Nimisha Priya case: निमिषा प्रिया को बचाने की कोशिश रही नाकाम, राष्ट्रपति अलीमी ने ख़ारिज की अपील
भारत की नर्स निमिषा प्रिया (Nimisha Priya case) को बचाने की परिवार की साड़ी कोशिशें नाकाम हो गई हैं। यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने निमिषा प्रिया की फांसी की मंजूरी दे दी है। परिवार लंबे समय से अपनी 36 साल की बेटी को मौत की सजा से बचाने की कोशिश में लगा था। बेशक यमन के राष्ट्रपति का यह फैसला प्रिया के परिवार के लिए एक बड़े झटके की तरह है। निमिषा को बचाने के लिए ब्लड मनी देने की कोशिश हुई और राष्ट्रपति से भी माफी मांगी गई। लेकिन ना तो ब्लड मनी पर बात बनी और ना ही राष्ट्रपति से माफी ही मिल पाई।
निमिषा प्रिया (Nimisha Priya case) को यमनी नागरिक की हत्या के मामले में सुनाई गई है मौत की सजा
दरअसल, साल 2017 में केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली निमिषा प्रिया (Nimisha Priya case) को यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। वो साल 2017 से यमन की जेल में बंद है। यमनी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद अगले एक महीने भीतर निमिषा को फांसी दी जा सकती है। इस पूरे मामले पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि “भारत सरकार यमन की राजधानी सना की सेंट्रल जेल में बंद नर्स निमिषा प्रिया को हरसंभव मदद दे रही है।” बता दें कि निमिषा अपने पति और बेटी के साथ साल 2012 में यमन गई थीं। और वहां वह बतौर नर्स काम कर रही थीं। साल 2014 में उनके पति और बेटी भारत लौट आए थे। इसके बाद साल 2016 में यमन में गृहयुद्ध की वजह से देश से बाहर आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई थी। ऐसे में वह वापस यमन नहीं जा सके। इस बीच निमिषा ने कई अस्पतालों में काम करने के बाद यमन में अपना क्लीनिक खोल लिया। कहा जा जाता है कि इस काम में यमन के नागरिक तलाल महदी ने निमिषा की बड़ी मदद की थी।
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निमिषा (Nimisha Priya case) के इंजेक्शन के ओवरडोज से तलाल की हो गई मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बीच जब निमिषा प्रिया (Nimisha Priya case)क्लीनिक से कमाई करने लगीं तो तलाल ने अपना हिस्सा मांगा। इसे लेकर दोनों के रिश्तों में तल्खियां बढ़ती गई और नौबत मार-पीट तक आ गई। इस दरम्यान साल 2016 में निमिषा ने पुलिस में तलाल पर टॉर्चर करने की शिकायत दी थी। शिकायत मिलने के बाद उसकी तलाल को गिरफ्तार कर लिया गया। जेल से बाहर आने पर तलाल ने निमिषा को फिर परेशान किया और उसका पासपोर्ट अपने पास रख लिया। इस बीच साल 2017 में अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए निमिषा ने तलाल को नशीला इंजेक्शन लगाया। और इंजेक्शन की ओवरडोज की वजह से उसकी मौत हो गई। तलाल की मौत होने के बाद निमिषा ने दोस्त अब्दुल हनान की मदद से उसकी बॉडी के टुकड़े कर पानी के टैंक में डिस्पोज कर दिया। मामले की जांच करते हुए अगस्त साल 2017 में पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। अदालत ने दोनों को आरोपी ठहराते हुए निमिषा को फांसी और अब्दुल हनान को उम्रकैद की सजा सुनाई।
राष्ट्रपति ने निमिषा प्रिया की सजा माफी की अपील को किया खारिज
हालांकि इस केस के बाद निमिषा (Nimisha Priya case) ने यमन से भागने की कोशिश भी की थी ,वो भाग पाती इससे पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया। यमनी अदालत ने साल 2018 में प्रिया को हत्या का दोषी ठहराया और 2020 में मौत की सजा सुनाई। यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने भी नवंबर 2023 में प्रिया की सजा को बरकरार रखा। इसके बाद प्रिया के परिवार के पास आखिरी विकल्प के तौर ब्लड मनी और राष्ट्रपति से गुहार का विकल्प ही बचा था। निमिषा प्रिया की मां प्रेमा कुमारी ने लगातार पीड़ित परिवार के साथ ब्लड मनी पर बातचीत करने की कोशिश की। इस पर काफी समय बातचीत भी चली, लेकिन आखिर में ये सफल नहीं हो सकी। अब तो राष्ट्रपति ने भी सजा माफी की अपील को खारिज कर दिया है।
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