Rohingya camps in UP: योगी के राज्य में 7 हजार से अधिक अवैध झुग्गियों में रह रहे हैं पौने 2 लाख रोहिंग्या

योगी के राज्य में अवैध रूप से रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों के रहने का खुलासा हुआ हुआ है। दरअसल, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में करीब दो लाख बांग्लादेशियों के रहने की खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक अधिकतर रोहिंग्या और बांग्लादेशी शहर में खाली पड़े प्लॉटों पर अवैध रूप से झुग्गी-झोपड़ियों में रह रहे हैं। इस तरह नगर निगम की शुरुआती जांच में तकरीबन 7335 झुग्गियां (Rohingya camps in) सामने आई हैं। इन झुग्गियों में बांग्लादेशी घुसपैठिए रह रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए महापौर ने कहा कि “यदि समय रहते बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को नहीं रोका गया, तो भविष्य में वे शहर के लिए खतरा बन जाएंगे। इसीलिए नगर निगम ने झुग्गियों में पहचान पत्र सत्यापन शुरू कर दिया है। जांच में मिले बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को जल्द ही प्रशासन की मदद से बाहर निकाला जाएगा।”

तीन दशक पहले कुछ बांग्लादेशी शहर (Rohingya camps in) में रहने आए थे

प्रेस को संबोधित करते हुए महापौर ने कहा कि “रविवार को जोन सात में बांग्लादेशियों ने नगर निगम की टीम पर हमला किया था। अब वहां खाली प्लॉटों का सर्वे चल रहा है। इसकी रिपोर्ट प्रभारी मंत्री और डीएम को भेजी जाएगी। इसके बाद प्रशासन की मदद से बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को बाहर निकाला जाएगा।” इसपर महापौर ने कहा कि “तीन दशक पहले कुछ बांग्लादेशी शहर (Rohingya camps in) में आए थे। अब इनकी संख्या करीब दो लाख पहुंच गई है। ये लोग दिन में सफाई करते हैं और रात में चोरी करते हैं।”

 असमिया के नाम पर रह रहे हैं बांग्लादेशी और रोहिंग्या (Rohingya camps in)

इस बीच मेयर ने बताया कि “चिनहट में हुई बैंक डकैती में इनका नाम आया था। ये लोग लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। इनके फर्जी वोटर कार्ड बनाए जा रहे हैं।” मेयर ने यह भी बताया कि “शहर के सभी आठ जोन में नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वे में पता चला है कि खाली प्लॉटों पर 7335 से ज्यादा अवैध झुग्गियां हैं। इनमें दो लाख से ज्यादा लोग रह रहे हैं। यहां कितने बांग्लादेशी और रोहिंग्या (Rohingya camps in) असमिया के नाम पर रह रहे हैं, इसकी जांच कराई जा रही है।” खरकवाल मेयर ने कहा कि “अगर झोपड़ी नंबर के आधार पर नगर निगम द्वारा बांग्लादेशियों को जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं तो इसकी जांच कराई । इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। झोपड़ियों में पानी और बिजली के कनेक्शन कैसे दिए गए, इसकी भी जांच कराई जाएगी।”

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पता लगाया जा रहा है कि इनका आधार कब और कैसे बना

 जानकारी के मुताबक मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि “झुग्गियों में रहने वाले लोगों के पास मिले आईडी की क्रॉस चेकिंग कराई जा रही है।” आधार कार्ड पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है और यह पता लगाया जा रहा है कि इनका आधार कब और कैसे बना। और इसे बनाने के लिए किन दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया। अगर जरूरत पड़ी तो संबंधित राज्यों से भी अभिलेखों का सत्यापन कराया जाएगा।”

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