हाईकोर्ट ने लखनऊ की NEET छात्रा आयुषी पटेल की याचिका को खारिज कर दिया है। आयुषी ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर NEET यूजी-2024 परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया था। कोर्ट ने निर्णय दिया कि आयुषी ने फर्जी दस्तावेज पेश किए थे, जबकि एनटीए ने मूल दस्तावेज पेश किए थे। नतीजतन, कोर्ट ने एनटीए को आवश्यक कार्रवाई करने की अनुमति दी।
आयुषी ने कहा कि एनटीए ने उसे एक फटी हुई OMR शीट भेजी थी और उसका रिजल्ट नहीं दिया था। कोर्ट ने NTA से सभी दस्तावेज देने को कहा। एनटीए के दस्तावेजों से पता चला कि आयुषी ने फर्जी दस्तावेजों पर याचिका दायर की थी।
आयुषी ने कहा था कि उसके NEET परीक्षा में 720 में से 715 अंक मिले हैं, लेकिन वास्तव में उसके सिर्फ 355 अंक मिले थे। उसने कहा कि एनटीए ने फटी हुई ओएमआर शीट के कारण उसका रिजल्ट रोक लिया था। आयुषी ने इस विषय पर एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, जो बहुत जल्दी वायरल हो गया। कांग्रेस अध्यक्ष प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया, जिससे देश भर में चर्चा हुई।
एनटीए ने कहा कि छात्रा को कोई मेल नहीं भेजा गया था जिसमें फटी ओएमआर शीट का चित्र था। एनटीए ने कहा कि छात्रा पर गलत आरोप थे और उसके दस्तावेज फर्जी थे। मामले की जांच में यह भी पता चला कि Ayushi का परिणाम गलत एप्लीकेशन नंबर के कारण रोका गया था। आयुषी का सही आवेदन नंबर 240411840741 था, लेकिन उसने 240411340741 से गलत परिणाम देखा था। वह सही एप्लीकेशन नंबर से जांच करने पर सिर्फ 355 अंक पाया।
NTA के डिप्टी डायरेक्टर संदीप शर्मा ने आयुषी की मूल OMR शीट को कोर्ट में पेश किया। NTA को बाद में छात्रा के खिलाफ कानून की कार्रवाई करने की अनुमति दी गई और याचिका खारिज कर दी गई।
यह मामला NTA की विश्वसनीयता और परीक्षा प्रणाली को चिंतित करता था, लेकिन कोर्ट ने कहा कि एनटीए ने सही तरीके से काम किया है और छात्रा के आरोप फर्जी हैं। NTA छात्रा के खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई कर सकता है।
इस पूरे मामले से स्पष्ट होता है कि सही तथ्यों और दस्तावेजों की जांच हर परीक्षा या सार्वजनिक मुद्दे पर आरोप लगाने से पहले की जरूरत है, ताकि न्यायालयों और जांच अधिकारियों का समय बर्बाद न हो और न्याय सही तरीके से हो सके।