Court verdict Chinmoy Krishna: बांग्लादेश की अदालत ने ख़ारिज की चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका

अगस्त में प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत और बांग्लादेश के सबंधों की बीच कड़वाहट आ गई है। वहां रह रहे अल्पसंख्यक हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमले हो रहे हैं और उनके मंदिरों को जलाया जा रहा है। इन हमलों में सैकड़ों हिन्दुओं की जान चली गई है। यही नहीं, हिन्दू नेताओं पर देशद्रोह का झूठा आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया है। इस बीच बांग्लादेश के चटगांव की एक अदालत ने जेल में बंद चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका खारिज कर दी। बता दें कि इस्कॉन के पूर्व सदस्य और बांग्लादेश सम्मिलितो सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय दास को 25 नवंबर को देशद्रोह के मामले में ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद हिंदुओं ने देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। 

अदालत में चिन्मय दस का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील (Court verdict Chinmoy Krishna) नहीं मिल रहा था

ढाका की द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक ढाका से चटगांव गए 11 सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की एक टीम द्वारा दाखिल जमानत याचिका  (Court verdict Chinmoy Krishna) को मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश एमडी सैफुल इस्लाम ने लगभग 30 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खारिज कर दिया। 11 वकीलों की टीम का नेतृत्व अधिवक्ता अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने किया। अपूर्व सम्मिलितो सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता भी हैं। इसी संगठन का हिस्सा चिन्मय कृष्ण दास भी हैं। बता दें कि इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा सार्वजनिक पिटाई की धमकी के बाद चटगांव अदालत में चिन्मय का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील नहीं मिल रहा था। जिसके एक महीने बाद आज कड़ी सुरक्षा के बीच सुनवाई हुई।

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अदालत द्वारा चिन्मय कृष्ण की जमानत पर सुनवाई 2 जनवरी तक टाल  (Court verdict Chinmoy Krishna) दी गई थी

चिन्मय कृष्ण दास के पिछले वकील, रबींद्रनाथ घोष सीने में दर्द की वजह से कोलकाता के सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती हैं। 75 वर्षीय घोष ने दिसंबर में चिन्मय दास के लिए कानूनी मदद लेने की भरपूर कोशिश की थी। वरिष्ठ वकील घोष ने कहा कि “जब वह जमानत याचिका दायर करने गए, तो अदालत के बाहर उन्हें परेशान किया गया और उन पर हमला किया गया।” इस बीच सुनवाई के दौरान सैकड़ों वकील अदालत कक्ष में भिड़ गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई। इस दरम्यान वकील नहीं मिलने का हवाला देते हुए एक अदालत द्वारा उनकी जमानत पर सुनवाई को 2 जनवरी तक के लिए टाल  (Court verdict Chinmoy Krishna) दिया गया था।

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