Pakistan की करतूत ने जहां ली थी 30 हजार जानें, वहां 15 अगस्त को जनता के लिए खुलेगा बलिदान स्तंभ 

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देश की सुरक्षा और स्‍वतंत्रता के लिए बलिदान देने वाले शहीदों की याद में कश्मीर के राजौरी में भव्‍य बलिदान स्तंभ स्मारक बनकर तैयार हो चुका है। इसे आम जनता के लिए 15 अगस्त को खोला जाएगा। यह जानकारी श्रीनगर नगर निगम कमिश्‍नर आयुक्त डॉ. ओवैस अहमद ने मीडिया से बातचीत के दौरान दी। डॉ. ओवैस अहमद ने कहा, “हमने इस बलिदान स्तंभ को 15 अगस्त तक तैयार रखने की प्रतिबद्धता जताई थी, जो पूरा किया। आम लोगों से निवेदन है कि वे इस स्थान पर आकर अपने महान नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करें।” पत्रकारों से बातचीत में ओवैस अहमद ने बताया कि इस स्थान पर आने के लिए आम लोगों को कोई प्रवेश शुल्क नहीं देना पड़ेगा। यह जगह जम्‍मू कश्‍मीर की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीदों का बलिदान हमेशा याद दिलाता रहेगा। इस परियोजना में कुल 4.8 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

पाकिस्तान (Pakistan) ने 30 हजार निर्दोष लोगों की ली थी जान 

बता दें कि यह बलिदान स्तंभ सन् 1947 में पाकिस्तान के नापाक इरादें की याद दिलाता है। 200 साल की गुलामी से आजादी मिलने के बाद जब पूरा भारत इसका जश्‍न मना रहा था, तब दो माह पहले अस्तित्व में आया पाकिस्‍तान हमारे देश पर आक्रमण का प्‍लान बना रहा था। जम्मू कश्मीर के तत्कालीन राजा हरि सिंह भारत में शामिल होना चाहते थे, लेकिन इसी समय पाकिस्तान के सैनिकों ने कबायलियों के साथ मिलकर कश्मीर पर आक्रमण कर दिया। राजा हरि सिंह ने जम्‍मू कश्‍मीर को तुरंत भारत में विलय की घोषणा कर दी लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। इन दरिंदों ने कश्‍मीर के अंदर तक घुस सैकड़ों कश्‍मीरी महिलाओं की अस्मत लूट ली और करीब 30 हजार निर्दोष लोगों की जान ले ली। 

 कबायलियों ने राजौरी में घुसते ही लोगों को उतारा मौत के घाट 

राजौरी में घुसते ही इन कबायलियों ने जो भी दिखता उसे मौत के घाट उतारना शुरू कर दिया और महिलाओं की इज्जत लूटने लगे। सैकड़ों कश्‍मीरियों ने अपने प्राणों की आहूति देकर इन आक्रमणकारियों का डट कर सामना किया और जब तक भारतीय सेना वहां नहीं पहुंच गई, उन्‍हें आगे बढ़ने से रोके रखा। अब उसी स्थान पर यह बलिदान स्तंभ बनकर तैयार हुआ है। 

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