए अपने विवादित बयानों के कारण विवादों में घिर गए थे। उनके बयानों ने ब्रजवासियों और संत समाज में आक्रोश उत्पन्न किया, जिससे उन्हें अंततः माफी मांगनी पड़ी।
विवादित बयान
पंडित प्रदीप मिश्रा ने एक कथा के दौरान कुछ बातें कही थीं, जो विवाद का कारण बनीं:
राधा रानी का मूल स्थान: उन्होंने कहा कि राधा रानी बरसाने की नहीं बल्कि रावल गांव की रहने वाली हैं।
विवाह: उन्होंने दावा किया कि राधा रानी का विवाह मथुरा के छाता गांव के निवासी अनय घोष के साथ हुआ था।
कृष्ण भगवान की पत्नियां: उन्होंने कहा कि कृष्ण भगवान की पत्नियों में राधा रानी का नाम नहीं है।
इन बयानों के बाद उन्हें ब्रजवासियों और संत समाज का कड़ा विरोध सहना पड़ा। उनके बयानों ने ब्रजवासियों की धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई, जिससे यह विवाद बढ़ता चला गया।
माफी की प्रक्रिया
इस विवाद के बढ़ने के बाद, पंडित प्रदीप मिश्रा ने 29 जून को बरसाना के श्रीजी मंदिर में जाकर दंडवत प्रणाम कर माफी मांगी। उन्होंने सार्वजनिक रूप से नाक रगड़कर और ब्रजवासियों से क्षमा याचना की। उन्होंने कहा, “मेरी वाणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो उसके लिए माफी मांगता हूं। मैं ब्रजवासियों के चरणों में दंडवत माफी मांगता हूं। मैं लाडली जी और बरसाना सरकार से क्षमा चाहता हूं।”
बरसाना पहुंचकर पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रीजी मंदिर में दंडवत प्रणाम करते हुए नाक रगड़कर माफी मांगी। मंदिर से बाहर आकर उन्होंने ब्रजवासियों से भी माफी मांगी। उन्होंने अपने बयानों के कारण हुई भावनात्मक ठेस के लिए खेद व्यक्त किया और कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था।
विवाद का प्रभाव
संत समाज और ब्रजवासी: उनके बयानों के बाद उन्हें ब्रजवासियों और संत समाज का कड़ा विरोध सहना पड़ा। 24 जून को मथुरा में ब्रज के संतों और लोगों ने एक महापंचायत बुलाई थी, जिसमें प्रदीप मिश्रा को माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया गया था। इस महापंचायत में पंडित मिश्रा के बयानों की निंदा की गई और उनसे सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की गई।
धमकियां: उनके बयानों के बाद उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं, जिससे मंदिर में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। प्रदीप मिश्रा की सुरक्षा के लिए पुलिस बल को तैनात किया गया था और उनके आवास के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
पंडित प्रदीप मिश्रा का परिचय
जन्म और प्रारंभिक जीवन: पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म 1980 में सिहोर में हुआ था और उनका एक नाम रघु राम भी है। उन्होंने ग्रेजुएशन तक की शिक्षा प्राप्त की है।
भक्ति भजन में रुचि: बचपन से ही भक्ति भजन में रुचि रखते थे। शुरू में वे शिव मंदिर में कथा सुनाते थे और मंदिर की सफाई भी करते थे। धीरे-धीरे उन्होंने मंच पर कथा सुनाना शुरू किया और सीहोर वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध हो गए।
पंडित प्रदीप मिश्रा शिव पुराण पर आधारित कथाओं के वाचन के लिए जाने जाते हैं। उनकी कथाओं में धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों की गहराई से चर्चा होती है। उनके भक्त उनकी कथाओं को सुनने के लिए दूर-दूर से आते हैं और उनकी कथाओं को सुनकर भक्ति में लीन हो जाते हैं।