लद्दाख में अचानक आई बाढ़, सेना की टैंक डूबने से हुए पांच जवान शहीद।

घटना के एक दुखद मोड़ में, लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास न्योमा-चुशुल क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ के कारण टी-72 टैंक के डूबने से पांच भारतीय सेना के जवान बलिदान हो गए। यह घटना शनिवार की सुबह लगभग 1 बजे एक प्रथागत प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान हुई।

घटना की विशिष्टताएँ

यह दुखद घटना मंदिर मोड़ के आसपास हुई, जो लेह से लगभग 148 किलोमीटर दूर है। पानी के स्तर में अचानक आई वृद्धि के कारण टैंक डूब गया और ठीक उसी समय सैनिक नदी पार करने का अभ्यास कर रहे थे। अचानक आई इस बाढ़ में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और विमान में सवार चार जवानों को अपनी चपेट में ले लिया।

आधिकारिक वक्तव्य और प्रतिक्रियाएँ

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “लद्दाख में एक नदी के पार टैंक ले जाते समय एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हमारे पांच बहादुर भारतीय सेना के सैनिकों की शहादत पर गहरा दुख हुआ। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और उन्हें इस चुनौतीपूर्ण अवधि के दौरान राष्ट्र के अटूट समर्थन का आश्वासन दिया।

घटना के तुरंत बाद बचाव अभियान शुरू किया गया। रक्षा अधिकारियों के अनुसार, एक सैनिक का शव शुरू में बरामद किया गया था, और शेष कर्मियों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। अंततः, स्थल से सभी पाँच शवों की बरामदगी के साथ दुखद घटना की पुष्टि हुई।

ऐतिहासिक संदर्भ और हाल की घटनाएं

यह दुखद घटना उन घटनाओं की एक श्रृंखला में सबसे हाल ही की है जिन्होंने इस क्षेत्र में सेना के सामने आने वाले खतरों को रेखांकित किया है। पिछले साल लेह जिले में कियारी के पास सेना का एक ट्रक सड़क से भटककर गहरी खाई में गिर गया था, जिसमें एक जेसीओ और नौ सैनिकों ने अपनी जान का बलिदान कर दिया। लद्दाख में कठोर और अप्रत्याशित मौसम की स्थिति के परिणामस्वरूप सैन्य अभियानों के लिए महत्वपूर्ण जोखिम बने हुए हैं।

अधिक सामान्य संदर्भः भारत-चीन सीमा पर तनाव

लद्दाख में मई 2020 से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच गतिरोध जारी है। इस तथ्य के बावजूद कि दोनों पक्ष कई टकराव वाले बिंदुओं से अलग हो गए हैं, सीमा विवाद का एक व्यापक समाधान मुश्किल बना हुआ है। भारतीय सेना प्रमुख मनोज पांडे ने हाल ही में स्थिति को “स्थिर लेकिन संवेदनशील” बताते हुए चीन के साथ उत्तरी सीमाओं पर किसी भी बाधा से निपटने के लिए भारतीय सेना की तैयारी को रेखांकित किया।

सीमा मुद्दों पर सरकार का रुख

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के साथ लंबित सीमा मुद्दों को हल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सरकार के मौजूदा कार्यकाल में इन चिंताओं को दूर करने पर प्राथमिक ध्यान दिया जाएगा।अचानक आई बाढ़ के परिणामस्वरूप लद्दाख में पांच साहसी सैनिकों का नुकसान उन अंतर्निहित जोखिमों की याद दिलाता है जो कठिन इलाकों में सैन्य अभ्यासों से जुड़े हैं। संवेदनशील सीमाओं पर सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, भारतीय सेना को पर्याप्त परिचालन खतरों का सामना करना पड़ रहा है। यह घटना ऐसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में प्रशिक्षण और परिचालन गतिविधियों के दौरान जारी सतर्कता और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती है।

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