Bangladeshi Americans Hindu support: बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी लोगों ने हिंदुओं के समर्थन में ट्रंप से की यह मांग
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार का तख्ता पलट होने के बाद से बांग्लादेश में लगातार कट्टपंथियों द्वारा हिंदुओं के खिलाफ हिंसा जारी है। दुनिया भर में बांग्लादेश में बढ़ती कट्टरपंथी सोच, आतंकवाद और हिंसा का विरोध हो रहा है। भारत सरकार ने इस हिंसा को लेकर मौजूदा यूनुस सरकार को फटकार भी लगाई है। हिंसा का आलम यह कि अब इसका विरोध अमेरिका में भी देखने को मिल रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक अमेरिका में बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी (Bangladeshi Americans Hindu support) हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदाय के लोगों ने कड़ा विरोध जताया है। बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी लोगों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आग्रह किया है कि वह बांग्लादेश में धार्मिक एवं जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी अत्याचार के संबंध में हस्तक्षेप करें।
बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी लोगों ने (Bangladeshi Americans Hindu support) हिंदुओं की रक्षा करने का किया अनुरोध
यही नहीं, बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी लोगों ने (Bangladeshi Americans Hindu support) इस्लामी ताकतों से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए अस्तित्व का संकट उत्पन्न होने का खतरा बताते हुए ट्रंप से बांग्लादेश में उनकी रक्षा में मदद का अनुरोध किया है। बता दें कि हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई करने हेतु ट्रंप से आग्रह करते हुए बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी लोगों ने कहा कि “बांग्लादेश में कट्टरपंथ का खतरा बढ़ रहा है, जिसका ना सिर्फ दक्षिण एशिया, बल्कि शेष विश्व पर भी दूरगामी प्रभाव हो सकता है।” जानकारी के मुताबिक ट्रंप को संबोधित एक ज्ञापन में लोगों ने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में बांग्लादेश की भागीदारी को आंतरिक जातीय और धार्मिक उत्पीड़न की समाप्ति से जोड़ने का सुझाव दिया।
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अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम का भी रखा प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेशी मूल के अमेरिकी लोगों ने (Bangladeshi Americans Hindu support) दिए ज्ञापन में अल्पसंख्यकों और स्वदेशी समूहों को आधिकारिक तौर पर मान्यता देने के लिए एक व्यापक अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम का भी प्रस्ताव रखा गया है। इन प्रमुख सिफारिशों में, अल्पसंख्यक समुदायों के लिए सुरक्षित क्षेत्रों की स्थापना, अल्पसंख्यकों के लिए अलग चुनावी व्यवस्था और धार्मिक प्रथाओं एवं सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा के लिए अपराध को भड़काने वाले एवं नफरती भाषण के खिलाफ कानून बनाना इत्यादि शामिल है। देखना यह दिलचस्प होगा कि बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति क्या कदम उठाते हैं।
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