भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वस्तु एवं सेवा कर एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हुआ है। इसे 2017 में लागू किया गया था, जिसने देश में अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को एक नया रूप दिया। आइए देखें कि जीएसटी ने भारतीय अर्थव्यवस्था (Role of GST in Indian Economy) को कैसे प्रभावित किया है:
एकल कर प्रणाली (Single Tax System): जीएसटी से पहले, वस्तुओं और सेवाओं पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारों द्वारा कई तरह के कर लगाए जाते थे। इससे कर प्रणाली जटिल हो जाती थी और व्यवसायों के लिए अनुपालन करना बोझपूर्ण था। जीएसटी (GST) ने इन सभी करों को एकल कर के अंतर्गत ला दिया, जिससे कर प्रणाली सरल और पारदर्शी हो गई।
आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा (Promote Economic Growth): जीएसटी (GST) ने आपूर्ति श्रृंखला को दुरुस्त बनाकर और वस्तुओं की आवाजाही को सुगम बनाकर कारोबार करने की लागत को घटा दिया है। इससे व्यापारियों को अधिक लाभ कमाने और निवेश बढ़ाने का अवसर मिला है। साथ ही, कम कर बोझ से उपभोक्ताओं के पास खर्च करने योग्य आय बढ़ी है, जिससे मांग में वृद्धि हुई है।
कर चोरी रोकना (Stop Tax Evasion): जीएसटी एक इनपुट टैक्स क्रेडिट प्रणाली (Tax Credit System) पर आधारित है, जिसके तहत किसी उत्पाद पर भुगतान किए गए कर का दावा अगले चरण में किया जा सकता है। इससे कर चोरी करने के लिए बहुत कम गुंजाइश रह जाती है। जीएसटी (GST) ने कर संग्रह में भी सुधार किया है, जिससे सरकार के पास बुनियादी ढांचा विकास और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों पर खर्च करने के लिए अधिक धन उपलब्ध हुआ है।
हालांकि जीएसटी (GST) को लागू करने में कुछ शुरुआती चुनौतियां थीं, लेकिन इसने भारतीय अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है और सरकार इसे और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उम्मीद है कि आने वाले समय में जीएसटी भारतीय अर्थव्यवस्था (Role of GST in Indian Economy) को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।