गजब, यहां बिन दूल्हे ही करवा दिए कन्याओं के सात फेरे, इतने हजार लेकर बांट भी दिए सर्टिफिकेट

वैसे तो शादी करने के लिए कोई हो या न हो, कम से कम एक दूल्हा और दुल्हन तो चाहिए ही। दुनिया का रवायत भी यही है कि बिना दूल्हे और दुल्हन के शादी नहीं हो सकती। यह तो सभी जानते हैं, लेकिन आपसे कहूं कि उत्तर प्रदेश, अरे वही उत्तर प्रदेश जहां योगीजी सरकार है। वही उत्तर प्रदेश जहां गलती करने पर सीधे बुलडोज़र चलता है। यकीन मानिए उसी उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। दरअसल, आरोप है कि दर्जन भर से अधिक कन्याओं का विवाह बिना दूल्हे के साथ सात फेरे लिए ही करवा दिए गए। यहां तो तक गनीमत थी कि बिना दूल्हे के सात फेरे करवा दिए, लेकिन हद तो तब हो गई जब उन सभी को शादी का सर्टिफिकेट भी बांट दिया। और तो और इसके लिए बाकायदा सबसे 10-10 हजार नकद रिश्वत भी ली गई। है न कमाल की बात। आज के इस डिजिटल भारत में लोग समझदार हो गए हैं, रिश्वत लेते हैं वो भी कैश में। खैर, मामला प्रकाश में आने के बाद हड़कंप मचा गया है। 

दो दर्जन से अधिक कन्याओं के वर (दूल्हे) विवाह समारोह में शामिल ही नहीं हुए

मामले की शिकायत योगी सरकार से करने के बाद आलाधिकारियों के हाथ-पांव फूल आये हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता डीएस मौर्य ने समाज कल्याण राज्यमंत्री को पत्र भेजकर यह आरोप लगाया है है कि 23 नवंबर 2024 को सिराथू ब्लॉक के बाबू सिंह डिग्री कॉलेज में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया था। उक्त आयोजन में 200 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया गया। दो दर्जन से अधिक कन्याओं के वर (दूल्हे) विवाह समारोह में शामिल नहीं हुए थे। आरोप है कि समाज कल्याण विभाग के सहायक विकास अधिकारी ने लोगों से 10-10 हजार रुपये लेकर कागजों पर ही शादी करवा दी। 

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लाभार्थियों को नहीं दिया जाएगा शासन की ओर से मिलने वाला लाभ 

मजे की बात यह कि उक्त मामले की शिकायत जब समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री से की गई तो प्रशासन में हड़कंप मच गया। जानकारी के मुताबिक डीएम मधुसूदन हुल्गी ने संबंधित मामले में जांच टीम गठित कर दी है। इस बीच डीएम ने बताया कि “ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद सत्यापन होता है। उसके बाद ही जोड़ों को शादी समारोह में शामिल कर विवाह संपन्न कराया जाता है। यदि जांच में यह आरोप सही पाए गए तो ऐसे लाभार्थियों को शासन की ओर से मिलने वाला लाभ नहीं दिया जाएगा और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।”

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